योग गुरु रामदेव (Yoga Guru Ramdev ) ने क्या आर्युवेद के नाम पर देश के 140 करोड़ लोगों को बेवकूफ़ बनाया? मधुमेह, BP, थाइरॉइड, अस्थमा, ग्लूकोमा और गठिया जैसे रोगों के स्थाई समाधान का झूठा दावा कर आम लोगों के जेब काटे? सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने योग गुरु रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को अगली सुनवाई पर कोर्ट के सामने पेश होने का आदेश दिया है. मामला पतंजलि की दवाईयों के भ्रामक प्रचार यानी की झूठे दावों का है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पतंजलि ने मधुमेह, BP, थाइरॉइड, अस्थमा, ग्लूकोमा और गठिया जैसे रोगों के स्थाई समाधान का जो विज्ञापन चलाया वो पूरी तरह भ्रामक और झूठ फैलाने की श्रेणी में आता है.
इस बात से नाराज़ सुप्रीम कोर्ट, योग गुरु रामदेव और आचार्य बालकृष्ण पर भड़क गया. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि और आचार्य बालकृष्ण को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा था कि उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई क्यों ना की जाए?
अवमानना नोटिस पर जब सुप्रीम कोर्ट को जवाब नहीं मिला तो सुप्रीम कोर्ट बहुत नाराज हुआ. सुप्रीम कोर्ट ने नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा- “इसके परिणाम भुगतने होंगे.”
सुप्रीम कोर्ट ने योग गुरु रामदेव के खिलाफ भी अदालत की अवमानना का नोटिस जारी किया. सुप्रीम कोर्ट मानता है की पहली नज़र में इस मामले में दोनों की तरफ़ से कानून का उल्लंघन हुआ है. इसलिए अगली सुनवाई के दौरान योग गुरु रामदेव और आचार्य बालकृष्ण दोनों सुप्रीम कोर्ट में उपस्थित रहें. अब इस मामले की सुनवाई दो हफ़्ते बाद होगी.
Last Updated on March 19, 2024 7:50 am