विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने गुरुवार को कहा कि परीक्षा पेपर लीक (Paper Leak) होना एक “व्यवस्थित विफलता” है. उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि “गंभीर समस्या” तभी समाप्त होगी जब सभी राजनीतिक दल और सरकारें अपने मतभेदों को भूलकर एक साथ सख्त कदम उठाएंगी.
पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि छह राज्यों में 85 लाख बच्चों का भविष्य खतरे में है क्योंकि पेपर लीक हमारे युवाओं के लिए सबसे खतरनाक “पद्मव्यूह” (कमल के आकार में बनी सैन्य संरचना, जिसका उपयोग दुश्मनों को घेरने के लिए किया जाता है) बन गया है.
उन्होंने एक्स पर हिंदी में एक पोस्ट में कहा, “पेपर लीक मेहनती छात्रों और उनके परिवारों को अनिश्चितता और तनाव में धकेल देता है, उनके परिश्रम का फल उनसे छीन लेता है. साथ ही यह अगली पीढ़ी को गलत संदेश देता है कि बेईमानी, मेहनत से बेहतर हो सकती है, जो पूरी तरह से अस्वीकार्य है.”
6 राज्यों में 85 लाख बच्चों का भविष्य ख़तरे में – पेपर लीक हमारे युवाओं के लिए सबसे ख़तरनाक “पद्मव्यूह” बन गया है।
पेपर लीक मेहनती छात्रों और उनके परिवारों को अनिश्चितता और तनाव में धकेल देता है, उनके परिश्रम का फल उनसे छीन लेता है। साथ ही यह अगली पीढ़ी को गलत संदेश देता है कि… pic.twitter.com/nWHeswvMOC
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 13, 2025
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उन्होंने कहा, “अभी एक साल भी नहीं हुआ जब NEET पेपर लीक ने देश को झकझोर दिया था. हमारे विरोध के बाद मोदी सरकार ने नए कानून के पीछे छुप कर उसे समाधान बताया, लेकिन इतने सारे हालिया लीक ने उसे भी विफल साबित कर दिया. यह गंभीर समस्या एक सिस्टेमेटिक फेलियर है. इसका खात्मा सभी राजनीतिक दलों और सरकारों को मतभेद भुलाकर, मिलकर कड़े कदम उठाने से होगा. इन परीक्षाओं की गरिमा बनी रहना हमारे बच्चों का अधिकार है और इसे हर हाल में सुरक्षित रखना होगा.”
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गांधी ने जोर देकर कहा, “इन परीक्षाओं की गरिमा हमारे बच्चों का अधिकार है और इसे हर कीमत पर संरक्षित किया जाना चाहिए.”
Last Updated on March 13, 2025 3:44 pm