पिछले दिनों भारत सरकार की अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना (Agnipath defence recruitment scheme) का देश भर में विरोध हुआ था. गुस्साए छात्र सरकार से इस स्कीम को वापस लिए जाने और पुरानी स्कीम को फिर से बहाल करने की मांग कर रहे थे.
अब पंजाब विधानसभा (Punjab Assembly) ने केंद्र (center) की इस योजना के खिलाफ एक प्रस्ताव (resolution) पारित किया है.
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस प्रस्ताव को सदन में पेश किया. अग्निपथ योजना का विरोध करते हुए मान ने कहा कि यह योजना देश के युवाओं के विरुद्ध है. उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे को प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के सामने भी उठाएंगे.
इस मुद्दे पर कांग्रेस और अकाली दल सरकार के साथ नजर आए. इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के दो विधायकों अश्विनी शर्मा और जांगी लाल महाजन ने प्रस्ताव का विरोध किया.
विपक्ष के नेता और कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह बाजवा ने मांग की कि अग्निपथ योजना वापस ले ली जाए. अकाली दल के विधायक मनप्रीत सिंह अयाली ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया और योजना को वापस लिए जाने की मांग की.
प्रस्ताव में क्या कहा गया?
प्रस्ताव में कहा गया है कि, ‘इस योजना में सशस्त्र बलों के लंबे समय से चले आ रहे एस्प्रिट डे कॉर्प्स (esprit de corps) को कमजोर करने की प्रवृत्ति भी है. इस प्रस्ताव के माध्यम से यह सदन राज्य सरकार से इस मामले को केंद्र के समक्ष उठाने की सिफारिश करता है, ताकि अग्निपथ योजना को तत्काल वापस लिया जा सके.’
‘पंजाब विधानसभा को दृढ़ता से लगता है कि जिस योजना में युवाओं को केवल चार साल की अवधि के लिए रोजगार दिया जाएगा और केवल 25 प्रतिशत तक ही रखा जाएगा, वह न तो राष्ट्रीय सुरक्षा के सर्वोत्तम हित में है और न ही इस देश के युवाओं के हित में है.’
मान ने कहा, ‘इस बात पर प्रकाश डाला जाना चाहिए कि पंजाब के एक लाख से अधिक सैनिक देश के सशस्त्र बलों में सेवा करते हैं और उनमें से कई हर साल देश की सीमाओं पर अपने जीवन का सर्वोच्च बलिदान देते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘पंजाब के युवा भारतीय सशस्त्र बलों में सेवा करना गर्व और सम्मान की बात मानते हैं और अपनी वीरता और साहस के लिए प्रसिद्ध हैं. इस योजना ने पंजाब के कई युवाओं के सपनों को कुचल दिया है, जो नियमित सैनिकों के रूप में सशस्त्र बलों में शामिल होने के इच्छुक हैं.’
भगवंत मान पहले ही कर चुके थे ऐलान
मान ने 28 जून को ही विधानसभा में ऐलान कर दिया था कि उनकी सरकार अग्निपथ योजना के खिलाफ एक प्रस्ताव लाएगी. साथ ही उन्हेंने कहा था कि केंद्र सरकार की सैन्य भर्ती पहल भारतीय सेना के मूल ताने-बाने को नष्ट कर देगी.
इस दौरान सदन में विपक्ष के नेता और कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह बाजवा ने मांग की कि अग्निपथ योजना प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया जाए. उन्होंने कहा, ‘ऐसा क्यों है कि भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार द्वारा शुरू की गई किसी भी नई योजना का विरोध किया जा रहा है?’
क्या है अग्निपथ योजना
केंद्र सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए थलसेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती संबंधी अग्निपथ नामक योजना की बीते 14 जून को घोषणा की थी, जिसके तहत सैनिकों की भर्ती सिर्फ चार साल की कम अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी.
अग्निपथ योजना के तहत केवल चार साल के लिए 17.5 वर्ष से 21 वर्ष की आयु के युवाओं की भर्ती का प्रावधान है, जिनमें से 25 प्रतिशत को और 15 वर्षों के लिए सेवा में बनाए रखने का प्रावधान है. वर्ष 2022 के लिए ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया गया है.
योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल करीब 46,000 सैनिक भर्ती की जाएंगी. पहले वर्ष में एक ‘अग्निवीर’ का मासिक वेतन 30,000 रुपये होगा, लेकिन हाथ में केवल 21,000 रुपये ही आएंगे. हर महीने 9,000 रुपये सरकार के एक कोष में जाएंगे, जिसमें सरकार भी अपनी ओर से समान राशि डालेगी.
Last Updated on July 1, 2022 10:50 am