Pahalgam Terrorist Attack: 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने न केवल 28 निर्दोष नागरिकों की जान ली, बल्कि देश को एक गहरे नैरेटिव युद्ध में भी झोंक दिया. इस हमले की ज़िम्मेदारी पाकिस्तान-समर्थित आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने ली है, जिसने इसे घाटी में “जनसांख्यिकीय परिवर्तन” के खिलाफ प्रतिक्रिया बताया.
पहलगाम आतंकी हमले को राजनीतिक फायदे-नुकसान के हिसाब से नैरेटिव वॉर बना दिया गया है. जिस जगह पर यह घटना हुई, वहां सिक्योरिटी फोर्सेज को पहुंचने में कम से कम एक घंटे का समय लगता है. शुरुआती फायर के बाद लोगों को घेरकर, उनकी धार्मिक पहचान पूछकर गोली मारी गई यह बात सही है.
आपको क्या लगता है कि जिन आतंकियों ने इस घटना को अंजाम दिया है, वो अपने आका के निर्देश के बिना यह सब कर रहे थे. इस पूरी वारदात को इस हिसाब से प्लान किया गया था कि बाद में इसी किस्म का नैरेटिव खड़ा हो.
हम दुनिया की सबसे बड़ी डेमोक्रेसी हैं और एक सेकुलर डेमोक्रेसी हैं. और हमें अपनी इस पहचान पर गर्व है. भारत, जो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, इस तरह के कृत्यों के सामने झुकने वाला नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
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यह पूरी घटना मानवता के ख़िलाफ़ जघन्यतम अपराध है. निहत्थे नागरिकों की टार्गेटेड किलिंग है. हमारे देश की अस्मिता को सीधी चुनौती है. अगर आप इस पूरी वारदात को हिंदू-मुस्लिम की बहस में घसीटेंगे तो आप इस अपराध के दायरे को संकीर्ण करने का काम कर रहे हैं. और कहीं ना कहीं इस आतंकी वारदात के हैंडलर्स के मंसूबों को पूरा करने में उनकी मदद कर रहे हैं. यह समय साथ खड़े होने का है. राजनीति करने के 50 दूसरे मौके हैं.
Last Updated on April 23, 2025 7:44 pm