अयोध्या में राम के नाम पर कौन बना रहा है करोड़ों रुपए? देखिए कांग्रेस के आरोप

Ayodhya land scam Priyanka Gandhi
Ayodhya land scam Priyanka Gandhi

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Temple) निर्माण में घोटाले का आरोप लगाया है. प्रियंका गांधी ने कहा कि अयोध्या में दलितों की ऐसी जमीनें भी खरीदीं गईं, जो खरीदने योग्य हीं नहीं थी. उन्होंने आरोप लगाया है कि पहले राम मंदिर के चंदे में घोटाला किया गया और अब दलितों की जमीन को हड़पा जा रहा है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर के लिए गरीब महिलाओं ने चंदा दिया था. ऐसे में गरीब महिलाओं के विश्वास को बेच दिया गया. कांग्रेस महासचिव ने पूरे मामले की उच्च न्यायालय स्तरीय जांच कराए जाने की मांग की है.

प्रियंका गांधी ने आरोप लगाते हुए कहा कि ट्रस्ट को 10 हजार वर्ग मीटर की जमीन 8 करोड़ रुपये में बेची गई. उसी जमीन के दूसरे हिस्से यानी कि 12 हजार वर्ग मीटर वाले हिस्से को 2 करोड़ रुपये में रवि मोहन तिवारी को बेची गई. तिवारी ने जो जमीन खरीदी उसमें आरएसएस से जुड़े अनिल मिश्रा और राम मंदिर के ट्रस्टी गवाह हैं. उसमें दूसरे गवाह अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय हैं. 5 मिनट बाद रवि मोहन तिवारी उसी 2 करोड़ की जमीन को 18.5 करोड़ में ट्रस्ट को बेच देते हैं. अगर ये घोटाला नहीं है, भ्रष्टाचार नहीं है तो क्या है?

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस पूरे मामले को लेकर बीजेपी पर तंज कसते हुए ट्वीट किया, ”हिंदू सत्य के रास्ते पर चलता है. हिंदुत्ववादी धर्म की आड़ में लूटता है.”

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “धर्म-आस्था-विश्वास को बेच ‘मुनाफे की लूट’ में लगे भाजपाई नेता! राम मंदिर की ₹30,00,00,000 की ‘चंदाचोरी’ के सबूत उजागर! भगवान राम के मंदिर के ‘चंदा चोरों’ को बचा रहे पीएम व सीएम! राम मंदिर की ज़मीन खरीद में सिर्फ 5 मिनट में 1300 प्रतिशत की चपत – हेराफेरी साफ है.”

क्या है मामला?
‘इंडियन एक्सप्रेस’ ने बुधवार के संस्करण में एक रिपोर्ट छापी. रिपोर्ट के मुताबिक नवंबर 2019 में बाबरी मसजिद- राम जन्मभूमि मंदिर विवाद पर फ़ैसला आते ही अयोध्या में ज़मीन खरीदने की होड़ लग गई थी. इसी के तहत महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट (एमआरवीटी) ने नियमों का उल्लंघन कर राम मंदिर से सिर्फ पांच किलोमीटर की दूरी पर 21 बीघा यानी लगभग 52 हज़ार वर्ग मीटर ज़मीन, दलितों से खरीदी.

उत्तर प्रदेश रेवेन्यू कोड नियम के अनुसार कोई भी ग़ैर-दलित ज़िला मजिस्ट्रेट की पूर्व अनुमति के बगैर किसी दलित से ज़मीन नहीं खरीद सकता. जबकि एमआरवीटी ने लगभग एक दर्जन दलितों से यह ज़मीन खरीदी और फिर बेच दी. ट्रस्ट से जमीन खरीदने वालों में विधायक, रेवेन्यू विभाग के लोग, पूर्व आईएएस अफ़सर, ज़िला मजिस्ट्रेट के रिश्तेदार भी थे.

Last Updated on December 23, 2021 9:31 am

Related Posts