New Delhi Railway Station: मुसलमानों से खतरा बताने वाली सरकार में रोज़ाना क्यों मर रहे हिंदू?

प्रयागराज की भीड़ में हुई मौत से लेकर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन तक मरने वाले हिंदू श्रद्धालु थे. ये वह लोग थे जिन्होंने सरकार के “144 साल बाद आए कुंभ” के दावे में भरोसा किया. जिन्होंने माना कि प्रयागराज 100 करोड़ लोगों का वेलकम करने के लिए तैयार है. बदले में इन्हें क्या मिला. दो घूंट सांसों के लिए तरसती मौत.

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मरने वाले हिंदू या मुसलमान? (PC-X@geoajeet)
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मरने वाले हिंदू या मुसलमान? (PC-X@geoajeet)

New Delhi Railway Station भगदड़ में मौत को लेकर कई दावे हैं. पत्र-पत्रिकाओं में 15-20 लोगों के मरने की ख़बर बताई जा रही है. टीवी चैनलों से बात करते हुए सरकारी दावा में 30-35 लोगों के मरने की ख़बर बताई जा रही है. तो वहीं प्रत्यक्षदर्शियों का मानना है कि 200 से ज़्यादा लोगों की जान गई है. मरने वाले ये लोग कौन थे? बताया जा रहा है कि ये लोग महाकुंभ जाने वाले श्रद्धालु थे. जो प्रयागराज में अमृत स्नान के लिए जा रहे थे. मुसाफिरों का कहना है 2-3 घंटो से दिल्ली रेलवे स्टेशन के कुछ प्लेटफार्म पर भीड़ बढ़ती जारही थी. पर सुनने वाला कोई नहीं था.

सवाल उठता है कि New Delhi Railway Station पर RPF, GRP और भारी पुलिस बंदोबस्त के बीच भी भीड़ पर काबू क्यों नहीं पाया जा सका ?

वहां मौजूद कुछ लोगों का दावा तो यह भी है कि भगदड़ के दौरान कई लोग ट्रेन के आगे गिरकर कट गए. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ दिल्ली फ़ायर सर्विस ने कहा है कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ जैसे हालात बन गए थे.

दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई अफरा तफरी को लेकर प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, “पीछे की भीड़ ने हमें दबा दिया, अगर पीछे की भीड़ को रोक दिया जाता तो हम नहीं दबते.” तो क्या रेलवे प्रशासन से भीड़ मैनेज करने में भारी चूक नहीं हुई?

रेल मंत्रालय के प्रवक्ता दिलीप कुमार के मुताबिक, “रात में प्रयागराज एक्सप्रेस और मगध एक्सप्रेस ट्रेंनो के लिए बहुत पैसेंजर आ गए और सबको लगा कि ये आखिरी ट्रेन है इसी से चले जायेंगे. प्रयागराज एक्सप्रेस में धक्के जैसी स्थिति हुई है”

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दिल्ली के उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अव्यवस्था और भगदड़ की वजह से दुखद हादसा हुआ है. मैंने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से बात की है और स्थिति संभालने के लिए कहा है. चीफ़ सेक्रेटरी को राहतकर्मी तैनात करने के लिए कहा गया है. अस्पताल किसी भी इमरजेंसी के लिए तैयार हैं. सीएस और सीपी को मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लेने के लिए कहा गया है. मैंने पूरी स्थिति पर नज़र बना रखी है.”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हादसे में मारे गए लोगों के श्रद्धांजलि अर्पित की है.

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सवाल उठता है कि जिस सरकार के कार्यकाल के दौरान लोगों के बीच एक धारणा बनाई गई कि हिंदुओं को मुसलमानों से ख़तरा है. उसी दौर में रोज़ाना हिंदुओं की अप्रत्याशित मौत क्यों हो रही है? और ये मौतें प्राकृतिक नहीं हैं. प्रयागराज की भीड़ में हुई मौत से लेकर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन तक मरने वाले हिंदू श्रद्धालु थे. ये वह लोग थे जिन्होंने सरकार के “144 साल बाद आए कुंभ” के दावे में भरोसा किया. जिन्होंने माना कि प्रयागराज 100 करोड़ लोगों का वेलकम करने के लिए तैयार है. बदले में इन्हें क्या मिला. दो घूंट सांसों के लिए तरसती मौत.

Last Updated on February 16, 2025 8:22 am

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