सूत्रों के हवाले से खबर – एक्सक्लूसिव–
नीतीश कुमार ने पहले लालू-तेजस्वी के सामने विधानसभा भंग कर लोकसभा के साथ चुनाव कराने का प्रस्ताव रखा था. नीतीश ने लालू यादव के सामने तर्क रखा कि अभी महागठबंधन की छवि अच्छी है. वे लोग चुनाव जीत जायेंगे.जिसे RJD (राष्ट्रीय जनता दल) ने सिरे से खारिज कर दिया.
लालू यादव से मोहभंग होने के बाद नीतीश, BJP के शीर्ष नेतृत्व के संपर्क में आए. ख़बर है कि नीतीश के प्रस्ताव पर BJP का केंद्रीय नेतृत्व तैयार हो गया है. लेकिन स्थानीय नेतृत्व की सलाह पर उसने नीतीश के एक साथ चुनाव के प्रस्ताव को खारिज कर दिया.
BJP अब नीतीश को अगले एक साल के लिए मुख्यमंत्री बनाने को तो तैयार है, लेकिन लोकसभा और विधानसभा का चुनाव एक साथ कराने को तैयार नहीं है.
BJP केंद्रीय नेतृत्व और JDU (जनता दल यूनाइटेड) के बीच लोकसभा के सीटों को लेकर भी व्यापक सहमति बन गई है. जिसके मुताबिक बिहार BJP और JDU 17–17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. 4 सीट चिराग और पारस के चाचा भतीजे को दिया जाएगा. एक सीट उपेंद्र कुशवाहा और एक सीट जीतन राम मांझी के लिए छोड़ा जाएगा.
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एक मामला काउंसिल और राज्यसभा के चुनाव का भी फंस रहा है. नीतीश कुमार खुद भी विधानपरिषद के सदस्य हैं.
नीतीश कुमार का भारत जोड़ो न्याय यात्रा के पूर्णिया रैली के दिन 30 जनवरी को पटना में कार्यक्रम लगा हुआ है. नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन से बाहर निकलने का फैसला कर चुके हैं.
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नीतीश कुमार BJP केंद्रीय नेतृत्व ( पीएम और गृहमंत्री) के अलावा किसी और के संपर्क में नही हैं.
वरिष्ठ पत्रकार अजय झा के ट्विटर पेज (@Ajay_reporter) से…
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Last Updated on January 25, 2024 9:08 am