संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी के बीच भारत ने कहा है कि वह द्वि-राष्ट्र समाधान को प्राप्त करने के लिए इजराइल और फलस्तीनियों के बीच बातचीत का समर्थन करता है. भारत ने सभी संबंधित पक्षों से अनुरोध किया कि वे शांति वार्ता की बहाली के लिए अनुकूल परिस्थितियों का निर्माण करने वाले रचनात्मक प्रयासों में शामिल हों. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक में कहा कि इजराइल-फलस्तीन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए भारत का समर्थन दृढ़ और सर्वविदित है.
तिरुमूर्ति ने मंगलवार को कहा, ‘जमीनी यथास्थिति को अनुचित रूप से बदल देने वाली एकतरफा कार्रवाई गंभीर चुनौतियां पैदा करती है और द्वि-राष्ट्र समाधान की व्यवहार्यता को कम करती है. शांति और स्थिरता के हित में इनसे बचा जाना चाहिए. इसके बजाय, पक्षों को शांति वार्ता की बहाली के लिए अनुकूल परिस्थितियों का निर्माण करने वाले रचनात्मक प्रयासों में शामिल होना चाहिये.’
तिरुमूर्ति ने कहा, ‘हम मानते हैं कि इजराइल और फलस्तीन के लोगों के बीच टिकाऊ और लंबे समय तक चलने वाली शांति केवल द्वि-राष्ट्र समाधान के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है, जिसमें मान्यता प्राप्त और पारस्परिक रूप से सहमति प्राप्त सीमाओं के भीतर, एक संप्रभु, व्यवहार्य और स्वतंत्र फलस्तीन राज्य की स्थापना शामिल है, जो इजराइल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर शांतिपूर्ण और सुरक्षित माहौल में रह सके.’
नए सिरे से हिंसा भड़कने की आशंका
कुछ दिनों पहले ही संयुक्त राष्ट्र के पश्चिम एशिया मामलों के दूत टोर वेनेसलैंड ने आगाह किया है कि अगर इजराइल और फलस्तीन के बीच विवाद के मुद्दों पर जल्द और निर्णायक फैसला नहीं लिया गया तो वहां ‘फिर से हिंसा का दौर शुरू होने’ की आशंका है. बता दें कि पिछले महीने ही ब्रिटेन ने फलिस्तीनी संगठन हमास को आतंकी करार दिया था.
वेनेसलैंड ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा है कि यह जरूरी है कि पक्षकार ‘जमीन पर स्थिति को संयमित करें’, पूरे फलस्तीन में हिंसा कम करें, एकतरफा तरीके से इजराइली बस्तियों को बसाने से बचा जाए और इजराइल-फलस्तीन के बीच 11 दिनों के संघर्ष के बाद कायम संघर्ष विराम को मजबूत किया जाए.
ब्रिटेन ने करार दिया था आतंकी संगठन
पिछले महीने ब्रिटेन ने फलस्तीनी समूह हमास को आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया था. ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने हमास पर प्रतिबंधों की घोषणा करते हुए कहा कि हमास के पास खतरनाक और अडवांस हथियारों के साथ-साथ आतंकवादी प्रशिक्षण फैसिलिटी तक पहुंच सहित महत्वपूर्ण आतंकवादी क्षमता है. इसलिए हमास को पूरी तरह से प्रतिबंधित संगठन करार दिया गया है. इजराइल के अलावा अमेरिका और यूरोपीय संघ पहले ही हमास को आतंकवादी संगठन करार दे चुके हैं.
Last Updated on December 30, 2021 2:34 pm