Delhi Election: हार के बाद AAP को जीने नहीं देगी BJP, Arvind Kejriwal जाएंगे जेल?

BJP तो अब Arvind Kejriwal को कतई चैन से जीने नहीं देगी. अरविंद वापस जेल जा सकते हैं और इस बार लंबे समय के लिए. पार्टी में टूट हो सकती है. कई नेता पार्टी छोड़कर दूसरे दलों में जा सकते हैं.

Arvind Kejriwal का अब क्या होगा भविष्य?
Arvind Kejriwal का अब क्या होगा भविष्य?

Arvind Kejriwal Future: दिल्ली की करारी हार के बाद आम आदमी पार्टी अब तेजी से खात्मे की तरफ बढ़ सकती है. इस हार ने उसकी जड़ें हिला दी हैं. आम आदमी पार्टी किसी स्पष्ट विचारधारा के आधार पर अस्तित्व में नहीं आई थी. भगतसिंह से लेकर हनुमान जी तक सबकी खिचड़ी पकाई है अरविंद केजरीवाल ने. उनका पर्सनल करिश्मा आम आदमी पार्टी के उभार और विस्तार का सबसे बड़ा कारण था.

अब जबकि अरविंद केजरीवाल और उनके सबसे भरोसेमंद साथी मनीष सिसोदिया खुद अपनी ही सीट हार गये हैं तो दिल्ली और देश के आम आदमी पर उनके असर के बारे में क्या ही कहा जाए! दिल्ली की सत्ता गंवाने के बाद एक राष्ट्रीय पार्टी के तौर पर विस्तार का सपना तो चकनाचूर होगा ही, इसका सीधा असर पंजाब में आम आदमी पार्टी की सत्ता पर पड़ेगा और सरकार का बचाखुचा कार्यकाल डांवाडोल ही रहने वाला है.

बीजेपी तो अब अरविंद को कतई चैन से जीने नहीं देगी. अरविंद वापस जेल जा सकते हैं और इस बार लंबे समय के लिए. पार्टी में टूट हो सकती है. कई नेता पार्टी छोड़कर दूसरे दलों में जा सकते हैं. विपक्ष का एक और गढ़ ढह गया है. और अगर इंडिया गठबंधन बना रहा, तो इसमें अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की स्थिति कमजोर होगी.

आम आदमी पार्टी को इन विधानसभा चुनावों में 43.36% वोट मिला है, पिछले चुनाव से लगभग 10 फीसदी की गिरावट के बाद. उधर बीजेपी को 46.22% वोट मिले हैं. अगर इसमें उसके सहयोगियों जेडीयू और लोकतांत्रिक जनशक्ति पार्टी का वोट फीसद (जेडीयू 0.52% और लोजपा 0.51%) भी जोड़ लें तो यह 47% से थोड़ा सा ही ज्यादा होता है. कांग्रेस को 6.36% वोट मिला है, यानी पिछले चुनाव से उसके मत प्रतिशत में बढ़ोतरी हुई है.

इस गणित के आधार पर कहा जा सकता है कि अगर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस अगर मिलकर लड़ते तो 50% वोट मिल सकते थे और तब बीजेपी सत्ता की दौड़ में पीछे रह जाती. लेकिन लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से हुए गठबंधन को आम आदमी पार्टी ने ही चुनाव के फौरन बाद तोड़ दिया था. हालांकि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर लड़ने का कोई फायदा मिला नहीं. सातों लोकसभा सीटें बीजेपी के खाते में गईं.

कांग्रेस ने भी दिल्ली चुनाव में कुछ हासिल नहीं किया है. सिवाय इस खुशी के कि उसको दिल्ली की सत्ता से बेदखल करने वाले अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी अब खुद सत्ता से बाहर हो गये हैं. विपक्ष की राजनीति ऐसी ही नासमझियों और ख़ुदगर्ज़ियों की वजह से बर्बाद है.

पत्रकार Amitaabh Srivastava के फेसबुक पेज से…

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Last Updated on February 8, 2025 4:30 pm

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