ग्रामीणों ने गाय-बैलों को तहसील में बांधा, बोले- सरकार गोवंश खरीदे नहीं तो वापस ले कानून

CPI (ML) नेता Indresh Maikhuri ने धामी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि BJP के लिए गाय सिर्फ वोट पाने और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का माध्यम है. उनकी दुर्दशा से BJP का कोई सरोकार नहीं है.

Cow Protection Act से ग्रामीणों को हो रहा नुकसान
Cow Protection Act से ग्रामीणों को हो रहा नुकसान

Uttarakhand Cow Protection Act: आवारा गोवंश के कारण खेती किसानी चौपट है. ग्रामीण लगातार जारी सड़क दुर्घटनाओं से परेशान हैं. जिसे देखते हुए सैकड़ों ग्रामीण महिला पुरुषों ने अखिल भारतीय किसान महासभा के नेतृत्व में आवारा गोवंश को तहसील में बांधा. ‘सरकारी आवारा गोवंश को सरकार के हवाले करो’ कार्यक्रम के अंतर्गत यह काम किया गया. CPI (ML) नेता Indresh Maikhuri ने धामी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि BJP के लिए गाय सिर्फ वोट पाने और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का माध्यम है. उनकी दुर्दशा से BJP का कोई सरोकार नहीं है.

वहीं अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनंद सिंह नेगी ने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार पशुपालकों से गोवंश की खरीददारी करे, अन्यथा गौ रक्षा कानून (Uttarakhand Cow Protection Act) वापस ले. इस कार्यक्रम के बाद उपजिलाधिकारी लालकुआं के माध्यम से उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर 7 सूत्रीय मांग पत्र भेजा.

1. पशुपालकों, किसानों व आमजन के पक्ष में निर्णय लेकर गोवंश संरक्षण कानून (Uttarakhand Cow Protection Act) को शीघ्रातिशीघ्र रद्द करे या गोवंश की स्थितिनुसार (लैंडी, बाखड़ी, बैली गाय, बछिया-बछड़ा, बैल, सांड) सरकारी कीमत निर्धारित कर सरकारी खरीद की गारंटी करे.
2. गोवंश द्वारा किये गए हमलों या दुर्घटनाओं में घायलों को ₹10 लाख व मृतकों के परिजनों को कम से कम ₹50 लाख मुवावजा अति शीघ्र प्रदान करे.
3. आवारा गाय बैलों के कारण खेतों में खड़ी फसल नष्ट होने का किसानों को समुचित मुआवजा मिले.
4. तहसील लालकुआं क्षेत्र में आवारा गोवंश के आतंक और लगातार हो रहे जानमाल के नुकसान को देखते हुए प्रशासन गोवंश की शीघ्रातिशीघ्र अन्यत्र व्यवस्था करे.
5. निजी गोशाला संचालकों की मनमानी पर रोक लगाई जाए, उनके द्वारा पशुपालकों से की जाने वाली वसूली बंद हो और इन गौशालाओं की अव्यवस्थाओं का प्रशासन संज्ञान ले.
6. मजबूर होकर अपने पशुओं को छोड़ने वाले पशुपालकों पर किसी तरह की कार्रवाई करने का किसान महासभा विरोध करती है और यदि इस तरह की कार्रवाई कहीं भी किसी किसान या पशुपालक पर की गई तो किसान महासभा आंदोलन को बाध्य होगी.
7. सभी पशुपालकों को गौशालाओं को दिए जा रहे अनुदान और चारे में सब्सिडी की तर्ज पर ही पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए अनुदान और सब्सिडी देना सुनिश्चित किया जाए.

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अखिल भारतीय किसान महासभा ने चेतावनी दी कि, यदि आवारा गोवंश के दंश को झेल रही जनता की आवाज नहीं सुनी गई तो किसान महासभा गोवंश के मामले में सरकार के जनविरोधी रवैए के खिलाफ स्थाई समाधान होने तक लगातार जनान्दोलन – डेरा डालो, घेरा डालो -करने को बाध्य होगी.

कार्यक्रम में मुख्य रूप से अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनंद सिंह नेगी, उपाध्यक्ष बहादुर सिंह जंगी, नैनीताल जिलाध्यक्ष भुवन जोशी, भाकपा माले राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी, जिला सचिव डा. कैलाश पाण्डेय, पुष्कर सिंह दुबड़िया, विमला रौथाण, आंनद सिंह सिजवाली, किशन सिंह बघरी, कमलापति जोशी,आइसा नेता धीरज कुमार, कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष पुष्कर दानू, कांग्रेस नेता कुंदन सिंह मेहता, प्रगतिशील महिला मंच की पुष्पा, ललित मटियाली, किसान नेता नैन सिंह कोरंगा, हरीश भंडारी, प्रभात पाल, बसंती बिष्ट, कमल जोशी, मदन धामी, कमला जोशी, पुष्पा, गिरधर बम, निर्मला शाही,मीना जोशी कपिल, मीना जलाल, बलवंत सिंह, जानकी देवी, हीरा मेलकानी, सावित्री,आंनद दानू, प्रवीण दानू, त्रिलोक राम, पनीराम, लक्ष्मण सिंह राठौर, पार्वती, बची सिंह, गुलाब राम, तुलसी देवी, पूनम कार्की, सरस्वती देवी, हरिकिशन, आनंदी, राधा, खष्टी आदि सैकड़ों ग्रामीण शामिल रहे.

Last Updated on September 20, 2024 11:35 am

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