Rahul से कभी Rajiv Gandhi के बेटे होने का सबूत नहीं मांगा, BJP नेता का ये कैसा बयान?

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा (Himanta Biswa Sarma) शुक्रवार को राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर निशाना साधने के चक्कर में वह बोल गए, जिसकी अपेक्षा ठीक-ठाक पढ़े लोगों से भी नहीं की जा सकती है. उत्तराखंड विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Assembly Election) के लिए भाजपा (BJP) के पक्ष में प्रचार करते हुए सरमा ने कहा कि देश के प्रथम रक्षा प्रमुख दिवंगत बिपिन रावत के नेतृत्व में पाकिस्तान में सेना द्वारा की गयी सर्जिकल स्ट्राइक का गांधी ने सबूत मांगा, क्या मैंने कभी सबूत मांगा कि आप राजीव गांधी के बेटे हो या नहीं?

हालांकि उनका तर्क है कि राहुल गांधी ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगे थे. इसलिए उन्होंने ऐसा कहा. सवाल उठता है कि सत्ता में बने रहने के लिए या पार्टी आलाकमान के गुडबुक में बने रहने के लिए किसी भी शख्स के बारे में ऐसी अपमानजनक टिप्पणी करना भारतीय संस्कृति या नए भारत के मुताबिक है क्या?

कई विपक्षी दलों ने सरमा के बयान की निंदा की है. तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से सरमा को बर्खास्त करने की मांग की.

‘मोदीजी, क्या यही हमारी भारतीय संस्कृति है?’

राव ने सरमा के बयान के लिए उन पर निशाना साधते हुए कहा, ‘मोदीजी, क्या यही हमारी भारतीय संस्कृति है? क्या यही वेदों, महाभारत, रामायण और भगवद् गीता में सिखाया गया है? मैं BJP अध्यक्ष नड्डा जी से प्रश्न करता हूं कि क्या यही हमारी संस्कृति है?’

राव ने रायगिरि में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘आप उन्हें हटाइए (असम के मुख्यमंत्री). मैं यह मांग कर रहा हूं. क्या कोई मुख्यमंत्री इस तरह से बात करता है? हर बात की सीमा होती है. आप अहंकारी हैं? तमाशा कर रहे हैं, आपको लगता है कि लोग चुप रहेंगे.’

राव ने कहा, ‘असम के मुख्यमंत्री राहुल गांधी के खिलाफ इतनी भद्दी टिप्पणी कैसे कर सकते हैं? क्या यही भारतीय जनता पार्टी (BJP) की संस्कृति है?’

सरमा को तुरंत मुख्यमंत्री पद से बर्खास्त किए जाने की मांग करते हुए तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मेरा राहुल गांधी से कोई लेना-देना नहीं है. लेकिन वह एक जिम्मेदार सांसद हैं और उन्हें किसी भी मुद्दे पर नरेंद्र मोदी सरकार से सवाल करने का पूरा अधिकार है. असम के मुख्यमंत्री इस तरह कैसे बात कर सकते हैं? उनकी टिप्पणियों से मुझे बहुत दुख हुआ और जब उन्होंने इस तरह के अपमानजनक तरीके से बात की तो मेरी आंखों में आंसू आ गए.’

वहीं सरमा पर निशाना साधते हुए, कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा था कि असम के मुख्यमंत्री का बयान “भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की संस्कृति को दर्शाता है.”

‘मुख्यमंत्री से 2 रूपल्ली के ट्रोल कब बन गए?’

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भड़कते हुए एक ट्वीट किया. जिसमें उन्होंने सवाल किया कि अरे हिमंत बिस्व सरमा, आप मुख्यमंत्री से 2 रूपल्ली के ट्रोल कब बन गए?? पहले भी कहा है, फिर से कहती हूं – एक अच्छा मनोवैज्ञानिक ढूंढ कर दिमाग़ का इलाज कराइए. बौरा गए हैं आप पर शायद भाजपा में रहने के लिए यह घटियापन ज़रूरी है.

कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक ने लिखा कि उत्तराखंड में हार प्रत्यक्ष देख इतना बौखला गया ज़मीर बेच कर राजनीति करने वाला हेमंत बिस्वा सरमा कि जो मुंह में आया बकने लगा. एक मौकापरस्त, संस्कारहीन व्यक्ति ही ऐसी घटिया, ओछी बकवास कर सकता है. अपने आका को खुश करने के लिए एक मुख्यमंत्री का इस हद तक नीचे गिरना बेहद शर्मनाक है. कांग्रेस नेता अभय दुबे ने लिखा कि जब परवरिश में कमी रह जाती है तो हेमंत बिस्वा सरमा जैसी औलादे बिगड़ जाती हैं.

‘सीएम ने मानसिक संतुलन खो दिया’

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा क‍ि हार सामने देख असम के (कांग्रेस के भगोड़े) मुख्यमंत्री ने मानसिक संतुलन खो कर राजनीतिक दिवालियेपन की सब हदें पार कर ली. अब मोदी जी की निष्ठा प्राप्त करने के लिए अपनी पुरानी पार्टी को गाली देना ज़रूरी है. ये हिमंत सरमा के छिछोरेपन व घटिया सोच का सबूत है.राहुल गांधी ने मां के नाम पर राजनीति को लेकर क्या कहा था?

राहुल गांधी, जिन्हें बीजेपी के छोटे नेता से लेकर बड़े नेता तक ‘पप्पू’ या ऐसी बातें कहने से गुरेज नहीं करते, जिससे कि राजनीति में उनकी गंभीरता ही खत्म हो जाए. लेकिन लगातार दो कार्यकाल में ना केवल सरकार से बाहर रहने, बल्कि मुश्किल से 50 सीट तक पहुंचने वाली कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने विरोधियों को जार जार करने के लिए भी, इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं किया.

कांग्रेस लगातार नोटबंदी का विरोध करती रही है. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 97 वर्षीय मां हीराबा के बैंक पहुंच कर प्रतिबंधित 500 रुपये के नोट बदलने को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि वह ‘उनकी मां पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.’

साल 2016 में मुंबई में पत्रकारों से बातचीत में जब राहुल गांधी से इस बारे में उनकी राय मांगी गई, तो उन्होंने प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘मैं मोदी जी की तरह नहीं हूं, मैं उनकी मां पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा.’

राहुल गांधी को लेकर सोशल मीडिया में काफी कुछ कहा जाता रहा है लेकिन सोचने वाली बात है कि मां-बाप को राजनीति के लिए नहीं घसीटना, क्या यही असल भारतीय परंपरा या संस्कृति नहीं है? और अगर ऐसा है तो विदेशी मूल की होने के बावजूद सोनिया गांधी तारीफ की हकदार नहीं हैं कि उन्होंने एक बेहतर मां का रोल निभाया और अपने बच्चे को अच्छे संस्कार दिए?

Last Updated on February 13, 2022 5:38 pm

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8 Comments

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