राजस्थान चुनाव: कांग्रेस की हार के लिए अशोक गहलोत जिम्मेदार? OSD का बड़ा खुलासा

Ashok Gehlot
Ashok Gehlot

Rajasthan Election result: ‘आलाकमान के साथ फ़रेब, ऊपर सही फीडबैक न पहुंचने देना, किसी को विकल्प तक न बनने देना, अपरिपक्व और अपने फायदे के लिए जुड़े लोगों से घिरे रहकर आत्ममुग्धता में लगातार गलत निर्णय और आपाधापी में फैसले लिए जाते रहना, तमाम फीडबैक और सर्वे को दरकिनार कर अपनी मनमर्जी और अपने पसंदीदा प्रत्याशियों को उनकी स्पष्ट हार को देखते हुए भी टिकट दिलवाने की जिद. आज के ये नतीजे तय थे. मैं स्वयं मुख्यमंत्री को यह पहले बता चुका था, कई बार आगाह कर चुका था लेकिन उन्हें कोई ऐसी सलाह या व्यक्ति अपने साथ नहीं चाहिए था जो सच बताए.’ ये कहना है राजस्थान के निवर्तमान सीएम अशोक गहलोत के OSD (officer on Special Duty) लोकेश शर्मा का.

OSD लोकेश शर्मा ने अपने ट्विटर हैंडल पर राजस्थान चुनाव में कांग्रेस को मिली हार को लेकर एक लेख लिखा है. जो इस प्रकार है-

‘लोकतंत्र में जनता ही माई-बाप है और जनादेश शिरोधार्य है, विनम्रता से स्वीकार है। मैं नतीजों से आहत जरूर हूं, लेकिन अचंभित नहीं हूं.. कांग्रेस पार्टी #Rajasthan में निःसंदेह रिवाज़ बदल सकती थी लेकिन अशोक गहलोत जी कभी कोई बदलाव नहीं चाहते थे. यह कांग्रेस की नहीं बल्कि अशोक गहलोत जी की शिकस्त है. गहलोत के चेहरे पर, उनको फ्री हैंड देकर, उनके नेतृत्व में पार्टी ने चुनाव लड़ा और उनके मुताबिक प्रत्येक सीट पर वे स्वयं चुनाव लड़ रहे थे. न उनका अनुभव चला, न जादू और हर बार की तरह कांग्रेस को उनकी योजनाओं के सहारे जीत नहीं मिली और न ही अथाह पिंक प्रचार काम आया.

ये भी पढ़ें- Election Results 2023: तीन राज्यों में BJP की जीत… फिर उठा गायब 19 लाख EVM का मुद्दा

तीसरी बार लगातार सीएम रहते हुए गहलोत ने पार्टी को फिर हाशिये पर लाकर खड़ा कर दिया. आज तक पार्टी से सिर्फ़ लिया ही लिया है लेकिन कभी अपने रहते पार्टी की सत्ता में वापसी नहीं करवा पाए गहलोत. आलाकमान के साथ फ़रेब, ऊपर सही फीडबैक न पहुंचने देना, किसी को विकल्प तक न बनने देना, अपरिपक्व और अपने फायदे के लिए जुड़े लोगों से घिरे रहकर आत्ममुग्धता में लगातार गलत निर्णय और आपाधापी में फैसले लिए जाते रहना, तमाम फीडबैक और सर्वे को दरकिनार कर अपनी मनमर्जी और अपने पसंदीदा प्रत्याशियों को उनकी स्पष्ट हार को देखते हुए भी टिकट दिलवाने की जिद. आज के ये नतीजे तय थे. मैं स्वयं मुख्यमंत्री को यह पहले बता चुका था, कई बार आगाह कर चुका था लेकिन उन्हें कोई ऐसी सलाह या व्यक्ति अपने साथ नहीं चाहिए था जो सच बताए. मैं छः महीने लगातार घूम-घूम कर राजस्थान के कस्बों-गांव-ढाणी में गया, लोगों से मिला, हजारों युवाओं के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित किये, लगभग 127 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करते हुए ग्राउंड रिपोर्ट सीएम को लाकर दी, ज़मीनी हक़ीकत को बिना लाग-लपेट सामने रखा ताकि समय पर सुधारात्मक कदम उठाते हुए फैसले किये जा सकें जिससे पार्टी की वापसी सुनिश्चित हो. मैंने खुद ने भी चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी, पहले बीकानेर से फिर सीएम के कहने पर भीलवाड़ा से, जिस सीट को हम 20 साल से हार रहे थे, लेकिन ये नया प्रयोग नहीं कर पाए, और बीडी कल्ला जी के लिए मैंने 6 महीने पहले बता दिया था कि वे 20 हजार से ज्यादा मत से चुनाव हारेंगे और वही हुआ. अशोक गहलोत जी के पार्ट पर इस तरह फैसले लिए गए कि विकल्प तैयार ही नहीं हो पाए. 25 सितंबर की घटना भी पूरी तरह से प्रायोजित थी जब आलाकमान के खिलाफ़ विद्रोह कर अवमानना की गई और उसी दिन से शुरू हो गया था खेल.’

#ElectionResults #RajasthanElectionResult 

ये भी पढ़ें-मंदी के लिए हो जाएं तैयार… सबसे बड़े अमेरिकी बैंक की चेतावनी

कांग्रेस की हार से बीजेपी-INDIA दोनों ख़ुश

जाहिर है मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मिली हार के बाद कांग्रेस खेमा दुखी है. 2024 लोकसभा चुनाव में अपने दम पर या अपनी शर्तों पर लड़ने वाले कॉन्फिडेंस को झटका लगा होगा. इधर बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को इस पराजय से नई संजीवनी मिली है. इसका प्रमाण है मल्लिकार्जुन खड़गे का नया फ़ैसला. जिसके मुताबिक दिल्ली में 6 दिसंबर को इंडिया गठबंधन की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है.

बीजेपी तीन राज्यों में कांग्रेस को मिली करारी शिकस्त से गदगद है और इसे ‘2024 में जीत के हैट्रिक की गारंटी’ मान रही है, तो वहीं इंडिया गठबंधन के अन्य दल भी कांग्रेस की इस हार से प्रसन्न हैं. क्योंकि इस हार में यह संदेश छिपा है कि क्षेत्रीय दलों की अनदेखी कर कांग्रेस 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को नहीं हरा सकती.

ये भी पढ़ें- योग गुरु रामदेव ने हरियाणा में खड़ा किया रियल एस्टेट का साम्राज्य?

गौरतलब है इंडिया गठबंधन की आखिरी बैठक 3 महीने पहले हुई थी. जिसको लेकर 2 नवंबर को पटना में CPI द्वारा आयोजित एक एक जनसभा में नीतीश कुमार ने कांग्रेस पर तंज कसा था. उन्होंने कहा था, ” इंडिया गठबंधन में अभी काम ज्यादा नहीं हो रहा है. पांच जगह विधानसभा चुनाव चल रहा है. कांग्रेस की ज्यादा दिलचस्पी इसी चुनाव में है. हम लोग कांग्रेस को आगे बढ़कर काम कर रहे थे मगर फिलहाल कांग्रेस को इन सब चीज की चिंता नहीं है. पांच राज्य के चुनाव समाप्त होंगे तो उसके बाद ही कांग्रेस से विपक्षी दलों की बैठक बुलाएगी”

Last Updated on December 4, 2023 6:11 am

Related Posts