लाख सरकारी प्रयासों के बावजूद Jammu-Kashmir में क्यों नहीं रुक रही हिंदुओं की हत्या!

सरकार के लाख दावों के बावजूद जम्मू-कश्मीर (jammu kashmir )में हिंदू (Hindu) सुरक्षित नहीं है. आए दिन कश्मीर में कोई न कोई हिंदू आंतकवादियों का शिकार हो रहा है. ताजा मामला कुलगाम (Kulgam) के गोपालपोरा का है. यहां आतंकियों ने हिंदू महिला टीचर रजनी बाला की स्कूल में घुसकर हत्या Lady teacher died in kashmir) कर दी.

घटना के बाद महिला को अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. रजनी बाला सांभा में PM प्रोजेक्ट के अंतर्गत चल रहे स्कूल में टीचर थी. वे मूलत जम्मू के सांबा जिले की रहने वाली थी. उनके पति का नाम राजकुमार बताया जा रहा है.

पूरे इलाके को पुलिस ने घेरा

पुलिस का कहना है कि जल्द ही आतंकियों की पहचान कर ली जाएगी. हत्यारों को पकड़ने के लिए पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई है.

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस घटना की निंदा की है. उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार के लाख दावों के बावजूद घाटी में लोग सुरक्षित नहीं है. यह चिंता की बात है.

उमर अब्दुल्ला ने कहा, यह दुखद है. आम नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा, निंदा और शोक के शब्द तब तक खोखले हैं, जब तक उन्हें सरकार से कोई आश्वासन नहीं मिल जाता.

इसी महीने में दूसरी बार हिंदू की मौत

मई महीने में ये दूसरी बार है जब किसी हिंदू को निशाना बनाया गया है. इनमें से चार नागरिक और तीन पुलिसकर्मी थे जो ड्यूटी पर तैनात नहीं थे. इसी महीने 12 मई को जम्मू-कश्मीर के बड़गाम जिले के चदूरा इलाके में, आतंकवादियों ने तहसील में घुसकर सरकारी कर्मचारी राहुल भट की हत्या कर दी थी.

उनपर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थी. राहुल भट्ट को भी अपस्ताल में भर्ती करवाया गया जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. भट्ट की मौत की जिम्मेदारी कश्मीर टाइगर (Kashmir Tiger) नाम के आतंकी संगठन ने ली थी.

लगातार बढ़ रही आतंकी घटनाएं

कश्मीर में आतंकवादी हमलों में करीब 7 लोगों की हत्या कर दी गई जबकि करीब 5 लोग इन हमलों में घायल हुए हैं. राहुल भट्ट के अलावा 12 मई को पुलवामा में पुलिसकर्मी रियाज अहमद ठाकोर की गोली मारकर कर दी गई हत्या. जबकि 9 मई को शोपियां जिले में आतंकवादियों की फायरिंग में एक स्थानिय नागरिक की मौत हुई थी.

वहीं बढ़ती आतंकी घटनाओं को देखते हुए सेना ने ऑपरेशन तेज कर दिए हैं. पिछले एक हफ्ते में कश्मीर में करीब 16 आतंकवादियों को मार गिराया गया है.

सरकारी दावों की खुली पोल!

साल 2019 में राज्य से अनुच्छेद 370 और स्पेशल स्टेटस का दर्जा हटाए जाने के बाद सरकार ने कहा था कि इससे आतंकवाद को खत्म करने में मदद मिलेगी लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा है.

धारा 370 हटने के बाद राज्य के कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी केंद्र सरकार के अधीन है. गृह मंत्री प्रदेश में अपने प्रतिनिधि उपराज्यपाल के जरिये कानून-व्यवस्था संभाते हैं.

जब इस कानून को खत्म किया गया तो सरकार का दावा था कि इससे कश्मीर के लोगों को आतंकवाद से निजात मिलेगी. साथ ही युवाओं को इससे रोजगार मिलेगा. कोई भी व्यक्ति कश्मीर में जमीन खरीद सकेगा साथ ही कई सरकारी दावे किए गए.  लेकिन अबी तक कोई भी वादा पूरा होता दिख नहीं रहा. कश्मीर में आतंकी घटनाए अभी भी जारी हैं.

 

Last Updated on May 31, 2022 7:52 am

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