PM Modi ने RSS, गुजरात दंगे और आइडिया ऑफ इंडिया को लेकर क्या कहा?

उन्होंने RSS की विचारधारा को वैश्विक मजदूर आंदोलनों से अलग करते हुए कहा कि जहां वामपंथी नारा है “विश्व के मजदूर एक हो,” वहीं RSS कहता है “मजदूर विश्व को एक करें,” जो एक बड़ी वैचारिक परिवर्तन को दर्शाता है.

PM Modi ने Lex Fridman के पॉडकास्ट में क्या कहा? (PC-X @lexfridman)
PM Modi ने Lex Fridman के पॉडकास्ट में क्या कहा? (PC-X @lexfridman)

लेक्स फ्रिडमैन के पॉडकास्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की भूमिका, 2002 के गुजरात दंगों, और ‘आइडिया ऑफ इंडिया’ जैसे विषयों पर विस्तार से बात की. यह पॉडकास्ट 16 मार्च 2025 को जारी हुआ था, और इसमें PM Modi ने अपनी व्यक्तिगत यात्रा, आध्यात्मिकता, और भारत के वैश्विक दृष्टिकोण को लेकर कई अहम बिंदुओं पर प्रकाश डाला. नीचे इन तीन मुख्य बिंदुओं पर उनके विचार संक्षेप में दिए गए हैं:

1. RSS की भूमिका (Role of RSS):
PM Modi ने RSS को अपने जीवन में एक मार्गदर्शक शक्ति बताया. उन्होंने कहा कि 8 साल की उम्र से ही वे RSS से जुड़े थे, जब उनके गांव में संगठन की शाखा में खेल और देशभक्ति के गीतों ने उन्हें आकर्षित किया.

उन्होंने RSS को एक ऐसा संगठन बताया जो जीवन को उद्देश्य देता है. उनके शब्दों में, “RSS आपको यह स्पष्ट दिशा देता है कि जीवन का असली उद्देश्य क्या है. राष्ट्र सर्वोपरि है, और जनसेवा ईश्वर की सेवा के समान है.”

मोदी ने RSS की सेवा-आधारित दर्शन और स्वामी विवेकानंद व रामकृष्ण मिशन के प्रभाव को अपने व्यक्तित्व को आकार देने वाला बताया. उन्होंने कहा, “मुझे ऐसी पवित्र संस्था से जीवन के मूल्य मिले, और यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है.”

उन्होंने RSS की विचारधारा को वैश्विक मजदूर आंदोलनों से अलग करते हुए कहा कि जहां वामपंथी नारा है “विश्व के मजदूर एक हो,” वहीं RSS कहता है “मजदूर विश्व को एक करें,” जो एक बड़ी वैचारिक परिवर्तन को दर्शाता है.

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2. गुजरात दंगे (Gujarat Riots):
2002 के गुजरात दंगों पर बोलते हुए PM Modi ने इसे “अकल्पनीय त्रासदी” करार दिया, जिसमें गोधरा में लोगों को जिंदा जलाया गया था. उन्होंने कहा कि यह घटना 9/11, संसद पर हमला, और कंधार अपहरण जैसे वैश्विक आतंकी घटनाओं की पृष्ठभूमि में हुई, जिसने स्थिति को और तनावपूर्ण बना दिया.

उन्होंने इस धारणा को “गलत सूचना” बताया कि 2002 के दंगे गुजरात के सबसे बड़े दंगे थे. उनके अनुसार, “2002 से पहले गुजरात में 250 से अधिक बड़े दंगे हुए थे. 1969 के दंगे तो छह महीने तक चले थे. पतंगबाजी या साइकिल की टक्कर जैसे छोटे मुद्दों पर भी हिंसा भड़क जाती थी.”

मोदी ने कहा कि उनके राजनीतिक विरोधियों ने उनके खिलाफ झूठा नैरेटिव बनाया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 2012 और 2022 में उनकी बेगुनाही को बरकरार रखा. उन्होंने जोर दिया कि 2002 के बाद गुजरात में पिछले 22 सालों में कोई बड़ा दंगा नहीं हुआ, जो शांति की स्थापना को दर्शाता है.

उन्होंने यह भी कहा कि उस समय वे सिर्फ तीन दिन पहले ही विधायक बने थे, और गुजरात भूकंप से उबर रहा था, जिससे चुनौतियां और बढ़ गई थीं.

3. आइडिया ऑफ इंडिया (Idea of India):
PM Modi ने भारत के विचार को 1.4 अरब लोगों की एकता और हजारों साल पुरानी संस्कृति से जोड़ा. उन्होंने कहा, “मेरी ताकत मेरे नाम में नहीं, बल्कि 1.4 अरब भारतीयों के समर्थन और हमारी कालातीत संस्कृति में है. जब मैं किसी विश्व नेता से हाथ मिलाता हूं, तो यह मोदी नहीं, बल्कि 1.4 अरब भारतीय ऐसा करते हैं.”

उन्होंने भारत को शांति का दूत बताया, जो बुद्ध और गांधी की भूमि है. उनके अनुसार, “जब हम शांति की बात करते हैं, तो दुनिया हमारी सुनती है, क्योंकि भारतीय स्वभाव में संघर्ष नहीं, बल्कि सामंजस्य है.”

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मोदी ने भारत के वैश्विक दृष्टिकोण को सहयोग और विकास पर आधारित बताया, न कि विस्तारवाद पर. उन्होंने कहा, “दुनिया आपस में जुड़ी हुई है. कोई देश अकेला नहीं रह सकता. शांति और विकास ही आगे का रास्ता है.”

उन्होंने लोकतंत्र को भारत की आत्मा करार देते हुए कहा कि आलोचना लोकतंत्र का हिस्सा है, और उनकी सरकार “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास” के सिद्धांत पर चलती है, जिसमें किसी के साथ भेदभाव नहीं होता.

Last Updated on March 17, 2025 11:02 am

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