जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी (Johnson & Johnson Pvt Ltd) का बेबी पॉउडर कई वजहों से लगातार चर्चा में है. महाराष्ट्र के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने अब इस मामले में कार्यवाही करते हुए जॉनसन एंड जॉनसन प्राइवेट लिमिटेड का बेबी पाउडर निर्माण करने संबंधी लाइसेंस रद्द कर दिया है.
राज्य सरकार की एजेंसी ने एक विज्ञापन जारी कर इस बारे में जानकारी दी है. इस विज्ञापन में कहा गया है कि कंपनी का उत्पाद जॉनसन बेबी पाउडर नवजात शिशुओं की त्वचा को प्रभावित कर सकता है. कंपनी की राज्य में एकमात्र निर्माण इकाई मुलुंड में स्थित है.
बता दें कि यह फैसला कंपनी और एफडीए के बीच डेढ़ साल लंबे चले विवाद के बाद आया है. नवंबर 2019 में पुणे और नासिक से जुटाए गए नमूने मानकों पर खरे नहीं उतरे थे, जिनमें विश्लेषकों ने पीएच का स्तर 9.285 पाया, जो कि स्वीकृत स्तर (5.5 से 8) से अधिक था.
यही नहीं जॉनसन केवल भारत में इस तरह के विवादों में सामना नहीं कर रहा है बल्कि अमेरिका में अगले साल से जॉनसन बेबी पाउडर बनाना और बेचना पूरी तरह से बंद कर देगी. जॉनसन एंड जॉनसन पर अमेरिकी महिलाओं ने करीब 38 हजार मुकदमे किए हुए है.
इन महिलाओं का मानना है कि इसमें एस्बेस्टस पाया जाता है, जिसके चलते उन्हें गर्भाशय का कैंसर हुआ है. इस बाबत 2018 में ही कंपनी पर 32,000 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था.उस समय बताया गया था कि जॉनसन एंड जॉनसन वर्तमान में पूरे अमेरिका में मुकदमों का सामना कर रहा था. इसके उत्पादों के द्वारा गर्भाशय का कैंसर होने का दावा करने वाली महिलाओं द्वारा 9,000 से ज्यादा मुकदमे दर्ज कराए गए थे.
अमेरिका में विवादों में घिरने के बाद कंपनी ने अपनी सफाई में कहा कि दशकों के शोध से पता चलता है कि उसके उत्पाद उपयोग के लिए सुरक्षित हैं. कॉर्नस्टार्च पर आधारित पाउडर पहले से ही दुनिया भर के देशों में बेचा जाता है.
Last Updated on September 17, 2022 1:47 pm