यूपी (UP) में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. यूपी विधानसभा चुनावों (up assembly election 2022) के नजदीक आने के साथ ही मुफ्त और सस्ती बिजली (electricity) को लेकर घोषणाएं शुरू हो गई हैं. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने चुनाव जीतने पर 300 यूनिट फ्री बिजली दिए जाने का ऐलान किया है. साथ ही किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली दिए जाने की घोषणा भी की है. वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind kejriwal) ने अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के इस ऐलान पर चुटकी लेते हुए प्रदेश में चुनाव जीतने के बाद 300 यूनिट बिजली मुफ्त करने का वादा किया है.
इन सबों से एक कदम आगे बढ़ते हुए प्रदेश की योगी सरकार ने बिजली बिल की दरे कम करने का ऐलान किया है. साथ ही मीटर पर लगने वाला फिक्स चार्ज भी घटाया है. 6 जनवरी को मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से एक ट्वीट किया गया, जिसमें बिजली की कीमत कम करने का ऐलान किया गया है. इस ऐलान को किसानों के हक में बताया जा रहा है.
सूबे के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा (Shrikant Sharma) ने भी शुक्रवार को अपने टि्वटर हैंडल से एक के बाद एक तीन ट्वीट किए, जिसमें उन्होंने बिजली की दरों में कटौती का ऐलान किया. जिसमें उन्होंने शहरी मीटर कनेक्शन पर लगने वाली बिजली दर को 6 रुपये यूनिट से घटाकर 3 रुपये यूनिट करने की बात कही है. वहीं मीटर का फिक्स चार्ज 130 रुपये हॉर्स पावर से घटाकर 65 रुपये हॉर्स पावर करने का ऐलान भी किया है. एनर्जी एफिशिएंट पंप में दर 1.65 रुपये/ यूनिट से घटाकर 83 पैसे/यूनिट व फिक्स चार्ज 70 रुपये/हॉर्स पावर की जगह 35 रुपये/हॉर्स पावर करने का ऐलान मंत्री जी ने इसी ट्वीट के जरिए किया है.
अपने दूसरे ट्वीट में श्रीकांत शर्मा ने निजी नलकूप के नये बिलों में ग्रामीण मीटर कनेक्शन में बिजली दर 2 रुपये/ यूनिट से घटाकर 1 रुपये/ यूनिट व फिक्स चार्ज 70 रुपये प्रति हॉर्स पावर से घटाकर 35 रुपये/हॉर्स पावर करने का ऐलान किया है. मीटर नहीं होने की स्थिति में कनेक्शन में फिक्स चार्ज 170 रुपये/ हॉर्स पावर की जगह 85 रुपये/हॉर्स पावर देना होगा.
वहीं एक दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने किसानों को बिजली बिल में 50 प्रतिशत की छूट देने का ऐलान किया था. सरकार के इस निर्णय से निजी नलकूप के लगभग 13 लाख उपभोक्ताओं को सीधा लाभ होने की उम्मीद है. इस छूट का लाभ ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्र के किसानों को मिलेगा.
यूपी सबसे महंगी बिजली वाला राज्य
चुनावों को नजदीक आता देख योगी सरकार ने बिजली बिल में कटौती का ऐलान भले ही किया हो. लेकिन बता दें कि उत्तर प्रदेश बिजली के जरिए सरकारी खजाना भरने वाले राज्यों में अव्वल पर है. साल 2019 के जून महीने में उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन ने बिजली की दरों में 10-12 फीसदी बढ़ोतरी की थी.
इसके अलावा उपभोक्ताओं पर सरचार्ज भी लगाया गया था. उस समय बढ़ाए गए बिजली बिल पर सफाई देते हुए ऊर्जा मंत्री ने कहा था कि पुरानी सरकारों के भ्रष्टाचार की वजह से बिजली कंपनियों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, जिसके कारण बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी की जा रही है. जिसमें धीरे-धीरे सरकार सुधार करेगी.
पहले दाम में 12 फीसदी की बढ़ोतरी
इससे पहले राज्य में साल 2017 में बिजली की दरों में 12 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी. इसमें शहरी इलाकों में 300 से 1000 यूनिट के लिए 8 रुपये प्रति यूनिट की दर तय की गई थी. वहीं शहरी व्यावसायिक फिक्स चार्ज 200 से बढ़ाकर 300 रुपये किया गया था. शहरी व्यावसायिक उपभोक्ताओं को 300 यूनिट तक 7 रुपए प्रति यूनिट की दर तय की गई थी.
Last Updated on January 7, 2022 2:48 pm