IT रेड: चुनाव से पहले ही क्यों एक्टिव होती हैं एजेंसियां और क्यों बौखलाता है विपक्ष?

(Photo: Twitter @Rajeev Rai)
(Photo: Twitter @Rajeev Rai)

यूपी में चुनावी माहौल के बीच आईटी रेड (IT Raid) को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. शनिवार को आयकर विभाग (IT Department) ने समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के चार सहयोगियों के घरों पर छापेमारी की. जिनके यहां इनकम टैक्स की टीम पहुंची, वे सभी अखिलेश यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं. IT Raid की टाइमिंग को लेकर समाजवादी पार्टी सवाल खड़े कर रही है.

अखिलेश यादव ने आईटी रेड पर तंज कसते हुए कहा कि अभी तो सिर्फ IT ही आई है. आगे आगे देखिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) और CBI भी यूपी चुनाव लड़ने आएंगी. उन्होंने एजेंसी पर सवाल खड़े करते हुए कहा, ‘अगर जांच एजेंसी को पहले से ही मामले की जानकारी थी तो उन्होंने छापेमारी के लिए चुनाव से दो महीने पहले का ही समय को क्यों चुना? इससे पता चलता है कि ED और CBI भी राज्य में चुनाव लड़ने आएंगे.’

किन चार लोगों के घर हुई है छापेमारी
1. सपा (Samajwdi Party) के राष्ट्रीय सचिव राजीव राय (Rajiv Rai) के मऊ के शहादपुरा स्थित आवास पर आयकर विभाग की छापेमारी हुई है. वे 2014 में लोकसभा चुनाव लड़े थे. वे दुबई और बेंगलुरु में मेडिकल कॉलेज भी चलाते हैं. राजीव राय, मूल रूप से बलिया के रहने वाले हैं. मऊ, बलिया और गाजीपुर में भूमिहार वोटरों पर उनकी काफी अच्छी पकड़ मानी जाती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार वे घोसी से विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं.

2. RCL ग्रुप के चेयरनमैन, मनोज यादव (Manoj Yadav) के मैनपुरी स्थिति घर पर भी छापेमारी की गई. वे मैनपुरी में काफी समय से जिला पंचायत अध्यक्ष हैं. छापेमारी के दौरान मनोज यादव अपने कैंपस में ही थे. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ‘मैं मैनपुरी में मैं सबसे अधिक टैक्स देने वाला व्यक्ति हूं. हमने कोई चोरी नहीं की है. कोई डाका नहीं डाला है.’

3. IT की छापेमारी कारोबारी राहुल भसीन के यहां भी हुई है. वे अखिलेश (Akhilesh Yadav) के बेहद करीबी माने जाते हैं. साथ ही उन्हें पार्टी का फाइनेंसर भी बताया जाता है. राहुल भसीन का कपड़ों का बड़ा कारोबार है. वह तीन कंपनियों के मालिक बताए जाते हैं.

4. गोमतीनगर विशाल खंड 2 में जैनेन्द्र यादव (Jainendra Yadav) उर्फ नीटू के घर पर भी छापेमारी की गई है. बताया जाता है कि नीटू, मुलायम सिंह यादव के लखनऊ वाले (5, विक्रमादित्य मार्ग) बंगले के सर्वेंट रूम में रहते थे और बिजली मिस्त्री के तौर पर काम करते थे. नोएडा, गाजियाबाद और लखनऊ में उनकी काफी प्रॉपर्टी है. इसके अलावा वे एक मिनरल वाटर की फैक्ट्री भी चलाते हैं. नीटू के अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के साथ बेहद करीबी संबंध होने के कारण उन्हें सपा (samajwadi party) का ओएसडी बनाया गया था.

विपक्ष रेड पर आग बबूला क्यों?

यूपी चुनाव होने में अब बस कुछ महीने रह गए हैं. विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि केंद्र सरकार चुनाव से ठीक पहले अपनी एजेंसियों को काम पर लगा देती है. जिससे कि बीजेपी (BJP) दूसरी पार्टियों की छवि ख़राब कर सके, उन्हें भ्रष्टाचारी बता सके. यह पहली बार नहीं है जब चुनाव से ठीक पहले किसी के यहां छापेमारी हुई है. इससे पहले भी कई राज्यों में चुनाव से ठीक पहले इनकम टैक्स (IT), प्रवर्तन निदेशालय (ED) और सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (CBI) की रेड पड़ चुकी है.

किन राज्यों में चुनाव से पहले हुई रेड

पश्चिम बंगाल में चुनाव से ठीक पहले ममता बनर्जी के भतीजे की पत्नी से इनकम टैक्स ने कोयला घोटाले को लेकर पूछताछ की गई थी. यही नहीं चुनाव के बाद भी नारदा स्टिंग केस को लेकर तृणमूल के कई नेताओं के खिलाफ कार्रवाई हुई थी. हालांकि तत्कालीन बीजेपी नेता मुकुल रॉय पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी. वहीं महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शरद पवार के यहां ED ने मनी लॉन्ड्रिंग पर केस दर्ज किया थाा. आइए, जानते हैं चुनावी सीज़न में CBI, IT और ED की कार्रवाई किन विपक्षी पार्टियों के प्रमुख नेताओं के खिलाफ की गई थी.

पश्चिम बंगाल चुनाव
2021 में पश्चिम बंगाल चुनाव हुआ. IT ने फरवरी महीने में ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक की पत्नी रुजिरा बनर्जी से कोयला घोटाले में पूछताछ की थी. इसके अलावा अभिषेक के अन्य दो रिश्तेदारों अंकुश अरोड़ा और पवन अरोड़ा से भी IT ने पूछताछ की थी. इसके बाद मार्च में ED ने ममता के करीबी पार्थ चटर्जी और मदन मित्रा को चिटफंड से जुड़े दो अलग-अलग मामलों में तलब किया गया था. जबकि तृणमूल नेता कुणाल घोष और शताब्दी राय की सम्पत्ति ED ने कुर्क कर ली थी.

केरल चुनाव
केरल में भी इसी साल विधानसभा चुनाव हुए. मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेट्री एम शिवशंकर से जुलाई 2020 में सोने की तस्करी मामले में पूछताछ की गई. बाद में प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया था. कस्टम विभाग और प्रवर्तन निदेशालय ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले दावा किया कि सोने की तस्करी के मामले के मुख्य अभियुक्त स्वप्न सुरेश ने कहा है कि यह काम मुख्यमंत्री विजयन के इशारे पर हो रहा था.

तमिलनाडु चुनाव
तमिलनाडु में भी 2021 में विधानसभा चुनाव हुए. यहां पर डीएमके प्रमुख एमके स्‍टालिन के दामाद सबरीसन और उनके सहयोगियों के चेन्‍नई स्थित ठिकानों पर तलाशी ली गई थी.

महाराष्ट्र चुनाव
महाराष्ट्र में 2019 में विधानसभा चुनाव हुए. सितंबर 2019 में चुनाव के ठीक पहले ED ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार पर के घर पर छापेमारी की. उनके खिलाफ महाराष्ट्र राज्य कोऑपरेटिव बैंक से जुड़े घपले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया था.

कर्नाटक चुनाव
कर्नाटक में 2018 में विधानसभा चुनाव हुए. अगस्त 2017 में इनकम टैक्स ने तत्कालीन ऊर्जा मंत्री डीके शिवकुमार से जुड़े 70 स्थानों पर छापेमारी की थी. यह कार्रवाई उस समय की गई, जब शिवकुमार गुजरात के 42 विधायकों को बेंगलुरू के पास एक रिज़ॉर्ट में ठहराए हुए थे. इन्हें 8 अगस्त को अहमद पटेल के राज्यसभा चुनाव के लिए वोट देना था. कांग्रेस के शीर्ष नेता डीके शिवकुमार पर टैक्स चोरी और गलत सबूत देने की शिकायत दर्ज थी.

राजस्थान चुनाव
राजस्थान में 2018 में विधानसभा चुनाव हुए. चुनाव के दौरान ईडी ने खाद घोटाले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत के परिसरों की तलाशी ली थी. IT और ED ने सीएम के करीबी राजीव अरोड़ा और धर्मेंद्र राठौर के आवास और व्यावसायिक परिसरों पर भी छापेमारी की थी.

Deepak Singh Svaroci

Last Updated on December 19, 2021 8:20 am

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