LokSabha Election 2024: एक वीडियो किसी ने भेजा है. इसमें बीजेपी के स्थानीय नेता ज़िला मुख्यालय पर ‘बाहरी नेता नहीं चाहिए’ का नारा लगा रहे हैं. कांग्रेस के उम्मीदवार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन का वीडियो होता तो चैनलों पर खूब चलता कि राहुल के खिलाफ विद्रोह. बीजेपी के घोषित उम्मीदवार के विरोध को कौन कवर करेगा? विरोध करने वालों का कहना है कि पहले भी श्रावस्ती में उम्मीदवार बाहर से आया, इस बार भी आया है. साकेत मिश्रा श्रावस्ती से भाजपा उम्मीदवार बनाए गए हैं.
एक हद तक इन कार्यकर्ताओं की बात सही भी है. लेकिन बाहरी नेता क्या होता है? कोई भी कहीं से चुनाव लड़ सकता है. प्रधानमंत्री मोदी भी तो बनारस के लिए बाहरी ही हैं. ग़लती से वहां यह नारा न लगा दें कि बाहरी नेता नहीं चाहिए वरना पार्टी ही नारा लगा देगी हमें ऐसे कार्यकर्ता नहीं चाहिए. हेमा मालिनी भी मथुरा के लिए बाहरी हैं. स्मृति ईरानी महाराष्ट्र से अमेठी लड़ने आईं. बाहरी हुईं मगर जीती भी. राहुल गांधी केरला के वायनाड से लड़ने गए. जीते भी. वहां के लिए बाहरी हुए. ऐसे कितने ही सांसद हैं जो बाहरी की श्रेणी में आते हैं.
यह वीडियो किसी ने भेजा है। इसमें बीजेपी के स्थानीय नेता ज़िला मुख्यालय पर ‘बाहरी नेता नहीं चाहिए’ का नारा लगा रहे हैं। कांग्रेस के उम्मीदवार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन का वीडियो होता तो चैनलों पर खूब चलता कि राहुल के खिलाफ विद्रोह। बीजेपी के घोषित उम्मीदवार के विरोध को कौन कवर करेगा।… pic.twitter.com/0ZeSCPP5h8
— ravish kumar (@ravishndtv) March 6, 2024
वीडियो श्रावस्ती का है. बेहतर है इन कार्यकर्ताओं को जल्द प्रचार में लग जाना चाहिए. यह याद रखना चाहिए कि ईडी सर्वव्यापी है. जिसने भी यह प्रदर्शन आयोजित किया है, साहस का काम किया है. इन्हें कांग्रेस में होना चाहिए, रोज़ विरोध करने और पार्टी छोड़ कर जाने का पर्याप्त अवसर मिलता और उससे भी ज़्यादा छोड़ कर जाने पर मीडिया में दिन रात कवरेज मिलता.
वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार के ट्विटर पेज (@ravishndtv) से…
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Last Updated on March 8, 2024 12:08 pm