हरियाणा के नूंह (Nuh) से शुरू हुई हिंसा , मीडिया में गला फाड़ प्रतिस्पर्धा के बीच गुरुग्राम तक पहुंच चुकी है. वहीं पूरी घटना को साज़िश करार देने वाले सीएम मनोहर लाल खट्टर (CM Manoharlal Khttar) ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘प्रदेश की कुल आबादी 2.7 करोड़ है, जबकि 60 हजार जवान ही हमारे पास हैं. पुलिस हर व्यक्ति को सुरक्षा दे ऐसा संभव नहीं है. हमने केंद्र सरकार से अर्धसैनिक बल की 4 अतिरिक्त कंपनियां मांगी हैं. लेकिन कोई भी पुलिस या सेना सुरक्षा की गारंटी नहीं ले सकता. हम लोगों को शांति और सद्भाव बनाए रखना होगा. नूंह में गोरक्षा के मुद्दे हैं. इस मामले में सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस प्रवर्तन ब्यूरो की होगी. 100 जवान भी तैनात किए जाएंगे. मैं मुस्लिम युवाओं को प्रोत्साहित करता हूं कि वह गोरक्षा के लिए आगे आएं.’
इससे पहले सीएम खट्टर ने कहा, ‘नूंह में घटना हुई बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. सोमवार दोपहर 1-2 बजे घटना हुई. एक समाज की यात्रा निकल रही थी जो कि हर साल आयोजित होती है. एक षडयंत्र के तहत उस यात्रा पर आक्रमण किया गया. पुलिस के ऊपर भी हमला हुआ. यात्रा रोकी गई. वाहनों को आग लगा दी गई जो कि किसी बड़ी साजिश की तरफ इशारा करती है.’
‘जुलूस में तलवार या लाठी-डंडे लेकर कौन जाता है’
हालांकि गुरुग्राम के बीजेपी सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राव इंद्रजीत सिंह, अपनी ही सरकार व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं. इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए उन्होंने पूछा, जुलूस में हथियार ले जाने की परमिशन कैसे मिली, उन्हें हथियार किसने दिए? क्या जुलूस में कोई तलवार या लाठी-डंडे लेकर जाता है? उन्होंने कहा, ‘यह गलत है. इस तरफ से भी उकसावे की कार्रवाई हुई. मैं यह नहीं कह रहा हूं कि दूसरी तरफ से कोई उकसावे की कार्रवाई नहीं हुई. लेकिन तलवार या लाठियां लेकर जुलूस में कौन जाता है यह बता दे?’
इंद्रजीत सिंह ने सोशल मीडिया पोस्ट पर गंभीर चिंता ज़ाहिर करते हुए कहा कि लोगों में “नकारात्मक सोच” पैदा हो रही है. ऐसे भड़काऊ वीडियो किसने अपलोड किए. किसी ने कहा कि कुछ ऐसे वीडियो थे जिनमें कहा गया था, ‘हम इस धार्मिक समारोह के लिए आ रहे हैं, आपका दामाद आ रहा है. रोक सकते हो तो रोक लो.’ अगर ऐसे वीडियो अपलोड किए जाते हैं, तो इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. मैंने पुलिस से जांच करने को कहा है.
‘यात्रा के आयोजकों ने भीड़ की सही जानकारी नहीं दी’
वहीं हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला नूह हिंसा का ठीकरा यात्रा के आयोजकों पर फोड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि यात्रा के आयोजकों ने प्रशासन को पूरी जानकारी नहीं दी थी, यात्रा में भीड़ की सही जानकारी न होने के कारण ही नूंह में हालात बिगड़े हैं. दंगा फैलाने वाले किसी भी पार्टी या किसी भी समुदाय से हों, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. केंद्र से अतिरिक्त सुरक्षा बल आ चुका है. हमारे पास काफी इनपुट्स आए हैं.
‘हिंसा राज्य सरकार की साजिश का हिस्सा’
जबकि कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने खट्टर सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री को हिंसा की खबर थी और सबकुछ साजिश के तहत करवाया गया है. उन्होंने कहा, ‘यह हिंसा राज्य सरकार की साजिश का हिस्सा है. जब इंटेलिजेंस इनपुट खट्टर सरकार के पास था, तो खट्टर सरकार ने कार्रवाई क्यों नहीं की? सरकार साजिश के तहत हाथ पर हाथ धरकर बैठी रही.’ उन्होंने राज्य सरकार से सवाल करते हुए कहा कि नूंह के एसपी को यात्रा के वक्त ही छुट्टी पर क्यों भेजा गया? मोनू मानेसर हत्या का आरोपी है, उसने भड़काऊ पोस्ट किया, सरकार ने उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया? वहीं अनिल विज उसे क्लीनचिट दे रहे हैं.
6 की मौत, 116 गिरफ्तार
बता दें, नूंह हिंसा में अब तक दो होमगार्ड समेत छह लोगों की मौत की खबर है. हिंसा समेत अलग-अलग घटनाओं में अब तक 41 एफआईआऱ दर्ज की गई हैं. वहीं 116 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 190 आरोपी हिरासत में हैं. खट्टर सरकार का कहना है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. सीएम खट्टर ने एक चैनल से बात करते हुए कहा, ‘हमने तय किया है कि दंगाइयों की पहचान की जाएगी और उन्हें मुआवज़ा देने के लिए उत्तरदायी बनाया जाएगा. मोनू मानेसर पर राजस्थान पुलिस ने केस किया था, लेकिन हमारे पास कोई इनपुट नहीं है. राजस्थान पुलिस इस काम में लगी हुई है. बाहरी व्यक्ति की भूमिका पर नजर रखी जा रही है. हम हजारों कॉल्स, सीसीटीवी कैमरे खंगाल रहे हैं. इन सभी की जांच की गई. इसके आधार पर ही 116 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 190 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है.’
हिंसा की शुरुआत कैसे हुई?
दरअसल 31 जुलाई को बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने हरियाणा के मेवात क्षेत्र में ‘बृज मंडल जलाभिषेक यात्रा’ निकाली थी. पुलिस के मुताबिक दोपहर करीब एक बजे यात्रा फिरोजपुर झिरका के लिए रवाना हुई. करीब 5 किलोमीटर दूर युवकों के एक ग्रुप ने जुलूस को रोका और इसके बाद दोनों पक्षों में झड़प हो गई. देखते ही देखते पथराव और आगजनी होने लगी. इस हमले में कई पुलिसवाले घायल हुए. पुलिस का कहना है कि यात्रा के दौरान रास्ते में तीन जगहों पर लगभग 1,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था.
Last Updated on August 2, 2023 2:50 pm