Maha kumbh 2025: कुंभ क्षेत्र में मोबाइल (Mobile) और सोशल मीडिया पर कुंभ स्नान की फ़ोटो लगाने पर रोक लग जाए तो साठ परसेंट भीड़ ख़त्म हो जाएगी. कुंभ पहले भी होते ही थे. आबादी भी इतनी ही थी. सब मैनेज होता था क्योंकि यह आस्था का पर्व था. अब यह एक कारपोरेट इवेंट हैं जहां वीआईपी घाट हैं.
नहाने के बाद फ़ोटो अपलोड कर के संस्कृत का श्लोक लिखने से ही सबसे बड़े सनातनी राष्ट्रभक्त साबित होना संभव है. हमने केदारनाथ की हालत देखी. अब कुंभ की देख रहे हैं. स्नान को स्नान न रहने देकर धार्मिक इवेंट बनाएंगे तो यही सब होगा जो हो रहा है. किंआश्चर्यम्!
पढे़ लिखे लोग तक भीड़ की खबरें देखने के बावजूद नहाने का लोभ संवरण नहीं कर पा रहे हैं. नहाने के बाद तिलक लगाए फ़ोटो के बिना उनका कुंभ पूरा नहीं हो रहा. जबकि किसी को नहीं पता कि मोक्ष कैसे मिलेगा. फिर सोशल पर गरिया भी रहे हैं कि कुंभ क्यों जा रहे हैं सभी.
आप अमीर हैं तो आप जाएं. गरीब न जाए क्योंकि वह तो भीड़ है. गरीब आदमी से क्यों उम्मीद की जाए वह तो पहले भी जाता रहा है. फ़ाइव स्टार टेंट और वीआईपी घाट और कुंभ का कॉर्पोरेट पर्यटन में बदलाव नया है. इसके नए तरह के परिणाम हो रहे हैं.
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किस किस को रोइए. सर्दी बहुत है. मुंह ढांप के सोइए.
Former Multi-Media Journalist at BBC News हिन्दी जे सुशील के फेसबुक पेज से..
डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं.
Last Updated on February 16, 2025 12:29 pm