रूस के पड़ोसी देश कजाकिस्तान में लगातार बढ़ते LPG के दामों के कारण वहां कुछ समय से जारी प्रदर्शन अब हिंसक होने लगे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, देश के अलमाती (Almaty) शहर में हिंसक भीड़ ने सरकारी इमारतों में घुसने और उनमें आग लगाने की कोशिश की हैं. जिसके बाद पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई.
ये प्रदर्शन इतने बड़े पैमाने पर हो रहे हैं कि बुधवार को देश के प्रधानमंत्री आस्कर मामिन को अपने मंत्रिमंडल के साथ इस्तीफा देना पड़ा. फिलहाल उप-प्रधानमंत्री अलीखान स्माईलोव को कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है. मगर हालात काबू में नहीं हैं.
कजाकिस्तान में लगा आपातकाल
प्रधानमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के इस्तीफे के बाद वहीं के राष्ट्रपति कसीम-जोमार्ट टोकाय ने 5 जनवरी से 19 जनवरी तक अल्माटी और मैंगिस्टाऊ राज्यों में आपातकाल (emergency) की घोषणा की है. राष्ट्रपति ने अधिकारियों को LPG के दाम नियंत्रित करने के आदेश जारी किया है. राष्ट्रपति कसीम-जोमार्ट टोकाय का आरोप है कि हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों को दूसरे देशों से आर्थिक मदद मिल रही है. हिंसा को देखते हुए देश में इंटरनेट पर पाबंदी लगा दी गई. मैसेजिंग ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया. बैंकों में काम बंद कर दिया गया है. वहीं कुछ एयरपोर्ट को भी एहतियातन बंद कर दिया गया.
LPG के बढ़ते दामों को लेकर प्रदर्शन
दरअसल, कजाकिस्तान में 90 फीसदी लोग अपने वाहनों में LPG का इस्तेमाल करते है. पिछले दिनों LPG के दामों में 100 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला था. LPG की कीमत बढ़ने से महंगाई भी बेतहाशा बढ़ी है जिसे रोकने के लिए सरकार ने कोई बड़ा कदम नहीं उठाया. इसको लेकर कजाकिस्तान के लोगों में गुस्सा था.
इन प्रदर्शनों की शुरुआत जानाओजेन शहर से हुई. जिसके बाद ये राजधानी नूर-सुल्तान और देश के सबसे बड़े शहर और राजधानी अल्माटी समेत पूरे देश में फैल गया. हिंसा में अबतक 18 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई जबकि 1000 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है.
तेल उत्पादक देशों के समूह OPEC में शामिल कजाकिस्तान
मध्य एशियाई देश कजाकिस्तान में तेल और गैस की कोई कमी नहीं है. यह तेल उत्पादक देशों के समूह OPEC का एक अहम सदस्य भी है. फिर भी देश में तेल और गैस की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी होती रही.और लोगों को सड़कों पर उतरने के लिए क्यों मजबूर होना पड़ा. दरअसल, सरकार साल 2019 में एलपीजी को लेकर एक नीति लाई थी जिसे तेल की कीमतें बढ़ने का मुख्य कारण बताया जा रहा है.
लोगों का आरोप है कि अगर ईंधन में ऐसे ही बढ़ोतरी होती रही तो मंहगाई भी बढ़ेगी. लोग सरकार से मांग कर रहे थे या तो सरकार ईंधन की कीमत घटाए नहीं तो उनकी सैलरी बढ़ाई जाए. इन प्रदर्शनों को कजाकिस्तान के इतिहास में विरोध की सबसे बड़ी लहर कहा जा रहा है.
Last Updated on January 7, 2022 4:49 pm