भारत-पाकिस्तान (India-Pakistan) के बीच में नज़दीकियां बढ़ सकती हैं? जल्द ही भारत और पाकिस्तान क्रिकेट टीम (IndVsPak) के बीच क्रिकेट मैच देखने को मिल सकता है? एक बार फिर से दोनों देशों के बीच रेल और बस सेवा शुरू हो सकती है? क्या भारत-पाकिस्तान 75 साल की पुरानी दुश्मनी छोड़ कर आने वाले समय के लिए एक नया रास्ता ले सकता है? लेकिन भारत के लिए कारगिल युद्ध (Kargil war) और पाकिस्तानी आतंकियों (Pakistan sponsored terrorism) के हमले को भूल कर एक नए रिश्ते की बुनियाद रखना क्या सच में इतना आसान होगा?
सवाल कई हैं. जो भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) के पाकिस्तान दौरे के बाद उठ रहे हैं. क्योंकि पाकिस्तान के पूर्व मंत्री नवाज़ शरीफ़ (Nawaz Sharif) ने बात ही कुछ ऐसी कही है. नवाज़ शरीफ़ का बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि वे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ (Shehbaz Sharif) के भाई हैं.
पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री नवाज शरीफ ने गुरुवार को SCO (meeting of the Shanghai Cooperation Organisation) बैठक का हवाला देते हुए कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर की इस्लामाबाद यात्रा एक “अच्छी बिगनिंग” और “अच्छी ओपनिंग” थी. ” यानी एक नये अध्याय का बढ़िया आरंभ. उन्होंने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान को “अतीत को दफनाना चाहिए” और “भविष्य के बारे में सोचना चाहिए.”
नवाज़ शरीफ़ ने भारतीय पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘बात जो है ऐसे ही बढ़ती है. बात ख़त्म नहीं होनी चाहिए. अच्छा होता अगर पीएम मोदी ख़ुद SCO मीटिंग में हिस्सा लेने पाकिस्तान आते. भारतीय पत्रकारों से यह बातचीत पाकिस्तान में पंजाब के सीएम ऑफ़िस में रखी गई थी. मौक़े पर मुख्यमंत्री और नवाज़ शरीफ़ की बेटी मरियम नवाज़ शरीफ़ भी मौज़ूद थीं.
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नवाज़ शरीफ़ ने दिसंबर 2015 में पीएम मोदी के अचानक से पाकिस्तान पहुंचने और साथ हुई बैठक का हवाला देते हुए कहा, “उन धागों को वहीं से शुरू करना चाहिए जहां हमने छोड़ा था. हमने 75 साल खो दिए हैं, अब (हमें) अगले 75 वर्षों के बारे में सोचना चाहिए.”
शरीफ ने कारगिल युद्ध और पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा भारत पर हमले का ज़िक्र करते हुए कहा, “मैंने अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी के साथ बैठक की. मैंने रिश्ते को सुधारने की कोशिश की, लेकिन वे बार-बार बाधित हुए.”
उन्होंने कहा, “हम पड़ोसी हैं, हम अपने पड़ोसियों को नहीं बदल सकते. ना तो पाकिस्तान ऐसा कर सकता है और ना ही भारत. हमें अच्छे पड़ोसियों की तरह रहना चाहिए. हमें अतीत में नहीं जाना चाहिए, और भविष्य की ओर देखना चाहिए.”
पूर्व प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, उद्योग, पर्यटन और बिजली के क्षेत्र में संभावित द्विपक्षीय सहयोग का हवाला देते हुए कहा, ‘मेरा मानना है कि भारत, पाकिस्तान और पड़ोसियों को वैसा ही व्यवहार करना चाहिए जैसा भारत के राज्य अपने दूसरे राज्यों के साथ करते हैं.”
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उन्होंने कहा, “हमें भविष्य की ओर देखना चाहिए और हमारे दोनों देशों की क्षमता को देखना चाहिए जिनकी आबादी काफी है. हमें एक साथ बैठना चाहिए और हर बात पर गंभीरता से चर्चा करनी चाहिए.”
हालांकि अनुच्छेद 370 और कश्मीर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मौजूदा अवसर इन मुद्दों पर चर्चा करने का नहीं है.
यह पूछे जाने पर कि क्या दोनों देशों के बीच बस और ट्रेन सेवाएं बहाल की जानी चाहिए, उन्होंने कहा, “क्यों नहीं? भारत और पाकिस्तान पूर्व में ‘एक ही देश’ हुआ करता था. मेरे पिता के पासपोर्ट पर उनका जन्मस्थान अमृतसर, भारत लिखा हुआ था.”
नवाज़ शरीफ़ ने साझा “रीति-रिवाजों, परंपराओं, खान-पान, भाषा” का उल्लेख करते हुए कहा, “दोनों देशों के बीच में क्या अंतर है? मैं दोनों देशों के संबंधों के बीच में लंबे गैप से खुश नहीं हूं. दोनों देशों के लोगों के बीच रिश्ते बहुत अच्छे हैं. हमें बस राजनीतिक स्तर पर मानसिकता बदलनी होगी.’
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उन्होंने कहा, ”वाजपेयी से लेकर मोदी तक हमारे बीच संबंधों की बहुत अच्छी संभावनाएं हैं. मैं भारत के साथ संबंधों के बारे में बहुत सकारात्मक सोचता हूं.” यह पूछे जाने पर कि क्या बातचीत के लिए पुल बनाने की आवश्यकता है, उन्होंने कहा, “यही वह भूमिका है जिसे मैं निभाने की कोशिश कर रहा हूं.”
उन्होंने क्रिकेट संबंधों की बहाली की भी वकालत की. शरीफ़ ने कहा, “क्रिकेट टीमों को एक-दूसरे के देश में जाकर खेलना चाहिए. मैं भारत की यात्रा करने को इच्छुक हूं. अगर दोनों टीमें फाइनल खेलती हैं तो मैं जाकर इसे देख सकता हूं.’
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत को चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम भेजनी चाहिए, उन्होंने कहा, ”आपने मेरे दिल की बात कह दी है.” उन्होंने आगे यह भी कहा कि मोदी को भी पाकिस्तान की यात्रा करनी चाहिए और वह चाहेंगे कि वह दोबारा औपचारिक तौर पर पाकिस्तान की यात्रा करें.
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अपने पिता के बगल में बैठी मरियम नवाज शरीफ ने भी भारत की यात्रा करने की इच्छा व्यक्त की. उन्होंने कहा, ‘मुझे करतारपुर की यात्रा के दौरान भारतीय तीर्थयात्रियों से बहुत प्यार और स्नेह मिला. मुझे भारत, खासकर पंजाब का दौरा करना अच्छा लगेगा.” जिसके बाद पिता नवाज़ शरीफ ने कहा, ”सिर्फ पंजाब ही क्यों? आप हिमाचल, हरियाणा और अन्य राज्यों में भी जाएं.”
Last Updated on October 18, 2024 10:33 am