अस्सी का वो दौर जब फिल्म शोले के गब्बर सिंह से भी ज़्यादा ख़तरनाक नाम था, फूलन देवी (Phoolan Devi). माना जाता है कि हालात ने फूलन देवी (Phoolan Devi) को इतना कठोर बनाया कि उन्होंने बहमई में 22 ठाकुरों को एक लाइन में खड़ा करके गोलियों से भून दिया. और इस बात का उन्हें ज़रा भी मलाल नहीं था. फूलन देवी (Phoolan Devi) का कहना था कि ठाकुरों ने उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया, जिसके बदले में उन्होंने ये हत्याएं कीं.
फूलन देवी (Phoolan Devi) की चर्चा अभी क्यों? शुभांकर मिश्रा के एक पॉडकास्ट की वजह से. इसमें शुभांकर मिश्रा शेर सिंह राणा से पूछते हैं- “आपने फूलन देवी को क्यों “ठोका”? आपने ठकुराई के चक्कर में ठोक दिया”. यहां पर उस वीडियो का एक छोटा क्लिप है जो आप यहां क्लिक कर के देख सकते हैं.
इस इंटरव्यू के बाद से कई लोग शुभांकर मिश्रा की भाषा को लेकर सवाल उठा रहे हैं. RJD प्रवक्ता प्रियंका भारती अपने एक्स हैंडल पर लिखती हैं, ” ‘आपने फूलन देवी को क्यों “ठोका”? आपने ठकुराई के चक्कर में ठोक दिया’- शुभांकर मिश्रा
भाषा मन के भाव बताती है. आपके भीतर किसी के प्रति सम्मान है , द्वेष है , नफ़रत है , प्रेम है , सामंती विचार है, जातिवादी भाव है , सब कुछ भाषा से पता चल जाता है. पिछड़े तबके से आने वाली विश्व की सबसे क्रांतिकारी महिलाओं में गिने जाने वाली मां फूलन देवी , दुनिया भर की हर सबल्टर्न महिला के लिए विरोध की प्रेरणाश्रोत हैं. उनके लिए ऐसी शब्दावली इंफ़ेक्ट इससे भी बद्तर शब्दावली उन लोगों ने इस्तेमाल की थी, उनका शोषण किया था, जिनसे बदला ले कर उन्होंने ने अपने आत्मसम्मान की लड़ाई लड़ी.
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यूहीं नहीं The Times ने उनके बारे में लिखा था – No reader can fail to be on her side.
जब फूलन जी की हत्या हुई तब भी दलित-पिछड़ी-आदिवासी महिलाओं के लिए इस भाषा और सोंच का इस्तेमाल हुआ और आज भी हो रहा है. इसलिए मैं बार बार कहती हूं – हर महिला बराबर नहीं. ऐसी टिप्पणी तो माफ़ी के लायक भी नहीं है.”
वहीं डिजिटल कंटेंट क्रिएटर और प्रोफ़ेसर Dr. Laxman Yadav अपने एक्स हैंडल पर लिखते हैं, “डियर
@shubhankrmishra
आपने कई अच्छे लोगों के भी पॉडकास्ट किए हैं. उनमें वीरांगना फूलन देवी जी के हत्या के आरोपी रहे शख़्स को आप बहुत ज़रूरी समझे, बुलाया. ये आपका चयन है. बात किया, ये आपकी प्रतिबद्धता है. बात होनी ही चाहिए.
मगर सवाल करने के लिए क्या पूरी तैयारी की? सवाल इतने उथले क्यों थे? क्या काउंटर सवाल के लिए फूलन पर लिखी किताबें, फूलन देवी के इंटरव्यू और लोगों के बयान तक सुनने की बुनियादी तैयारी भी क्यों नहीं की?
मीडिया में रहकर इतना तो समझते ही हैं कि किसी को बुलाना, मंच देना, सवाल करके उसे अपना पक्ष रखने के लिए प्लेटफ़ार्म देने की भी गहरी राजनीति है. सब करते हैं, आप भी किए. जगज़ाहिर हो गया.
क्या फूलन देवी पर बात करेंगे? क्या उस पहलू को जानने में आपकी दिलचस्पी है कि फूलन का पक्ष क्या था? क्यों फूलन को ‘वीरांगना’ कहते हैं लोग? क्या हुआ फूलन के साथ पहले और बाद में? क्या थीं फूलन?
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अब चूंकि आपने ही शुरू किया है, तो आप इसे आगे बढ़ाएं. कहें तो मैं आपको कई नाम सुझाऊंगा, जिन्हें पॉडकास्ट में बुलाइए. किताबें और इंटरव्यू लेकर आपके साथ बैठेंगे, बात करेंगे. ताकि यह पक्ष भी आए.
अन्यथा आपकी पत्रकारिता और पक्षधरता पर गंभीर सवाल खड़े होंगे. बाक़ी आपका चयन और आपका निर्णय. बहुजन समाज सब देख और समझ रहा है. वह अपनी धारणा और निर्णय के लिए सजग है.”
वहीं लेखक और स्तंभकार क्रांति कुमार अपने एक्स हैंडल पर लिखते हैं, “एक पॉडकास्ट में एक्टर गोविंद नामदेव बता रहे थे बैंडिट क्वीन फ़िल्म की कॉस्ट्यूम डिजाइनर डॉली अहलूवालिया ने शेखर कपूर से फूलन देवी से मिलने की परमिशन मांगी.
एक पॉडकास्ट में एक्टर गोविंद नामदेव बता रहे थे बैंडिट क्वीन फ़िल्म की कॉस्ट्यूम डिजाइनर डॉली अहलूवालिया ने शेखर कपूर से फूलन देवी से मिलने की परमिशन मांगी.
जब डॉली अहलूवालिया फूलन देवी दे मिली तो उन्होंने ने पूछा क्या मैं जान सकती हूँ ऐसा क्या हुआ कि आपने 24 लोगों को एक लाइन में… pic.twitter.com/Y5ALu44aMx
— Kranti Kumar (@KraantiKumar) March 11, 2025
जब डॉली अहलूवालिया फूलन देवी दे मिली तो उन्होंने ने पूछा क्या मैं जान सकती हूं ऐसा क्या हुआ कि आपने 24 लोगों को एक लाइन में खड़ा कर गोली मार दी.
फूलन देवी ने जवाब में अपने ऊपर हुए पूरे शोषण की कहानी बता दी. कैसे गांव की एक विशेष जाति ने उनपर अत्याचार किया, पति ने शोषण किया.
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एक एक आदमी ने कैसे बलात्कार किया. इतना सुनते ही डॉली अहलूवालिया रोने लगी. फूलन देवी ने कहा रोती क्यों है अभी 50% बात बताई है, 100% बात बताऊंगी तो क्या हाल होगा.
गोविंद नामदेव ने आगे कहा : इसके बाद फूलन देवी ने अपनी छाती खोल दी, डॉली अहलूवालिया से कहा ये देखो छाती में गड्ढे हैं, बलात्कारियों ने छाती के मांस को नोंच लिया था.”
Last Updated on March 12, 2025 9:46 am