न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ (Justice dy chandrachud ) देश के अगले CJI बन गए हैं. कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने इस बात की जानकारी दी है. जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ भारत के 50वां चीफ जस्टिस हैं. वे 9 नंवबर को शपथ ग्रहण करेंगे. उनका कार्यकाल दो साल का होगा.
कानून मंत्री किरेन ने ट्वीट कर दी जानकारी
कानून मंत्री किरेन ने ट्वीट कर लिखा कि “भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए, माननीय राष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ को 9 नवंबर, 22 से भारत के चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्त करते हैं.” वहीं चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) यू. यू. ललित (U U Lalit) 8 नवंबर को रिटार्यड हो जाएगें. जस्टिस ललित का कार्यकाल 74 दिनों का रहा.
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ देश के सबसे लंबे समय तक सीजेआई रहे न्यायाधीश वाईवी चंद्रचूड़ के बेटे हैं. वाईवी चंद्रचूड़ 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक न्यायपालिका के शीर्ष पद पर काबिज रह चुकें हैं. वहीं जस्टिस चंद्रचूड़ 13 मई 2016 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने थे.
बता दें कि साल 1998 में डीवाई चंद्रचूड़ को अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया था. इसके बाद वे 29 मार्च 2000 तक बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश भी रहे. वे इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भी रह चुके हैं. साल 2016 में वे सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त किए गए थे.
डीवाई चंद्रचूड़ दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में बीए ऑनर्स की है. इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के कैम्पस लॉ सेंटर से एलएलबी की डिग्री ली और इसके बाद अमेरिका के हार्वर्ड लॉ स्कूल से ज्यूरिडिकल साइंस में डॉक्टरेट तथा एलएलएम की डिग्री हासिल की थी.
सुप्रीम कोर्ट और बॉम्बे हाईकोर्ट में वकालत की और मुंबई विश्वविद्यालय में संवैधानिक कानून के अतिथि प्रोफेसर भी रहे हैं. जस्टिस चंद्रचूड़ वर्तमान में राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (NALSA) के कार्यकारी अध्यक्ष हैं.
जस्टिस चंद्रचूड़ ने हाल ही में आए मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट पर फैसला सुनाया था. जिसमें 24 सप्ताह की गर्भावस्था तक विवाहित और अविवाहित महिलाओं दोनों के लिए मुफ्त और सुरक्षित गर्भपात के अधिकार को बरकरार रखा गया है.
Last Updated on October 17, 2022 4:16 pm