New Delhi Railway Station भगदड़ में मौत को लेकर कई दावे हैं. पत्र-पत्रिकाओं में 15-20 लोगों के मरने की ख़बर बताई जा रही है. टीवी चैनलों से बात करते हुए सरकारी दावा में 30-35 लोगों के मरने की ख़बर बताई जा रही है. तो वहीं प्रत्यक्षदर्शियों का मानना है कि 200 से ज़्यादा लोगों की जान गई है. मरने वाले ये लोग कौन थे? बताया जा रहा है कि ये लोग महाकुंभ जाने वाले श्रद्धालु थे. जो प्रयागराज में अमृत स्नान के लिए जा रहे थे. मुसाफिरों का कहना है 2-3 घंटो से दिल्ली रेलवे स्टेशन के कुछ प्लेटफार्म पर भीड़ बढ़ती जारही थी. पर सुनने वाला कोई नहीं था.
सवाल उठता है कि New Delhi Railway Station पर RPF, GRP और भारी पुलिस बंदोबस्त के बीच भी भीड़ पर काबू क्यों नहीं पाया जा सका ?
सरकार के दावे को जनता ने झूठ करार दिया !
सरकारी आंकड़े 30 से 35 बता रहे है पर वहा मौजूद लोग बता रहे है की 200+ लोग दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ में मरे है !pic.twitter.com/ACTlWxQhbh— Surbhi Maradiya (@SurabhiMaradiya) February 15, 2025
वहां मौजूद कुछ लोगों का दावा तो यह भी है कि भगदड़ के दौरान कई लोग ट्रेन के आगे गिरकर कट गए. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ दिल्ली फ़ायर सर्विस ने कहा है कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ जैसे हालात बन गए थे.
अंदाजा लगाइए, दिल्ली रेलवे स्टेशन पर क्या हुआ?
सरकार की अव्यवस्था + भीड़ प्रबंधन की नाकामी = एक और बड़ा हादसा!
— Prakash Raj Satire (@PrakashRofl) February 15, 2025
दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई अफरा तफरी को लेकर प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, “पीछे की भीड़ ने हमें दबा दिया, अगर पीछे की भीड़ को रोक दिया जाता तो हम नहीं दबते.” तो क्या रेलवे प्रशासन से भीड़ मैनेज करने में भारी चूक नहीं हुई?
“पीछे की भीड़ ने हमें दबा दिया, अगर पीछे की भीड़ को रोक दिया जाता तो हम नहीं दबते”
दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई अफरा तफरी को लेकर प्रतयक्षदर्शी ने कहा #NewDelhi #DelhiRailwayStation pic.twitter.com/M6cYMmv7lk
— AajTak (@aajtak) February 15, 2025
रेल मंत्रालय के प्रवक्ता दिलीप कुमार के मुताबिक, “रात में प्रयागराज एक्सप्रेस और मगध एक्सप्रेस ट्रेंनो के लिए बहुत पैसेंजर आ गए और सबको लगा कि ये आखिरी ट्रेन है इसी से चले जायेंगे. प्रयागराज एक्सप्रेस में धक्के जैसी स्थिति हुई है”
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दिल्ली के उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अव्यवस्था और भगदड़ की वजह से दुखद हादसा हुआ है. मैंने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से बात की है और स्थिति संभालने के लिए कहा है. चीफ़ सेक्रेटरी को राहतकर्मी तैनात करने के लिए कहा गया है. अस्पताल किसी भी इमरजेंसी के लिए तैयार हैं. सीएस और सीपी को मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लेने के लिए कहा गया है. मैंने पूरी स्थिति पर नज़र बना रखी है.”
रेलमंत्री महोदय कह रहे हैं कि स्थिति नियंत्रण में है। उपराज्यपाल महोदय कह रहे हैं कि हादसे कुछ लोग मारे गए हैं।
उम्मीद है कि घायलों को उचित इलाज़ की व्यवस्था की गई होगी। जिस तरह की भीड़ आ रही है, व्यवस्थाएँ और बेहतर की जायें तो ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है। pic.twitter.com/OHD0S6F2xG
— Ashok Kumar Pandey अशोक اشوک (@Ashok_Kashmir) February 15, 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हादसे में मारे गए लोगों के श्रद्धांजलि अर्पित की है.
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सवाल उठता है कि जिस सरकार के कार्यकाल के दौरान लोगों के बीच एक धारणा बनाई गई कि हिंदुओं को मुसलमानों से ख़तरा है. उसी दौर में रोज़ाना हिंदुओं की अप्रत्याशित मौत क्यों हो रही है? और ये मौतें प्राकृतिक नहीं हैं. प्रयागराज की भीड़ में हुई मौत से लेकर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन तक मरने वाले हिंदू श्रद्धालु थे. ये वह लोग थे जिन्होंने सरकार के “144 साल बाद आए कुंभ” के दावे में भरोसा किया. जिन्होंने माना कि प्रयागराज 100 करोड़ लोगों का वेलकम करने के लिए तैयार है. बदले में इन्हें क्या मिला. दो घूंट सांसों के लिए तरसती मौत.
Last Updated on February 16, 2025 8:22 am