उत्तर प्रदेश समेत देश के चार अन्य राज्यों में चुनाव होने है. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए होने वाले मतदान से ठीक पहले राजनीति के तमाम तरह के रंग देखने को मिल रहे हैं. यूपी में फिलहाल दल-बदल, जातिवाद, आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति चरम पर है. इसी बीच सभी पार्टियां अपने उम्मीदवारों की लिस्ट भी जारी कर रही है.
वहीं, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ (CM Yogi Adityanath) भी इस बार गोरखपुर से विधानसभा का चुनाव लडेंगे. यह पहली बार है जब पार्टी योगी आदित्यनाथ को विधानसभा का चुनाव लड़वा रही है. जबकि कयास लगाए जा रहे थे कि योगी आयोध्या से चुनाव लड़ सकते हैं. लेकिन फिलहाल उनको उनके गृहनगर गोरखपुर से चुनाव मैदान में उतारा गया है.
मुख्यमंत्री के गोरखपुर से चुनाव लड़ने की खबरों के साथ ही राम मंदिर के मुख्य पुरोहित (chief priest) आचार्य सत्येंद्र दास (Acharya Satyendra Das) का एक चौंकाने वाला बयान सामने आया है. राम मंदिर (Ram Mandir) के मुख्य पुरोहित की माने तो अगर योगी आदित्यनाथ आयोध्या से चुनाव लड़ते तो उनको जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ता. दास ने दावा किया कि उन्होंने रामलला से पूछ कर योगी को सलाह दी थी कि वह अयोध्या के बजाय गोरखपुर से चुनाव लड़ें.
84 वर्षीय आचार्य सत्येंद्र दास ने योगी को अयोध्या से चुनाव न लड़ने की सलाह क्यों दी इसपर उन्होंने कहा, ‘हम तो रामलला से पूछ कर बोलते हैं. हम रामलला की प्रेरणा से बोले थे. यहां के साधू एकमत नहीं हैं. विकास परियोजनाओं के लिये जिन लोगों के मकान तोड़े गये हैं, वे सब योगी के खिलाफ हैं. इसके अलावा जिन लोगों की दुकानें तोड़ी जानी हैं वह सब भी योगी से नाराज हैं. इतना विरोध देखने के बाद मैंने योगी जी से कहा कि बेहतर होगा कि वह गोरखपुर से चुनाव लड़ें. वैसे योगी यहां से भी चुनाव जीत जाते लेकिन उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ता.
अयोध्या में कौन जीत सकता है इस बारे में पूछे जाने पर दास ने कहा, ‘अभी कुछ कहा नहीं जा सकता ये तो समय बताएगा कि कौन जीतेगा, क्योंकि सभी पार्टियों ने अभी यहां अपने प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं. साथ ही पुरोहित ने कहा कि राम मंदिर विधानसभा चुनाव में मुद्दा बनेगा ‘राम मंदिर का मुद्दा कभी नहीं जाएगा. यह बीजेपी के एजेंडे में हमेशा रहेगा. बता दें कि अयोध्या में पांचवें चरण में 27 फरवरी को मतदान होना है.
संत, महंत हो सकता है, मुख्यमंत्री नहीं!
इस बीच द्वारका पीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद (Swami Avimukteshwaranand) ने योगी आदित्यनाथ को लेकर बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा कि कहा एक संत कभी मुख्यमंत्री नहीं हो सकता. जब व्यक्ति संवैधानिक पद पर बैठता है तो उसे धर्मनिरपेक्षता की शपथ लेनी पड़ती है, ऐसे में वह व्यक्ति धार्मिक कैसे रह सकता है.
गंगा के तट पर चल रहे माघ मेले में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, “व्यक्ति एक साथ दो शपथ नहीं निभा सकता. एक संत, महंत हो सकता है, लेकिन वह मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री नहीं हो सकता. खिलाफत का यह काम मुसलमानों के यहां होता है. वहां धर्माचार्य राजा होता है. लेकिन हिंदू धर्म में नहीं.
Last Updated on January 25, 2022 12:25 pm