हरिद्वार थाने में हंसी ठहाके… तमाचा किसके मुंह पर, सरकार या क़ानून?

हरिद्वार (Haridwar) में 16 से 19 दिसंबर को वेद निकेतन धाम में हुई ‘धर्म संसद’ (Dharm Sansad) का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है. इस मामले में बुधवार को एक नया वीडियो सामने आया है. वीडियो में देखा जा सकता है ‘धर्म संसद’ में विवादित भाषण देने वाले यति नरसिंहानंद समेत अन्य लोग हरिद्वार के पुलिस थाने में मौजूद है. इस दौरान विवादित भाषण देने वाले साधु-संत पुलिस अधिकारी के साथ बातचीत करते हैं. तभी यति नरसिंहानंद सस्वती (Yati Narasimhanand) अधिकारी के पास जाकर कुछ बोलते है और फिर जोरदार ठहाके होने लगता है.

क्या है मामला?

दरअसल, ‘धर्म संसद’ में विवादित भाषण देने के मुख्य आरोपी जितेंद्र त्यागी ( मुस्लिम धर्म छोड़ हिंदू धर्म अपनाने वाले वसीम रिजवी) ( Jitendra Tyagi)ने हरिद्वार पहुंचकर शांभवी धाम आश्रम में साधु-संतों से मुलाकात की. जिसके बाद वे यति नरसिंहानंद समेत अन्य आरोपियों के साथ हरिद्वार के पुलिस थाने पहुंचे थे. इन सभी ने मुस्लिम मौलवियों पर हिन्दुओं के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाते हुए मौलवियों के खिलाफ FIR दर्ज करने और उन्हें दंडित करने की मांग करते हुए थाने में तहरीर दी.

वीडियो में पूजा शकुन पांडे उर्फ ‘साध्वी अन्नपूर्णा’ (Pooja Shakun Pandey) पुलिस अधिकारी को कहती हैं, ” एक स्पष्ट संदेश जाना चाहिए कि आप बायस्ड नहीं हैं. आप प्रशासनिक अधिकारी हैं. संवैधानिक पद पर हैं और आपका सबके प्रति समान रवैया होना चाहिए. जिस पर थाना प्रभारी के बगल में खड़े यति नरसिंहानंद कहते हैं, ”लड़का बायस्ड क्यों होगा, लड़का हमारी तरफ ही होगा.” फिर कमरे में मौजूद सभी लोग हंस पड़ते हैं. इस वीडियो के सामने आने के बाद पुलिस प्रशासन फिर सवालों के घेरे में है.

वीडियो में दिख रहे साधु-संत कौन?

वीडियो में दिख रहे ये सभी वही धर्मगुरू हैं जिन्होंने हरिद्वार में हुई ‘धर्म संसद’ (Dharm Sansad) में मुसलमानों के नरसंहार (Massacre) की बात कही थी. इस ‘धर्म संसद’ का आयोजन यति नरसिंहानंद ने करवाया था. इस ‘धर्म संसद’ से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. वायरल वीडियो में साधु-संत साफ कहते दिख रहे हैं कि धर्म की रक्षा के लिए हिंदुओं को शस्त्र उठाना पड़े तो हम उठाएंगे. मुस्लिम आबादी नहीं बढ़ने देंगे. 2029 तक भारत में कोई मुस्लिम प्रधानमंत्री नहीं बनने देंगे.

इस वीडियो के वायरल होने के बाद पुलिस वालों पर चौतरफा दबाव बना, जिसके बाद पुलिस ने मामले में FIR दर्ज की. मामले में IPC की धारा 153ए के तहत मुकदमा दर्ज किया गया जो कि एक गैर-जमानती धारा है. फिलहाल इस मामले में पुलिस की ओर से अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है. जितेंद्र त्यागी को इसमें मुख्य आरोपी बनाया गया है.

Last Updated on December 29, 2021 1:23 pm

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