प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) की शेरों से आंख मिचौली वाली तस्वीरें आपने देखी क्या? रैकून और ऑरंगुटान जैसे जानवर पीएम मोदी के गोद में खेल रहे हैं. लेकिन यह तस्वीरें हैं कहां की? सोशल मीडिया पर पीएम मोदी की जिन तस्वीरों को आप देख रहे हैं वह कोई सरकारी चिड़ियांघर या नेश्नल पार्क नहीं है. वह निजी चिड़ियांघर अनिल अंबानी के बेटे अनंत अंबानी का है. वही चिड़ियाघर जहां पर आपने India Today/आजतक के एंकर राहुल कंवर को कुछ दिनों पहले अनंत अंबानी के साथ हाथी की खिचड़ी खाते देखा होगा. हालांकि मीडिया में इसे वनतारा वन्यजीव पुनर्वास और संरक्षण केंद्र बताया गया है.
हाल के दिनों में 3000 एकड़ में फैले निजी अभ्यारण वनतारा को गुजरात का हरित प्रदेश कहकर काफी प्रचारित किया गया. मीडिया ने इसे जानवरों का पुनर्वास केंद्र कहकर प्रचारित किया. बताया गया कि वनतारा को अलग-अलग जगहों से बचाये गए जानवरों के बेहतर हालात के लिए एक हरे-भरे आवास के तौर पर विकसित किया गया है. दावा किया गया कि वनतारा ने 200 से अधिक हाथियों और अलग-अलग तरह के सरीसृपों और पक्षियों को सफलतापूर्वक बचाया है. कहा जाता है कि बचाए गये जानवरों में गैंडे, तेंदुए और मगरमच्छ जैसी महत्वपूर्ण प्रजातियां शामिल हैं.
इतना ही नहीं यहां अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं, अस्पताल, शोध संस्थान और शैक्षणिक केंद्र होने की भी बात कही गई है. लेकिन सवाल यह है कि जिन जानवरों को बचाया गया वे किन जगहों से बचाए गये?
RTI ऐक्टिविस्ट कुणाल शुक्ला ने संबंधित मंत्रालय से रिलायंस इंडस्ट्री के जामनगर स्थित परिसर में मौजूद निजी चिड़ियाघर में कितने जानवरों की मृत्यु हुई है, उसकी जानकारी देने का अनुरोध किया था.
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जवाब में मंत्रालय ने कहा कि ऐसे कोई चिड़ियाघर मंत्रालय की नज़र में नहीं है जिसका नाम वनतारा है. ऐसे में सवाल यह है कि वनतारा के लिए इस्तेमाल की जा रही 3000 एकड़ जमीन किस काम के लिए है और यह कब अलॉट की गई थी? अगर यह ज़मीन रिफ़ाइनरी के प्लांटेशन के लिए दी गई तो फिर चिड़ियाघर कैसे खोला?
जंगली जानवरों को निजी अभ्यारण में रखने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की अनुमति वाले दस्तावेज कहां हैं? दूसरे प्रदेशों से लाये जा रहे जंगली जानवरों का ट्रांसपोर्टेशन कैसे किया जा रहा है और इसकी अनुमति कब और किससे ली गई?
RTI ऐक्टिविस्ट कुणाल शुक्ला ने एक्स हैंडल पर RTI का जवाब शेयर करते हुए लिखा, ‘मुकेश अंबानी का लड़का अनंत अंबानी रिफ़ायनरी के नाम पर मिली ज़मीन पर “वनतारा” नाम से प्राइवेट चिड़ियाघर चला रहा है, लेकिन भारत सरकार को पता ही नहीं है इस नाम से कोई चिड़ियाघर है. और देश के प्रधानमंत्री इस नाम के चिड़ियाघर घूम रहे हैं.
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दरअसल मुझे आशंका थी कि चिड़ियाघर के नाम पर वन्य प्राणियों के अंगों की तस्करी का खेल खेला जा रहा है. इसलिए मैंने रिलायंस रिफ़ायनरी की ज़मीन पर बने चिड़ियाघर में मृत वन्य जीवों के बारे में #RTI से जानकारी चाही थी.’
मुकेश अंबानी का लड़का अनंत अंबानी रिफ़ायनरी के नाम पर मिली ज़मीन पर “वनतारा” नाम से प्राइवेट चिड़ियाघर चला रहा है,लेकिन भारत सरकार को पता ही नहीं है इस नाम से कोई चिड़ियाघर है!और देश के प्रधानमंत्री इस नाम के चिड़ियाघर घूम रहे हैं।
दरअसल मुझे आशंका थी कि चिड़ियाघर के नाम पर वन्य… pic.twitter.com/wJfpSHdFtB
— Kunal Shukla (@kunal492001) March 4, 2025
दरअसल नियमके मुताबिक वाईल्ड लाइफ़ एक्ट के शेड्यूल में शामिल किए गए वन्य प्राणियों का अंतिम संस्कार वन विभाग के अफ़सरों की देखरेख में ही किया जाता है. तो क्या यहां पर उन नियमों का पालन हो रहा है.
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एक ख़बर यह भी चल रही है कि छत्तीसगढ़ के जंगल सफारी के दो अंतिम सफेद भालू भी इसी वनतारा में भेजे जाने वाले हैं.
Last Updated on March 6, 2025 8:01 pm