सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के उस आवेदन को खारिज कर दिया, जिसमें उसने इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral bonds ) से संबंधित जानकारी देने के लिए 30 जून तक का अतिरिक्त समय मांगा था. साथ ही कोर्ट ने SBI को फटकार लगाई है.
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि SBI को कल तक यानि 12 मार्च तक सारी जानकारी साझा करनी होगी. इसके साथ ही चुनाव आयोग को यह जानकारी अपनी वेबसाइट पर 15 मार्च, 2024 को शाम 5 बजे तक जारी करनी होगी.
5 जजों की बेंच कर रही मामले की सुनवाई
बता दें कि पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच ने इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक बताते हुए इसे रद्द कर दिया था. साथ ही कोर्ट ने कहा था कि गुमनाम चुनावी बॉन्ड सूचना के अधिकार (आरटीआई) और अनुच्छेद 19(1)(ए) का उल्लंघन हैं.
हरिश साल्वे ने रखा SBI का पक्ष
SBI का पक्ष रखने के लिए SC के जाने-माने वकील हरिश साल्वे पैरवी कर रहे थे तो, वहीं पूर्व क़ानून मंत्री और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल के साथ जाने-माने वकील प्रशांत भूषण ADR की ओर से पैरवी कर रहे थे.
कोर्ट में हरीश साल्वे ने SBI का पक्ष रखते हुए कहा, ‘हमारी समस्या यह है कि हम पूरी प्रक्रिया को रिवर्स करने की कोशिश कर रहे हैं. एसओपी ने सुनिश्चित किया कि हमारे कोर बैंकिंग सिस्टम और बॉन्ड नंबर में ख़रीदार का कोई नाम ना हो. हमें बताया गया था कि इसे गुप्त रखा जाना चाहिए.’
Last Updated on March 11, 2024 1:48 pm