मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) इन दिनों डीजल-पेट्रोल (Diesel Petrol) के संकट के दौर से गुजर रहा है. प्रदेश में करीब 1 हजार पेट्रोल पंप सूखने की स्थिती में है. सरकार ने अगर इस दिशा में जल्द कोई फैसला नहीं लिया तो ये संकट आने वाले दिनों में और भी गहरा सकता है.
राज्य में कई पंप सूखे
बता दें कि मध्य प्रदेश में कुल 4900 पेट्रोल पंप है. जिसमें से बुधवार को लगभग 1000 पेट्रोल पंप सूख गए थे. खासकर के छोटे शहरों में पेट्रोंल पंप बंद होने की कगार पर आ गए हैं. जिन पंपों पर ईंधन है भी, तो वहां तीन-चार दिन का ही स्टॉक बचा है. मध्य प्रदेश में तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल की सप्लाई करीब 40% तक घटाई
पेट्रोल पंप एसोसिएशन (Petrol Pump Association) का कहना है कि केंद्र सरकार (Central Government) के पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty) घटाने के बाद तेल कंपनियों ने सप्लाई कम कर दी है.
अगर आने वाले दिनों में यह सप्लाई ठीक नहीं की गई तो आने वाले दिनों में संकट और भी गहरा सकता है. सबसे ज्यादा परेशानी डीजल को लेकर हो सकती है.
1 करोड़ लीटर ईंधन कम दे रही कंपनियां
भास्कर की खबर के मुताबिक पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन का कहना है कि प्रदेश में हर रोज 2.77 करोड़ लीटर पेट्रोल-डीजल की खपत होती है, लेकिन कंपनियां करीब 1 करोड़ लीटर ईंधन कम दे रही हैं.
बता दें कि मध्य प्रदेश में 3 तेल कंपनियां इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान और भारत पेट्रोलियम सप्लाई करती हैं. इनमें से करीब 40% सप्लाई इंडियन ऑयल करती है. इंडियन ऑयल की सप्लाई में कोई परेशानी नहीं है लेकिन बाकी दो कंपनियों ने सप्लाई कम कर दी है. जिसके कारण संकट गहरा गया है.
कंपनियों को हो रहा है घाटा
युक्रेन रुस युद्ध के कारण दुनिया में कच्चे तेल की कीमत बढ़ने से तेल कंपनियों को 28 प्रतिशत घाटा हो रहा है. पिछले महीने केंद्र सरकार ने लगातार बढ़ती पेट्रोल डीजल की कीमतों को काबू में करने के लिए एक्साइज ड्यूटी घटाई थी. जिसके कारण पेट्रोलियम कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसी के कारण तेल कंपनियां तेल में कटौती कर रही है.
खबरों की माने तो इससे तेल कंपनियों को करीब 28 रुपये डीजल पर और 16 रुपये पेट्रोल पर घाटा हो रहा है. इसलिए पेट्रोल व डीजल की आपूर्ति में कटौती कर रही हैं.
किसानों की बढ़ी परेशानी
ये तेल संकट ऐसे समय में हो रहा है जब किसान खरीफ की बुवाई करने खेतों में जाएंगें. ऐसे में किसान को सबसे अधिक डीजल की जरूरत होती है. लेकिन तेल के संकट ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है.
कमलनाथ ने सरकार को घेरा
वहीं पेट्रोल-डीजल की सप्लाई घटने के बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट किया कि प्रदेश की आम जनता को रोज नए संकटों में डालना भाजपा सरकार की आदत बन चुकी है.
अब पेट्रोल पंपों पर तेल की आपूर्ति का संकट खड़ा कर दिया गया है. राजधानी भोपाल सहित पूरे प्रदेश में पंप ड्राय होने लगे हैं. जनता पेट्रोल-डीजल की किल्लत से जूझ रही है. आगे हालात और भी भयावह होने का भय है.
प्रदेश की आम जनता को रोज नए संकटों में डालना भाजपा सरकार की आदत बन चुकी है। अब पेट्रोल पंपों पर तेल की आपूर्ति का संकट खड़ा कर दिया गया है। राजधानी भोपाल सहित पूरे प्रदेश में पंप ड्राय होने लगे हैं। जनता पेट्रोल-डीजल की किल्लत से जूझ रही है। आगे हालात और भी भयावह होने का भय है।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) June 14, 2022
Last Updated on June 16, 2022 6:57 am