Modi सरकार 11 साल: दूसरे से कुछ छीन लेने के सुख के अलावा और क्या मिला?

Modi Government report card (PC-PIB)
Modi Government report card (PC-PIB)

Modi सरकार 11 साल: परपीड़ा ही उपलब्धि है. 70 साल कुछ न हुआ. फिर नई आजादी आई. खुली हवा, सारा आकाश मिला. इस दौर में हमने क्या हासिल किया??
कुछ उपलब्धियां बताइए..
“बहुत कुछ हुआ”..
इस घोषणा के बाद, सामने बैठा गुमसुम बन्दा सोच सोच कर कहेगा- राम मंदिर, 370, CAA, ट्रिपल तलाक, वक्फ बोर्ड, पाकिस्तान को घुसकर मारा, विदेशों में डंका.
कहेगा- बेख़ौफ़ जीने का हक मिला.
GST नोटबन्दी सूची में छूट जाएंगी, आप भी न पूछिए. जो बताया, उसे ही समझ लें.

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राम मंदिर का फैसला, प्रकटतः कोर्ट का निर्णय था. सरकार की राजनीतिक/प्रशासनिक उपलब्धि नहीं. खुलेआम इसे पार्टी की उपलब्धि कहना, देश की सुप्रीम कोर्ट को कम्प्रोमाइज्ड, और अपनी पार्टी का हिटमैन बताना है. जिसपे मुझे कोई उज्र नहीं. स्वीकार है.
आप ये बतायें कि हासिल क्या हुआ? राम की कसम खाकर कहें, क्या राम की भक्ति का आनंद मिला??
या मुसलमानों से कुछ छीन लेने का सुख?

क्या सच ये नहीं, कि निर्माण “वहीं”, मस्जिद के ध्वंसावशेष पर न होता, तो इसमे सुख कतई न था. असलियत में ये ध्वंस का सुख था. पीड़ा देने का सुख !! जमीन पर कब्जा करने का आनंद.. दबा देने का मजा!!!

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370 से जमीनी अधिकार में क्या बदलाव आया? क्या एक भी इंच जमीन बढ़ी? नहीं??
तो क्या आतंकवाद रुक गया, घुसपैठ, भारत विरोधी नारे और तंजीमे एक झटके में खत्म हो गई??
शायद कश्मीर से मेलजोल, सुखचैन बढ़ा हो.

नहीं, हालात बिगड़े..
ये आपका दिल जानता है. पर आप खुश हैं. क्योकि, आपको मिला- “किसी से कुछ छीन लेने का सुख”

ट्रिपल तलाक क्रिमिनलाइज़ करने से आपको क्या मिला?? चार पत्नियां न रख सकने की जलन से छुटकारा?? या उनका विशेष अधिकार छीन लेने का सुख?? वक्फ बोर्ड मिटाने क्या फायदा मिलेगा आपको??

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पाकिस्तान आपने मिटा दिया, या डरा दिया?? कुछ नहीं, आपको मिला दो बम गिराकर भाग आने का सुख. 10 बीस लाशों की गिनती?? साथ मिली पुलवामा पर चुप्पी. छाती पर खड़ा चीन पाक युति. देशहित में चीनी कब्जे पर चुप्पी रखने की करबद्ध गुजारिश!!

CAA-NRC से क्या मिला?
पड़ोसी की शक्ल का ख़ौफ़ देखने का सुख. “जा, कागज खोज” कह धमकाने का सुख?? यही उपलब्धि है??
ख़ौफ़, परपीड़ा, छीन लेना, दबा देना, डरा देना, धमका देना, लिंच करना, मार डालना?? 11 साल से आपको परपीड़ा का फ़ण्डामेंटल राइट मिला है.

नोटबन्दी- GST के छूटे हुए मसलों पर आइये. यहां पर ख़ौफ़, ख़ो देना, डर जाना, बन्द हो जाने का भय, आपके ऊपर था. तो आप बात करने से कन्नी काटते है. खुद को मिली पीड़ा का दर्द छुपाते हैं. यह मानकर कि यह परपीड़ा के अधिकार की छोटी सी कीमत हैं. लच्छेदार शब्दो में यह देश के लिए आपका त्याग है. पर कोई तो फैसला, नीति बताइये जो जन जीवन को समृद्ध बना गयी हो. अरे, कम से कम हिंदुओं को ही समृद्ध बना गयी, राहत दे गई, उम्मीदें जगा गयी हो.

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सच कहिये, हिन्दू होने के बावजूद, रात 8 बजे प्रकटीकरण की घोषणा से, आपके दिल में क्या मुसलमानों से कम कुशंकाएं उठती थी?? पीड़ा सबको बराबर है. मगर दूसरी ओर की घास ज्यादा हरी, दूसरे का सुख बड़ा प्रतीत होता है. वैसे ही दूसरे की पीड़ा का आनंद भी बड़ा होता है, अपना दुख भुला देता है.

एक समूची राष्ट्रीय सरकार हमने परपीड़ा के सुख के लिए पाली है. उससे परपीड़ा के अलावे कुछ मांगा ही नहीं है. मांगना चाहते नहीं. तो परपीड़ा ही उसकी उपलब्धि है. आप प्रतिवाद करेंगे. विदेशों में मान सम्मान की बात कहेंगे. इस सम्मान का मीटर क्या है ???

क्या आप जानते हैं, कि विदेश में डंका बजने का सीधा नतीजा, व्यापार वृद्धि होती है. ट्रेड फेवर्स और समझौते होते हैं. वीजा इमिग्रेशन आसान होते हैं. ये सब शून्य रहा. आखरी बड़ा ट्रेड समझौता 2012 में हुआ. कोविड के पहले ही, विश्व के विदेश व्यापार में हमारा हिस्सा घटना शुरू हो चुका था. इम्पोर्ट बढ़े हैं, निर्यात स्थिर है. कर्ज 2014 से 6 गुना हो गया.

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तो विदेशों की कवायद में आपके हाथ कुछ खिलखिलाते, गले पड़ते फोटो आये हैं. क्या मूल्य है उन तस्वीरों का?
आह, वो गैस वितरण, जीरो बैलेंस खाते, शौचालय की बात रह गयी. इसकी सफलता, असफलता की डेप्थ में क्यो जाऊं??
मुस्कुरा दूंगा!! सुनकर कि आपने ये सरकार सस्ती गैस, खाता खोलने और शौचालय के लिए चुनी थी.

गांठ बांध लीजिये, परपीड़ा ही इस सरकार की उपलब्धि है. परपीड़क इसके चेहरे हैं. परपीड़ा हमारा व्यापार है, 11 बरस से हमारा उद्यम है, उत्पाद है. नतीजा है एक सैडिस्ट नेशन, जो अपनों को सबक सिखाने की कोशिश में… खुद पतन के कगार पर खड़ा है.

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यह हमारे नए धर्म, इस खूंरेज हिंदुत्व का हासिल है. थकान, एक बड़ा शून्य, खाली हाथ, और उन्हें निराशा से ताकते हुए हम.

बस,परपीड़ा ही हमारी उपलब्धि है.

Manish Singh के ट्विटर हैंडल (@RebornManish ) से…

(डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं. लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है. इसके लिए Newsmuni.in किसी भी तरह से उत्तरदायी नहीं है)

Last Updated on August 12, 2024 6:14 am

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