Congress Update: क्या Ashok Gehlot अब होंगे INDIA के चेयरमैन?

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Congress Update: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कमर दर्द से परेशान हैं. स्लिप डिस्क के चलते वे बिस्तर पर हैं. लेकिन ख़बर आ रही है कि जल्द ही उन्हें INDIA गठबंधन का चेयरमैन बनाया जा सकता है. गहलोत लंबे समय तक कांग्रेस संगठन में बतौर महासचिव और बतौर संगठन महासचिव काम कर चुके हैं. माना जा रहा है कि उनका लंबा अनुभव गठबंधन के अलग-अलग घटक दलों के बीच समन्वय बिठाने के काम आ सकता है.

फ़िलहाल राजस्थान में कांग्रेस दिशाहीन लग रही है. गहलोत सक्रिय होते हैं तो कांग्रेस और राजस्थान चर्चा में रहती है. गहलोत लोकसभा चुनाव के बाद से स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं. आशा है वो जल्द ही स्वस्थ होकर आएंगे और एक महीने से जो वैक्यूम बना है उसे भरकर राजनीतिक विश्लेषकों को बहुत कुछ मसाला देंगे.

गहलोत की अनुपस्थिति में सचिन पायलट भी राजनीतिक परिदृश्य से एक दम गायब हैं. छिटपुट प्रेस वार्ता को छोड़ दें तो उनकी राजस्थान में राजनीतिक गतिविधि नहीं हो रही है. क्या पार्टी ने पायलट को राजस्थान से बाहर रहने जैसा कोई संकेत दिया है?

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छत्तीसगढ़ की हार के बाद उनके राजनीतिक कौशल पर भीतर-खाने सवाल उठ रहे हैं. गहलोत के अस्वस्थ होने के बाद से बीजेपी के मुख्यमंत्री, पीसीसी चीफ, नेता विपक्ष, स्पीकर, कई मंत्री, विधायक तक उनसे कुशल-क्षेम पूछने गए हैं. लेकिन पायलट के जाने की जानकारी नहीं है.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली खुद को स्थापित करने का भरसक प्रयास कर रहे हैं. जिनके स्थापित होने की प्रबल संभावना भी है. मोटा-मोटा देखें तो कांग्रेस के 70 विधायकों में से 55 से अधिक आज भी गहलोत में आस्था दिखा देंगे.

इधर एक चर्चा अब ये भी है कि गहलोत को इंडिया गठबंधन का चैयरमेन बनाया जा सकता है. गहलोत ने इंडिया गठबंधन की सीट शेयरिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

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वहीं गहलोत की गांधी परिवार के अलावा मल्लिकार्जुन खड़गे से भी अच्छी ट्यूनिंग है. खड़गे ने कई सार्वजनिक मंचों पर गहलोत की तारीफ की थी. राजस्थान चुनाव में कहा कि गहलोत सबको साथ लेकर चलते हैं और वो पानी जैसे हैं. यानी सब के साथ मिल जाते हैं. गठबंधन चलाने के लिए ऐसा ही व्यक्ति चाहिए जो सबको साथ लेकर चल सके.

अगर ऐसा होता है तो दिल्ली में फिर से राहुल और गहलोत साथ काम कर सकते हैं. राहुल जब कांग्रेस अध्यक्ष थे तब गहलोत जनरल सेक्रेटरी ऑर्गनाइजेशन थे. उस समय कांग्रेस ने 6 में से 4 राज्यों में सरकार बनाई. राहुल, गहलोत और खड़गे तीनों कांग्रेस के लिए अनुभव, जोश और कूटनीति का एक बड़ा मेल साबित हो सकते हैं. जो NDA के लिए मुश्किल पैदा कर सकते हैं.

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राजस्थान के स्थानीय पत्रकार Avdhesh Pareek के एक्स पेज (@Zinda_Avdhesh) से… 

(डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं. लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है. इसके लिए Newsmuni.in किसी भी तरह से उत्तरदायी नहीं है)

Last Updated on July 7, 2024 6:58 am

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