बिहार का बेगूसराय ज़िला बदमाशों के खूनी तांडव को लेकर बेहद चर्चा में है. मंगलवार को दो बाइक सवार 30 किलोमीटर तक लगातार मोटरसाइकिल चलाते रहे और इस दौरान जहां भी उनका दिल किया लोगों पर गोली फायर कर दी.
अज्ञात अपराधियों ने कुल 11 लोगों पर गोलियां चलाई. इनमें से एक शख़्स की मौत हो गई. जबकि आठ शख़्स गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं. फ़िलहाल किसी भी अपराधी को पकड़ा नहीं जा सका है. पुलिस ने दोनों हमलावरों को पकड़ने के लिए जगह-जगह नाकेबंदी कर दी है.
इसके साथ ही सीसीटीवी से मिले फुटेज के आधार पर दोनों की तस्वीर जारी कर, सूचना देने वालों के लिए 50 हज़ार इनाम की घोषणा की है. इसके साथ ही एक्शन के तौर पर गश्ती दल के प्रमुख समेत सात पुलिस पदाधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
भाजपा का बेगूसराय बंद
इस घटना के विरोध में भारतीय जनता पार्टी ने बेगूसराय में बुधवार को बंद की घोषणा की थी. राजनीतिक रूप से यह म़ौका कितना बड़ा था, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि विरोधी दल के नेता विजय सिन्हा, पूर्व मंत्री शहनवाज हुसैन, केंद्रीय मंत्री सह सांसद गिरिराज सिंह सहित सीपीआई, माले, सीपीएम, जदयू, राजद सहित अन्य कई नेता आनन-फानन में बेगूसराय पहुंच गए.
ये सभी आंदोलन के दौरान घायलों से मिलने सदर अस्पताल भी पहुंचें. अलग-अलग दलों के नेता मरीज़ों के लिए अलग-अलग राजनीतिक कंपनी की मरहम लेकर गए थे. बेगूसराय की इस घटना ने बिहार की राजनीति को गर्मा दिया है. यही वजह है कि बीजेपी, नीतीश सरकार पर हमलावर है.
मुख्यमंत्री ने घटना को बताया साजिश
पुलिस भले ही इस मामले को साइको की कारस्तानी बताए, लेकिन सीएम नीतीश कुमार इस घटना को सीधे-सीधे साज़िश बता रहे हैं. मुख्यमंत्री का कहना है कि यह काम किसी ने जानबूझकर किया है.
उन्होंने संदेह जताते हुए कहा कि जहां पर यह घटना हुई है, वहां एक तरफ पिछड़ी जाति के लोग थे तो दूसरी ओर अल्पसंख्यक समाज के लोगों की आबादी. इसलिए घटना की हर बिंदु से जांच की जा रही है.
क्या है घटना?
बेगूसराय के एसपी योगेंद्र कुमार बताते हैं कि अपराधियों ने शहर के करीब आधा दर्जन लोकेशन पर फायरिंग की. गोलीबारी की पहली घटना तिघरा अनुमंडल के एनएच 28 पर घटी. जहां चार जगहों पर गोलीबारी की गई. अपराधी समस्तीपुर ज़िले से बेगूसराय ज़िले के बछवाड़ा पहुंचे थे.
चंदन को यहीं गोली लगी थी. बाद में उसकी मौत हो गई. वहीं बाढ़ निवासी विशाल सोलंकी को पेट में गोली लगी है, जिसे ज़िला सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इसके बाद ये मुज़फ़्फ़रपुर-बेगूसराय एनएच पर आगे बढ़ गए.
शुरुआत में लोगों को लगा कि यह गोलीबारी किसी दुश्मनी की वजह से हो रही है. लेकिन शाम छह बजे तक ऐसा चलता रहा. दोनों अज्ञात अपराधी मोटसाइकिल दौड़ाते रहे और 30 किलोमीटर के सफर में जो भी मिला उसे गोली मारते गए.
इस दौरान अपराधी 30 किलोमीटर तक बंदूक लहराते हुए लोगों को निशाने पर लेते रहे. लोगों में दहशत फैल गई कि बाइक सवार दो व्यक्ति किसी को भी गोली मार रहे हैं. एक बात और है, अपराधियों ने किसी का चेहरा देखकर गोली नहीं मारी है. क्योंकि सभी घायलों को गोली पीछे लगी है.
इससे बात स्पष्ट है कि यह हमला किसी रंजिश की वजह से नहीं है. ऐसे में दो सवाल हैं, क्या अपराधी साइको है, जो यूंही कहीं भी गोली चला रहा था. या फिर वह दहशत फैलाने के इरादे से ऐसा कर रहा था. लेकिन आम तौर पर दहशत फैलाने के लिए अपराधी चिन्हित इलाकों में ही गोलीबारी करते हैं.
इस केस में दोनों अपराधी की पहचान भी नहीं हो पा रही है. क्योंकि पुलिस के पास दोनों की सीसीटीवी फुटेज है, जिसके आधार पर फोटो जारी की गई है. साथ ही सूचना देने वाले को इनाम देने की घोषणा भी की गई है. इसका मतलब है कि पुलिस रिकॉर्ड में इन दोनों अपराधियों के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
प्रोफ़ेसर राकेश सिन्हा ने सरकार को घेरा
राज्यसभा सांसद और प्रोफ़ेसर राकेश सिन्हा जो ख़ुद बेगूसराय से हैं. उन्होंने इस घटना को लेकर बिहार सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ”पुलिस प्रशासन को चेताया था कि राजनीति अपराध और ठेकेदारी का गठजोड़ फिर बेगूसराय को साठ के दशक में ले जा रहा है, जब हत्या आम बात थी. आज गोलियों की बौछार ने दर्जन भर लोगों को घायल किया और मौत भी हुई. सख़्त करवाई की ज़रूरत है.”
कुंभकर्ण की नींद सो रही नीतीश सरकार
वहीं केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय सांसद गिरिराज सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाने पर लेते हुए ट्वीट किया, ”’बेगूसराय और बिहार में मौत के तांडव के बीच कुंभकर्ण की नींद में सो रही नीतीश सरकार को जगाने के लिए बेगूसराय बीजेपी और आम लोगों ने बुधवार को बेगूसराय बंद का आह्वान किया है.आप सभी से सहयोग का अनुरोध है.”
नीतीश-तेजस्वी से इस्तीफा
बीजेपी के आह्वान पर बुधवार को हरहर महादेव चौक पर सुबह 9 बजे से दोपहर 2:36 तक उनके कार्यकर्ता बारिश के बीच भी सड़क पर डटे रहे. इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ता हाथों में चूड़ी लेकर नीतीश-तेजस्वी इस्तीफा दो जैसे नारे लगा रहे थे.
प्रदर्शन की वजह से सड़क पर जाम लग गया. वहीं ट्रैफिक डीएसपी सहित अन्य पुलिसकर्मी मूकदर्शक बने रहे. भाजपा के पूर्व राष्टीय मंत्री रजनीश कुमार सहित अन्य कार्यकर्ताओं की मांग थी कि पीड़ित परिवार को मुआवजा मिले और घायलों का इलाज़ सरकारी खर्च पर हो.
Last Updated on September 15, 2022 10:19 am