Parliament Security Breach: बिजली के झटके देकर राजनीतिक दल का नाम लेने को किया मजबूर- आरोपी

Parliament Security Breach
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Parliament Security Breach: अभी चंडीगढ़ मेयर चुनाव (Chandigarh Mayor Election) में धांधली वाला आरोप ठंडा भी नहीं हुआ कि संसद सुरक्षा चूक मामले को लेकर एक और बड़ा खुलासा हुआ है. केंद्र सरकार के अधीन दिल्ली पुलिस (Delhi Police) पर आरोप है कि संसद सुरक्षा में चूक मामले को लेकर आरोपियों को गंभीर प्रताड़ना दी गई. इतना ही नहीं उन्हें अपराध कबूल करने और राजनीतिक दलों के साथ संबंध स्वीकार करने के लिए मजबूर किया गया. आजतक ने रिपोर्ट छापते हुए लिखा है कि आरोपियों को कथित तौर पर बिजली के झटके तक दिए गए. ताकि आरोपी एक खास दल को साज़िश के लिए जिम्मेदार बता दे.

गिरफ्तार 6 लोगों में से पांच आरोपियों ने यह दलील अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर के सामने दी है. सभी छह आरोपियों की न्यायिक हिरासत 1 मार्च तक बढ़ा दी गई है.

बुधवार को सिक्योरिटी ब्रीच मामले में गिरफ्तार पांचों आरोपियों (सागर शर्मा, ललित झा, मनोरंजन डी, महेश कुमावत और अमोल शिंदे) ने कोर्ट को बताया कि उन्हें लगभग 70 कोरे कागजों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया.

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“आरोपी व्यक्तियों को यूएपीए के तहत अपराध करने और राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के साथ संबंध रखने के लिए हस्ताक्षर करने और कबूल करने के लिए प्रताड़ित किया गया. बिजली के झटके दिए गए.”

बयान सुनने के बाद दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने पुलिस से जवाब देने को कहा है. साथ ही अर्जी पर सुनवाई के लिए 17 फरवरी की तारीख तय की है.

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आरोपियों ने कोर्ट में ये सभी आरोप लगाए

  • 70 खाली पन्नों पर अलग-अलग जगहों पर हस्ताक्षर करने को मजबूर किया.
  • UAPA के तहत हस्ताक्षर कर, अपराध कबूल करे
  • राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के साथ जुड़ाव के लिए प्रताड़ित किया गया
    बिजली के झटके दिए गए
  • दो आरोपियों पर अपनी संलिप्तता के बारे में एक राजनीतिक दल/नेता का नाम लेने के लिए दबाव डाला गया.
  • पॉलीग्राफ/नार्को/ब्रेन मैपिंग के दौरान (बाद में/पहले), टेस्ट करने वाले संबंधित व्यक्तियों ने डाला दबाव.
  • सभी से उनके वर्तमान/पुराने मोबाइल फोन नंबरों के बारे में पूछा गया.
  • उन्हें पुराने मोबाइल नंबरों के सिम कार्ड और वर्तमान सिम कार्ड नंबरों के सिम कार्ड जारी करने के लिए एयरटेल/बीएसएनएल/वोडाफोन कार्यालयों का दौरा करने के लिए कहा गया.
  • सिम कार्ड जारी करने के लिए उनके बायोमेट्रिक्स लिए गए.
  • उन्हें अपने सभी ऑनलाइन सोशल मीडिया अकाउंट पासवर्ड, ईमेल अकाउंट पासवर्ड और फोन पासवर्ड देने के लिए मजबूर किया गया.

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कांग्रेस ने इस मामले में गुरुवार को आरोप लगाया कि विपक्ष के नेताओं को इस मामले में जिम्मेदार ठहराने की साजिश की जा रही है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रताप सिम्हा की मदद से आरोपियों को संसद का पास मिला, लेकिन सिम्हा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.

Last Updated on February 1, 2024 7:07 am

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