Hathras stampede: BSP (बहुजन समाज पार्टी) प्रमुख Mayawati ने योगी सरकार (Yogi Govt) पर सवाल खड़े किए हैं. क्योंकि 2 जुलाई के हाथरस भगदड़ मामले में 3,200 पन्नों की चार्जशीट से स्व-घोषित धर्मगुरु सूरजपाल (Surajpal) उर्फ ’भोले बाबा’ का नाम गायब है. मायावती ने आरोप लगाया कि सूरजपाल को 11 आरोपियों की सूची से बाहर करने का मतलब यह है कि उसे राज्य सरकार का संरक्षण प्राप्त है.
फुलराई गांव में भगदड़ में 121 लोगों की मौत के मामले में मंगलवार को अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया. लेकिन इनमें स्व-घोषित धर्मगुरु सूरजपाल का कहीं भी नाम नहीं था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस ने 11 लोगों को आरोपी बनाया है, जिनमें कार्यक्रम की अनुमति हासिल करने वाले लोग भी शामिल हैं. आरोपियों के नाम इस प्रकार हैं- देव प्रकाश मधुकर (मुख्य आयोजक और धन जुटाने वाले), मेघ सिंह, मुकेश कुमार, मंजू देवी, मंजू यादव, राम लड़ैते, उपेंद्र सिंह, संजू कुमार, राम प्रकाश शाक्य, दुर्वेश कुमार और दलवीर सिंह. फिलहाल, मंजू देवी और मंजू यादव जमानत पर बाहर हैं.
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बता दें हाथरस के सिकंदराराऊ क्षेत्र के फुलराई गांव में 2 जुलाई 2024 को सूरजपाल उर्फ भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि के सत्संग में भगदड़ मची. जिसमें 121 लोगों की मौत हो गई थी. इनमें ज्यादातर महिलाएं थीं.
पुलिस समेत सरकारी एजेंसियों ने आयोजकों को दोषी ठहराते हुए कार्यक्रम में कुप्रबंधन को ज़िम्मेदार माना. क्योंकि क्षमता 80,000 की थी और भीड़ 2.50 लाख से अधिक हो गई थी. हालांकि बचाव पक्ष के वकील का दावा है कि ‘कुछ अज्ञात लोगों’ ने ‘कोई जहरीला पदार्थ’ छिड़क दिया. जिसके कारण भगदड़ मची.
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इस मामले में 2 जुलाई को भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 223 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा) और 238 (साक्ष्यों को गायब करना) के तहत FIR दर्ज की गई थी.
Last Updated on October 3, 2024 3:44 pm