Air India Plane Crash: अहमदाबाद की गर्म दोपहर में लंदन की उड़ान भरते ही कुछ ही सेकंड में एक सपना मलबे में तब्दील हो गया. एयर इंडिया का ड्रीमलाइनर, जिसमें 242 लोग सवार थे, एक रिहायशी इलाके में गिरकर जल उठा. हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी समेत सैकड़ों की जान चली गई. चश्मदीदों के मुताबिक, कुछ ही सेकंड में सब कुछ खत्म हो गया. सवाल उठता है—आखिर ऐसा क्या हुआ कि टेक ऑफ करते ही विमान क्रैश हो गया? क्या यह तकनीकी खामी थी, मानव भूल या कुछ और? और क्या इसे रोका जा सकता था? जांच की निगाहें अब ब्लैक बॉक्स पर टिकी हैं.
एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 क्रैश की जानकारी
13 जून 2025, दोपहर 2:42 बजे (IST): अहमदाबाद एयरपोर्ट से एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 ने रनवे-23 से टेक ऑफ किया. यह बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान था, जिसमें 242 लोग सवार थे.
13 जून 2025, दोपहर 2:43 बजे: टेक ऑफ के कुछ ही सेकेंड बाद विमान एक रिहायशी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
2:45 बजे: अहमदाबाद पुलिस और आपातकालीन टीमें मौके पर पहुंचीं.
शाम 4:00 बजे: पुलिस प्रमुख ने बताया कि 204 शव बरामद किए गए हैं.
6:00 बजे: गृह मंत्री अमित शाह अहमदाबाद पहुंचे.
रात 8:00 बजे: एयर इंडिया ने राहत फ्लाइट्स शुरू करने की घोषणा की.
9:30 बजे: NTSB (अमेरिका) और AAIB (ब्रिटेन) ने जांच में सहयोग की घोषणा की.
#AirIndia का #Boeing 787 ड्रीमलाइनर #planecrash #Ahmedabad एयरपोर्ट के पास हादसा🕒 उड़ान: 1:38 PM | क्रैश: 1:40 PM👥 242 यात्री सवार — जिनमें विजय रूपाणी (Ex-CM), 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली, 1 कनाडाई नागरिक भी शामिल
#BreakingNews #Gujarat #एयरइंडिया pic.twitter.com/SrTjHQiCEd— News Muni (@newswalemuni) June 12, 2025
दुर्घटना के संभावित वैज्ञानिक कारण
1. टेकऑफ के दौरान इंजन फेल्योर (Engine Failure on Take-off)
क्या हुआ: पायलट सुमित सबरवाल ने “Mayday” कॉल भेजा था, जो गंभीर तकनीकी गड़बड़ी की ओर इशारा करता है.
विश्लेषण:
एयर कोमोडोर (रि.) एस. पी. सिंह के अनुसार, “दोनों इंजन एक साथ फेल हुए हों, इसकी आशंका है. डबल इंजन फेल्योर टेक ऑफ के दौरान बेहद दुर्लभ लेकिन जानलेवा होता है.”
बोइंग 787 ड्रीमलाइनर में Rolls Royce Trent 1000 इंजन होते हैं, जिनका सुरक्षा रिकॉर्ड अच्छा रहा है. फिर भी, FlightGlobal के मुताबिक, इस मॉडल के कुछ इंजन में थ्रस्ट लॉस की शिकायतें पहले भी दर्ज हुई थीं.
2. एरोडायनामिक जटिलता और टेक ऑफ एंगल
फैक्ट: टेक ऑफ के वीडियो में दिखता है कि विमान की नोज नीचे और टेल ऊपर की ओर है, जो स्टॉल की स्थिति को दर्शाता है.
विशेषज्ञ राय: एविएशन एक्सपर्ट अनंत सेठी का कहना है, “संभव है पायलट ने फ्लैप्स को सही डिग्री पर नहीं सेट किया हो. गर्म मौसम और अधिक फ्यूल के चलते लिफ्ट कम मिली.”
3. पर्यावरणीय प्रभाव (Environmental Factors)
तापमान: अहमदाबाद में हादसे के समय तापमान 43°C था.
तकनीकी प्रभाव:
उच्च तापमान पर हवा की घनता (density) कम हो जाती है, जिससे इंजन को मिलने वाली ऑक्सीजन और लिफ्ट दोनों पर असर पड़ता है.
NASA की रिपोर्ट के अनुसार, उच्च तापमान में टेक ऑफ परफॉर्मेंस में 20-25% तक गिरावट आ सकती है.
4. मानव त्रुटि (Human Error)
आशंका:
रनवे का पूरा उपयोग न करने की आशंका शुरू में जताई गई थी, लेकिन FlightRadar24 के डेटा के अनुसार, विमान ने रनवे का पूरा उपयोग किया और 625 फीट की ऊंचाई भी हासिल की.
इसके चलते यह आशंका काफी हद तक खारिज हो चुकी है.
ब्लैक बॉक्स की भूमिका
ब्लैक बॉक्स में दो डिवाइस होती हैं:
CVR (Cockpit Voice Recorder): उड़ान के दौरान पायलट और को-पायलट की बातचीत रिकॉर्ड करता है.
FDR (Flight Data Recorder): इंजन थ्रस्ट, ऐल्टीट्यूड, स्पीड, और फ्लैप्स की पोजिशन जैसे तकनीकी पैरामीटर्स को रिकॉर्ड करता है.
जांच की अहमियत:
NTSB और AAIB के जांचकर्ता भारत रवाना हो चुके हैं.
DGCA के अनुसार, “ब्लैक बॉक्स मिलने के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचना उचित होगा.”
एविएशन लॉ के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय जांच में निर्माता देश (अमेरिका), रजिस्ट्रेशन देश (भारत) और मृतकों के राष्ट्रीयता से जुड़े देश (ब्रिटेन, पुर्तगाल आदि) भागीदारी करते हैं.
मानव-जनित नुकसान और प्रशासनिक जवाबदेही
पीड़ितों की संख्या:
242 सवारों में से 204 की पुष्टि हो चुकी है, लेकिन कुछ शवों की शिनाख्त अभी बाकी है.
ब्रिटिश नागरिक की जीवित बचाव की पुष्टि हुई है.
डॉक्टरों के हॉस्टल से टकराने के कारण 41 मेडिकल स्टूडेंट्स अस्पताल में भर्ती हैं.
प्रतिक्रिया:
टाटा ग्रुप ने प्रत्येक मृतक के परिवार को ₹1 करोड़ मुआवज़ा देने की घोषणा की है.
केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे की तैयारी की जा रही है.
निष्कर्ष
यह हादसा भारत के एविएशन इतिहास में सबसे गंभीर में से एक हो सकता है. फिलहाल जांच जारी है और तकनीकी निष्कर्ष ब्लैक बॉक्स और एनटीएसबी/AAIB की रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होंगे. लेकिन प्रारंभिक संकेत इंजन फेल्योर, गर्म मौसम और एरोडायनामिक डिसबैलेंस की ओर इशारा करते हैं.
स्रोत:
दैनिक भास्कर रिपोर्ट
FlightRadar24 डेटा
BBC News
एनटीएसबी (NTSB) और एएआईबी (AAIB) स्टेटमेंट
एविएशन विशेषज्ञ एस. पी. सिंह और अनंत सेठी की राय
NASA Atmospheric Flight Performance Study
Last Updated on June 13, 2025 10:30 am