पाकिस्तान में जो मौजूदा हालात है उसके बाद रास्ता क्या बचा है? क्या शहबाज शरीफ सरकार, इमरान खान की पार्टी PTI को आतंकवादी पार्टी घोषित कर देगी? या फिर वहाँ पर मार्शल लॉ की घोषणा कर दी जाएगी और सेना देश की कमान अपने हाथों में ले लेगी. हालाँकि चुनाव भी एक रास्ता है लेकिन समस्या यह है कि देश में फ़िलहाल ऐसी कोई पार्टी नहीं है जिसको लेकर लोगों के बीच भारी लोकप्रियता है.
ऐसे में अगर करोड़ों रुपये खर्च कर चुनाव करा भी दिए गए तो स्पष्ट बहुमत मिलने की संभावना बेहद कम है. पहले से ही कंगाली का सामना कर रहे पाकिस्तान के लिए यह विकल्प भविष्य के लिए और भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है. तो फिर पाकिस्तान करे तो करे क्या, जाए तो जाए कहां?
पाकिस्तान की राजनीति पर पैनी निगाह रखने वालों का मानना है कि PTI को आतंकी संगठन घोषित करने की संभावना ज्यादा है. PTI समर्थकों ने सेना के मुख्यालय से लेकर एयरबेस तक को निशाने पर लिया है और आगजनी की है. वहीं सेना के जवाबी ऐक्शन में कई इमरान समर्थक हताहत हुए हैं.
पूरे पाकिस्तान में सेना और PTI समर्थकों के बीच झड़प जारी है. जानकारी मिली है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के साथ एक बैठक करने वाले हैं. इसी बैठक में इमरान खान का भविष्य तय होगा. हालांकि पाकिस्तानी सेना चाहे तो मामले में हस्तक्षेप कर सुलह का रास्ता भी निकाल सकती है.
अब तक की जानकारी के मुताबिक़ मंगलवार को पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और PTI नेता इमरान खान को सेना के इशारे पर इस्लामाबाद हाइकोर्ट के बाहर से ही गिरफ्तार कर लिया गया है. माना जा रहा है कि इमरान खान 4 से 5 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेजे जा सकते हैं.
इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद से पाकिस्तान में गृहयुद्ध जैसे हालात हैं. पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण के मुताबिक, पूरे पाकिस्तान में इंटरनेट बंद कर दिया गया है. ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब को भी बैन कर दिया गया है.
गंभीर आर्थिक संकट के बीच पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता और भी बढ़ गई है. दूसरी तरफ, क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भी चेतावनी दी है कि राजनीतिक अस्थिरता की वजह से अगर पाकिस्तान को आईएमएफ से लोन नहीं मिला तो पाकिस्तान डिफॉल्ट हो जाएगा.
दिक्कत है कि राजनीतिक अस्थिरता को लेकर चीन की चेतावनी को भी पाकिस्तान ने इग्नोर कर दिया है. अभी पिछले शनिवार को ही चीन के विदेश मंत्री किन गांग ने इस्लामाबाद में राजनीतिक स्थिरता बनाए रखने की अपील की थी. उन्होंने पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के साथ बैठक के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हमें पूरी उम्मीद है कि पाकिस्तान के सभी राजनीतिक दल देश में राजनीतिक स्थिरता बनाए रखेंगे और घरेलू और बाहरी चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपटेंगे ताकि देश की अर्थव्यवस्था पर फोकस किया जा सके.” किन गांग विदेश मंत्री बनने के बाद पहली बार पाकिस्तान-चीन विदेश मंत्रियों की चौथी रणनीतिक वार्ता में शामिल होने राजधानी इस्लामाबाद पहुंचे थे.
हालांकि, पाकिस्तान सरकार ने चीन की सलाह की पूरी तरह उपेक्षा की और बयान के दो दिन बाद ही पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को गिरफ्तार कर लिया. इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद से पाकिस्तान में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. मौजूदा हालात देखते हुए गृहयुद्ध तक की आशंका जताई जा रही है. ज़ाहिर है पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता खत्म नहीं हुई तो चीन का पाकिस्तान में किया निवेश भी खतरे में पड़ सकता है.
चीन की परेशानी यह है कि उसने पाकिस्तान में भारी भरकम निवेश किया है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के फरवरी 2023 तक के आंकड़ों के अनुसार पाकिस्तान के कुल विदेशी कर्ज 126 अरब अमेरिकी डॉलर में से लगभग 30 अरब अमेरिकी डॉलर का कर्ज सिर्फ चीन का है. रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने CPEC प्रोजेक्ट पर लगभग 60 मिलियन डॉलर का निवेश किया है. यह प्रोजेक्ट पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और अक्साई चीन जैसे विवादित क्षेत्रों से होकर गुजरता है. चीन का कुल कर्ज IMF के कुल कर्ज के तीन गुना से भी अधिक है.
Last Updated on January 2, 2024 11:02 am