महाकुंभ: स्नान के लिए जाना है प्रयागराज तो पढ़ लें यह ख़बर… थल-नभ-रेल हर तरफ धक्कम-पेल

अगर प्रयागराज जाने की तमन्ना हो रही है तो पहले अन्य लाभार्थियों की कहानी भी जान लें. अगर फिर भी देश के विकास में सहयोग देने की आकांक्षा हो तो तुरंत निकल जाएं.

महाकुंभ के रास्ते में 300 किलोमीटर का जाम!
महाकुंभ के रास्ते में 300 किलोमीटर का जाम!

Mahakumbh Mela: अगर आप भी महाकुंभ स्नान के लिए प्रयागराज जाने की सोच रहे हैं तो पहले यह पढ़ लें. सड़क पर घंटो जाम लगा है. रेलगाड़ी में बैठने की जगह नहीं है. और हवाई जहाज़ से जाना चाहते हैं तो खर्च करने होंगे 80 हज़ार रुपये. ये कहना है एक्स हैंडल और फ़ेसबुक के लोगों का. जो जाने की सोच तो रहे हैं. लेकिन अव्यवस्था की वजह से हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं. अंग्रेज़ी अख़बार Hindustan Times लिखता है कि 300 किलोमीटर तक फैले वाहनों के समुद्र ने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेले की ओर जाने वाली सड़कों को पार्किंग स्थल में बदल दिया, दुनिया की सबसे बड़ी धार्मिक सभा में भाग लेने के लिए उत्सुक लाखों तीर्थयात्री रविवार को मेला स्थल से सैकड़ों किलोमीटर दूर अपनी कारों में फंसे हुए थे.

अभूतपूर्व भीड़, जिसे नेटिज़न्स ने “दुनिया का सबसे बड़ा ट्रैफिक जाम” कहा, कथित तौर पर मध्य प्रदेश के रास्ते महाकुंभ मेले के लिए जाने वाले तीर्थयात्रियों के वाहनों को मिलाकर 200-300 किमी तक बढ़ गई और पुलिस को रविवार को विभिन्न जिलों में यातायात रोकने के लिए प्रेरित किया, जिससे लोग कई घंटों तक सड़कों पर फंसे रहे. ये तो रही अख़बार की बात. अब वीडियो के साथ देखें हालात. अलग-अलग कहानी, पत्रकारों की ज़ुबानी.

यूपी के पत्रकार सचिन गुप्ता अपने एक्स हैंडल पर लिखते हैं- ‘प्रयागराज महाकुंभ आने वाले सभी रास्तों पर लम्बा जाम है. दिल्ली से एक फैमिली 30 घंटे में महा कुंभ पहुंची. वाहन अलग अलग शहरों में जहां-तहां डायवर्ट किए जा रहे हैं. प्रयागराज शहर के अंदर हर गली-मुहल्ले, चौक हो चुके हैं. लोग इतने ज्यादा पहुंच गए हैं कि पूरा ट्रैफिक पटरी से उतर गया है.

MP पुलिस तो रास्ते में ये भी अपील कर रही है कि प्रयागराज में न जाएं, क्योंकि वहां वाहनों की एंट्री बंद हो गई है. दरअसल, पहले ज्यादातर लोगों ने सोचा कि भीड़ कम होने पर फरवरी में महा कुंभ जाएंगे. अब वही सब “सयाने” लोग कुंभ की तरफ दौड़ लगा रहे हैं. महा कुंभ समापन के सिर्फ 15 दिन बचे हैं.’

यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव लिखते हैं- ‘प्रयागराज में चतुर्दिक जाम की वजह से न तो खाने-पीने के लिए खाद्यान्न और सब्ज़ी मसाले उपलब्ध हो पा रहे हैं और न ही दवाई, पेट्रोल-डीज़ल. इससे प्रयागराज व महाकुंभ परिसर तथा प्रयागराज आने-जानेवाले मार्गों पर फंसे करोड़ों भूखे-प्यासे, थके-हारे श्रद्धालुओं की हालत हर घंटे बद से बदतर होती जा रही है. ये एक अति गंभीर स्थिति है. जैसे राज्यों में सांविधानिक तंत्र फ़ेल हो जाने पर कमान किसी और को दे दी जाती है वैसे ही महाकुंभ में अव्यवस्थाओं का अंबार देखते हुए किस योग्य व्यक्ति को शासन की कमान दे दी जाए. अयोग्य लोग झूठा प्रचार कर सकते हैं, सच्ची व्यवस्था नहीं.’

पत्रकार कृष्णकांत लिखते हैं- ‘धर्म के व्यापारियों ने सोचा कि कुंभ के बहाने धार्मिक भावनाओं का अंधाधुंध दोहन किया जा सकता है. इस चक्कर में प्रयागराज के अगल-बगल दो तीन सौ किलोमीटर तक यातायात व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है. ये वीडियो कटनी, मध्य प्रदेश का है. ये प्रयागराज से 270 किलोमीटर दूर है. सुल्तानपुर, अयोध्या, प्रतापगढ़ जौनपुर, चित्रकूट वगैरह से भी ऐसी ही खबरे हैं. कुंभ सदियों से होता आया है. ऐसी कुव्यवस्था, ऐसी अराजकता कभी देखने को नहीं मिली.’

पत्रकार ब्रजेश राजपूत लिखते हैं- ‘कटनी से प्रयागराज की दूरी करीब 300 किलोमीटर है. हालत यह है कि इस रास्ते पर जगह-जगह जाम है. अब तो स्थिति यह हो गई कि पुलिस लाउड स्पीकर के जरिए लोगों से अपील कर रही कि आप प्रयागराज मत जाइए. घर वापस चले जाइए. कुछ दिनों बाद जाइएगा.’

पत्रकार प्रिया सिंह लिखती हैं- ‘ये तो हाल है रेलवे का. यात्री ट्रेन के इंजन में घुसे जा रहे हैं. तस्वीर वाराणसी की है. यह महाकुंभ स्पेशल ट्रेन का हाल है. यात्रियों ने इंजन में घुस पॉयलट के जगह पर क़ब्ज़ा कर लिया .फिर जैसे तैसे RPF ने इन जबरन घुसे यात्रियों को बाहर निकाला.’

पत्रकार अमित यादव लिखते हैं- ‘दिक्कत बस इतनी है… योगी जी ने बोला था 100 करोड लोगों की व्यवस्था की गई है लोगों ने योगी जी की बात को सीरियस ले लिया…. भाई अब तो समझ जाओ वह भी जुमला था…’

वहीं पत्रकार Ashutosh Chaturvedi लिखते हैं- ‘अभी प्रयागराज जाने के लिए फ़्लाईट टिकट चेक कर रहा था. गौर करिए. प्रयागराज की टिकट लगभग 80 हज़ार की है और बैंकॉक की मात्र 11 हज़ार के आसपास. श्रद्धा महंगी सैर सपाटा सस्ता? ग़ज़ब की लूट है, आस्था के नाम पर. एयरलाइंस कंपनियां लूट रहीं हैं.. इस पर अंकुश लगना चाहिए. उधर सड़क मार्ग पर आम लोगों को कई किलोमीटर लंबे जाम से जूझना पड़ रहा है.’

तो कहना बस इतना है. अगर प्रयागराज जाने की तमन्ना हो रही है तो पहले अन्य लाभार्थियों की कहानी भी जान लें. अगर फिर भी देश के विकास में सहयोग देने की आकांक्षा हो तो तुरंत निकल जाएं.

Last Updated on February 10, 2025 10:01 am

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *