भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति (former Vice-President) रहे हामिद अंसारी (Hamid Ansari) और अमेरिका के चार सांसदों ने भारत में मौजूदा मानवाधिकारों human rights की स्थिति पर अपनी चिंता जाहिर की है. ‘इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल’ (Indian American Muslim Council, IAMC) की डिजिटल तरीके से आयोजित पैनल की चर्चा में अंसारी और अमेरिका के कई सांसदों ने संबोधित किया.
अमेरिकी डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद एड मार्के (Ed Markey) ने इस मौके पर कहा, ‘भारत में एक ऐसा माहौल बना है, जहां भेदभाव और हिंसा जड़ पकड़ सकती है. हाल के सालों में हमने नफरत भरे भाषणों और नफरती कृत्यों में इजाफा देखा है. इनमें मस्जिदों में तोड़फोड़, गिरजाघरों को जलाना और सांप्रदायिक हिंसा भी शामिल है.’ यह पहली बार नहीं जब मार्के भारत पर इस तरह की टिप्पणी की हो. इससे पहले उन्होंने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाले शासन के दौरान भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते का भी विरोध किया था.
हामिद अंसारी का बयान
वहीं पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने भी हिंदू राष्ट्रवाद की बढ़ती प्रवृत्ति पर अपनी चिंता जाहिर की है. अंसारी ने आरोप लगाया, ‘हाल के वर्षों में हमने उन प्रवृत्तियों और प्रथाओं के उद्भव का अनुभव किया है, जो नागरिक राष्ट्रवाद के सुस्थापित सिद्धांत को लेकर विवाद खड़ा करती हैं और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की एक नयी एवं काल्पनिक प्रवृति को बढ़ावा देती हैं. वह नागरिकों को उनके धर्म के आधार पर अलग करना चाहती हैं, असहिष्णुता को हवा देती हैं और अशांति एवं असुरक्षा को बढ़ावा देती हैं.’
इस चर्चा में तीन सांसदों जिम मैकगवर्न, एंडी लेविन और जेमी रस्किन ने भी हिस्सा लिया. रस्किन ने कहा, ‘‘भारत में धार्मिक अधिनायकवाद और भेदभाव के मुद्दे पर बहुत सारी समस्याएं हैं. इसलिए हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि भारत हर किसी के लिए धार्मिक स्वतंत्रता, स्वतंत्रता, बहुलवाद, सहिष्णुता और असहमति का सम्मान करने की राह पर बना रहे.’
इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल ने एक प्रेस नोट जारी किया है जिसमें लिखा है कि, अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के शक्तिशाली टॉम लैंटोस मानवाधिकार आयोग के सह-अध्यक्ष मैकगवर्न ने ऐसे कई संकेतों को सूचीबद्ध किया, जो मानवाधिकारों की स्थिति पर भारत के ‘पतन’ को दर्शाते हैं.
भारत सरकार ने जोर देकर कहा है कि भारत में सभी के अधिकारों की रक्षा के लिए सुस्थापित लोकतांत्रिक प्रथाएं और मजबूत संस्थान हैं. सरकार ने इस बात पर जोर दिया है कि भारतीय संविधान मानवाधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न कानूनों के तहत पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करता है.
लेविन ने कहा, ‘अफसोस की बात है कि आज दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र पतन, मानवाधिकारों का हनन और धार्मिक राष्ट्रवाद को उभरते देख रहा है. 2014 के बाद से भारत लोकतंत्र सूचकांक में 27 से गिरकर 53 पर आ गया है और ‘फ्रीडम हाउस’ ने भारत को ‘स्वतंत्र’ से ‘आंशिक रूप से स्वतंत्र’ श्रेणी में डाल दिया है.’
हामिद अंसारी के बयान पर नकवी का निशाना
हामिद अंसारी के बयान पर पलटवार करते हुए केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने उनपर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद मोदी (Pm Modi) को कोसने का पागलपन भारत को कोसने की साजिश में बदल रहा है.
नकवी (Mukhtar Abbas Naqvi) ने कहा, अगर कोई मोदी को कोसते हुए भारत में आता है, तो आप ऐसी आवाजों की उम्मीद कर सकते हैं, उन्होंने कहा, ‘जो लोग अल्पसंख्यक वोटों का फायदा उठाते थे, वे अब देश में मौजूदा सकारात्मक माहौल को लेकर चिंतित हैं.
Last Updated on January 27, 2022 1:41 pm