चारा घोटाला (fodder scam) से जुड़े डोरंडा कोषागार (Doranda treasury) से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी मामले में RJD अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu prasad yadav) दोषी साबित हुए. मामले में विशेष CBI अदालत ने लालू यादव को 5 साल कैद और 60 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी है. CBI की स्पेशल कोर्ट के जज एसके शशि ने यह फैसला सुनाया.
पूर्व सांसद आर के राणा को भी मामले में पांच वर्ष कैद एवं 60 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी है. पशुपालन विभाग के तत्कालीन सचिव बेक जूलियस को 4 साल कैद और एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनायी है. लालू के वकील देवर्षि मंडल ने बताया कि आगे बेल के लिए अर्जी दी जाएगी. लेकिन बेल नहीं मिलने तक लालू को जेल में ही रहना पड़ेगा.
लालू की सजा कम रखने की मांग
सजा पर बहस के दौरान वकील ने अदालत में लालू की उम्र और तबीयत का हवाला देते हुए सजा को कम रखे जाने की मांग की. अन्य अभियुक्तों की ओर से भी कुछ इसी प्रकार की बात कही गई है. अदालत ने नरमी बरतते हुए तीन अभियुक्तों को तीन साल कैद की सजा सुनायी है. उन्हें CBI अदालत से आज ही जमानत मिल भी मिल गई है.
वहीं राजद के महासचिव एवं शीर्ष नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा है कि “लालू प्रसाद यादव को सुनाई गई सजा के खिलाफ राजद उच्च न्यायालय का रुख करेंगी. साथ ही लालू की जमानत याचिका भी जल्द ही उच्च न्यायालय में दाखिल कर दी जाएगी”.
बता दें कि केन्द्रीय जांच ब्यूरो CBI की विशेष अदालत के न्यायाधीश एस. के. शशि ने 15 फरवरी को 38 आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा फैसला सुरक्षित रखा था. सजा के लिए 21 फरवरी की तारीख तय की थी. चारा घोटाला के मामलों में लालू प्रसाद यादव पहली बार 30 जुलाई, 1997 को जेल गए और 134 दिनों तक न्यायिक हिरासत में रहे थे.
चाईबासा मामले में पहली बार जेल
साल 2013 में चाईबासा मामले में 37 करोड़ रुपये के गबन के मामले में लालू प्रसाद यादव पहली बार दोषी करार दिया गया. रांची की विशेष CBI अदालत ने लालू को 5 साल कैद और 10 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी थी. लालू को झारखंड की बिरसा मुंडा जेल में 13 दिसंबर, 2013 तक रखा गया था.
वहीं एक अन्य मामले में लालू यादव को अदालत ने साल 2018 में तीन साल कैद की सजा सुनाई थी. इसके बाद चाईबासा एवं दुमका कोषागार से गबन के दो अन्य मामलों में उन्हें सजा सुनाई गई. दुमका मामले में उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद वह रिहा हुए थे.
इन धाराओं में लालू को सजा
इस मामले में 38 दोषियों में से 35 बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं जबकि लालू प्रसाद यादव समेत तीन दोषी स्वास्थ्य कारणों से रांची के राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में भर्ती हैं. लालू प्रसाद यादव को IPC की धारा 409, 420, 467, 468, 471 के साथ षड्यंत्र से जुड़ी धारा 120बी एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(2)के तहत दोषी करार देते हुए 5 वर्ष कैद और जुर्माने की सजा सुनाई गयी है.
चारा घोटाले में लालू मुख्य साजिशकर्ता
डोरंडा कोषागार (Doranda treasury) मामले में कुल 170 को आरोपी बनाया गया था. इन 170 आरोपियों में से अबतक 55 की मौत हो चुकी है, जबकि 7 सरकारी गवाह बन गए थे, 2 ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था जबकि 6 अब भी फरार हैं. इसके बाद कुल 99 आरोपी बचे थे, जिसमें से 24 को बरी कर दिया गया, बकि 75 को दोषी करार दिया गया है.
चारा घोटाले में लालू यादव को मुख्य साजिशकर्ता बताया गया था. सीबीआई की तरफ से कहा गया था कि लालू यादव जब वित्त मंत्री, मुख्यमंत्री थे तो उनकी नाक के नीचे इतने बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया. यह पूरा मामला साल 1990-92 के बीच का है.
Last Updated on February 21, 2022 11:50 am