Lakhimpur Kheri violence: आशीष मिश्रा की बढ़ी मुश्किलें, SIT ने मुख्य आरोपी बनाया

लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri violence) मामले में सोमवार को उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष जांच दल (SIT) ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा (Ajay Mishra) के बेटे आशीष समेत (Ashish Mishra) सभी 14 अभियुक्तों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दिया है. वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी (Senior prosecuting officer) एस पी यादव ने बताया कि SIT ने अदालत में 5,000 पन्नों की चार्जशीट (chargesheet) दाखिल की है. इस हिंसा मामले में यह पहली चार्जशीट है जो आज दाखिल की गई है.

एस पी यादव ने बताया कि यह आरोप पत्र पिछले साल तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया हिंसा में गाड़ियों से कुचलकर चार किसानों, एक पत्रकार की कथित रूप से हत्या किए के मामले से संबंधित है. मामले में कुल 14 अभियुक्त है जिनपर हिंसा करने का आरोप है. बता दें कि इस मामले में SIT को 90 दिन के अंदर आरोप पत्र दाखिल करना था.

इस मामले में मुख्य अभियुक्त केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को बनाया गया है. वहीं अंकित दास, नंदन सिंह बिष्ट, सत्यम त्रिपाठी, लतीफ उर्फ काले, शेखर भारती, सुमित जायसवाल, आशीष पांडे, लवकुश राणा, शिशुपाल, उल्लास कुमार उर्फ मोहित त्रिवेदी, रिंकू राणा तथा धर्मेंद्र बंजारा अभियुक्तों को भी मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है.

आशीष मिश्रा पर IPC की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), 147 (दंगा), 148 (घातक हथियारों के साथ दंगा करना), धारा 149, 326, 34, 427 और धारा 120बी (आपराधिक साजिश) के साथ ही आर्म्स एक्ट के तहत संगीन आरोप लगाए गए हैं.

वहीं SIT ने अपनी जांच में पाया की हिंसा के दौरान आशीष मिश्रा के रिवाल्वर से फायरिंग भी की गई थी. एसआईटी ने इन 5000 पन्नों की चार्जशीट में आशीष मिश्रा और अंकित दास के लाइसेंसी रिवाल्वर से फायरिंग की होने की बात कही है. जबकि घटना के बाद से आशीष मिश्रा टेनी लगातार कहता रहा कि उसकी रिवाल्वर से कोई फायर नहीं किया गया था. जबकि फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की राइफल और दो अन्य हथियारों से गोली चलाए जाने की पुष्टि हुई है.

क्या है पूरा मामला

पिछले साल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया क्षेत्र में सांसद और केंद्रीय में गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ ने वहां आदोलन कर रहे किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी थी. इस हादसे में  चार किसानों और एक पत्रकार की मौत हो गई थी और लगभग आधा दर्जन लोग घायल हुए थे. ये सभी किसान टेनी के पैतृक गांव बनबीरपुर में आयोजित एक समारोह में उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जाने का विरोध कर रहे थे. जिस समय ये हादसा हुआ उस वक्त किसान शांतिपूर्ण मार्च कर रहे थे.

वहीं घटना से गुस्साई भीड़ ने आशीष मिश्रा के ड्राइवर समेत चार लोगों की हत्या कर दी थी.  गाड़ी से कुचल जाने वालों में गुरविंदर सिंह (22 वर्ष), दलजीत सिंह (35 वर्ष), नक्षत्र सिंह और लवप्रीत सिंह के अलावा स्थानिय पत्रकार रमन कश्यप शामिल थे.

विपक्ष ने साधा सरकार पर निशाना

लखीमपुर में हुई हिंसा के बाद से विपक्ष सरकार से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा को बर्खास्त किए जाने की मांग कर रहा है. वहीं सोमवार को SIT द्वारा 5000 पेजों की चार्जशीट दाखिल किए जाने के बाद विपक्ष ने सरकार को आड़े हाथों लिया. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीटर पर लिखा “लखीमपुर किसान हत्याकांड में 5 हजार पेज की चार्जशीट वास्तव में बीजेपी की डबल इंजन सरकार का काला चिट्ठा है. आज बीजेपी का हर समर्थक-कार्यकर्ता शर्मिंदा है और सामाजिक बहिष्कार के डर से डरा है. जो जीवन देने वाले अन्नदाता की हत्या कर सकते हैं, वो किसी और को क्या छोड़ेंगे.”

वहीं कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने लिखा “झूठी माफी और कानून वापस लेने जैसे चुनावी कदम भी मोदी जी की किसान विरोधी सोच को ढक नहीं सकते. वे रक्षक के पद पर हैं, लेकिन भक्षक के साथ खड़े हैं. लखीमपुर खीरी नरसंहार मामले की चार्जशीट में भी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे ही किसानों को कुचलने की घटना के मुख्य आरोपी हैं. लेकिन नरेंद्र मोदी जी के सरंक्षण के चलते मंत्री अजय मिश्रा टेनी पर जांच की आंच तक नहीं आई और वे अपने पद पर बने हुए हैं. #टेनी_को_बर्खास्त_करो.”

Last Updated on January 3, 2022 6:09 pm

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