यूपी किडनेपिंग में नंबर वन! रोजाना 44 अपहरण के मामले दर्ज़: NCRB

NCRB Report 2023
NCRB Report 2023

NCRB Report 2023: उत्तर प्रदेश (UP) में भले ही अपराधियों पर लगाम लगाने का दावा किया जाता है. लेकिन असल में यह सच्चाई नहीं है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 में अपहरण के एक लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. यानी कि औसतन रोजाना 294 से अधिक अपहरण के मामले. वहीं अगर घंटों के हिसाब से देखें तो 12 से अधिक मामले दर्ज किए गए. वहीं अगर उत्तर प्रदेश की बात करें तो 2022 में अधिकतम 16,262 मामले दर्ज किए गए हैं, यानी कि रोज़ाना 44 अपहरण. साल 2021 में यह आंकड़ा 14,554 था और 2020 में 12,913. वहीं पिछले दो वर्षों में हेट स्पीच के मामले भी 45 प्रतिशत बढ़ें हैं. यूपी हेट स्पीच मामलों में भी नंबर वन है. यहां पर साल 2022 में हेट स्पीच के कुल 217 मामले दर्ज़ हुए हैं.

NCRB जो केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करता है, ने अपनी वार्षिक अपराध रिपोर्ट में कहा हौ कि 2022 में देश में अपहरण के 1,07,588 मामले दर्ज किए गए, जबकि साल 2021 में यह आंकड़ा 1,01,707 और 2020 में 84,805 था. रिपोर्ट के अनुसार, 2022 के दौरान 21,278 पुरुषों, 88,861 महिलाओं और एक ट्रांसजेंडर सहित कुल 1,10,140 लोगों के अपहरण होने की रिपोर्ट दर्ज हुई थी, जिनमें 76,069 बच्चे थे – 13,970 बालक और 62,099 बालिकाएं. कुल 34,071 वयस्कों में 7,308 पुरुष, 26,762 महिलाएं और एक ट्रांसजेंडर शामिल थे.

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NCRB की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में देश में प्रति एक लाख आबादी पर अपराध की औसत दर 7.8 थी, जबकि ऐसे अपराधों में आरोप पत्र दायर करने की दर 36.4 थी.

यूपी में अपहरण के सबसे ज्यादा मामले
NCRB की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में 2022 में अपहरण की 5,641, 2021 में 5,527 और 2020 में 4,062 एफआईआर दर्ज की गईं. उत्तर प्रदेश में 2022 में अपहरण के सबसे अधिक 16,262 मामले दर्ज किए गए, जो 2021 में 14,554 और 2020 में 12,913 थे.

2022 में महाराष्ट्र में ऐसे 12,260 मामले दर्ज किए गए, जो 2021 में 10,502 और 2020 में 8,103 थे. 2022 में बिहार में अपहरण की 11,822, 2021 में 10,198 और 2020 में 7,889 एफआईआर दर्ज की गईं. मध्य प्रदेश में ये आंकड़े 10,409 (2022), 9,511 (2021) और 7,320 (2020) थी. पश्चिम बंगाल में ये आंकड़े 8,088 (2022), 8,339 (2021) और 9,309 (2020) थे.

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NCRB के आंकड़ों से पता चलता है कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रति लाख जनसंख्या पर अपराध की उच्चतम दर 26.7 थी और देशभर के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तुलना में सबसे खराब आरोप पत्र दर 7.8 भी यहीं दर्ज किया गया. जबकि बिहार में साल 2022 में अपराध दर 9.4 थी और आरोप पत्र दाखिल करने की दर 63 थी. वहीं पश्चिम बंगाल में साल 2022 में अपराध दर 8.2 रही जबकि आरोप पत्र दाखिल करने की दर 69.4 रही.

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हेट स्पीच के मामलों में 45 प्रतिशत वृद्धि

NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक पूरे देश में 2021 में हेट स्पीच के 993 मामले सामने आए थे, जो 2022 में बढ़कर 1,444 हो गए. 2022 में सबसे अधिक 217 मामले उत्तर प्रदेश, उसके बाद राजस्थान में 191 और महाराष्ट्र में 178 में दर्ज किए गए. डाटा से यह भी पता चला है कि पांच राज्यों- मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, मिजोरम- जहां हाल ही में चुनाव हुए, में से दो में हेट स्पीच के मामलों में 100% से अधिक की वृद्धि देखी गई.

मध्य प्रदेश में 2021 में 37 के मुकाबले 2022 में 108 मामलों के साथ 191% की वृद्धि हुई, वहीं राजस्थान में 2021 में 80 की तुलना में 2022 में 191 मामलों के साथ 138% की वृद्धि देखी गई.

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इसी तरह तेलंगाना में 2021 में 91 मामलों के तुलना में पिछले साल 119 मामले दर्ज किए गए, जो 31% की वृद्धि है.

मिजोरम में हेट स्पीच के मामले नहीं

रिपोर्ट के अनुसार, छत्तीसगढ़ में गिरावट देखी गई जहां 2021 के सात के मुकाबले 2022 में केवल पांच मामले दर्ज किए गए और मिजोरम एक अपवाद था जहां पिछले दो वर्षों में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया.

इसके अलावा तमिलनाडु में 146 मामले, आंध्र में 109, कर्नाटक में 64, असम में 44, पश्चिम बंगाल में 43, पंजाब में 30, हरियाणा में 29, दिल्ली में 26, जम्मू-कश्मीर में 16, उत्तराखंड और मणिपुर में 15-15 और हिमाचल में 10 मामले दर्ज किए गए.

हालांकि, ऐसे अपराधों की दर पूर्वोत्तर राज्यों मणिपुर, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश और दक्षिण में तेलंगाना में सबसे अधिक थी. मणिपुर में प्रति लाख जनसंख्या 0.5 सबसे अधिक थी, सिक्किम (0.4), अरुणाचल और तेलंगाना (0.3) भी पीछे नहीं थे. इस पैमाने पर उत्तर प्रदेश 0.1 प्रति लाख पर था, जो इन राज्यों से काफी नीचे था.

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क्या है हेट स्पीच?
भारत में आईपीसी की धारा 153 ए के तहत पंजीकृत धर्म, जाति, भाषा और जन्म स्थान के आधार पर समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए नफरत फैलाने वाले भाषण को हेट स्पीच कहते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दो सालों में हेट स्पीच और अन्य कृत्यों से संबंधित मामलों में 45 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

Last Updated on December 6, 2023 4:35 pm

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