पिछले साल 7.7 करोड़ लोग हुए गरीब, वजह जान रह जाएंगे हैरान… UN रिपोर्ट में खुलासा

कोरोना (covid-19) के कारण पिछले साल 7.7 करोड़ लोग गरीबी (poverty) की गर्त में चले गए हैं. यही नहीं इस दौरान कई विकासशील और गरीब देश कर्ज के बोझ तले दब गए हैं. ये देश भारी ब्याज और महामारी के दुष्प्रभावों से उबर नहीं पा रहे हैं और शायद कभी उबरे भी ना. संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की एक रिपोर्ट में ये खुलासा किया गया है.

रिपोर्ट के मुताबिक अमीर देश महामारी के कारण आई गिरावट से काफी कम ब्याज पर कर्ज लेकर उबर सकते हैं, लेकिन गरीब देशों ने अपना कर्ज चुकाने में अरबों डॉलर खर्च किए. अधिक कर्ज देने का कारण भारी ब्याज चुकाना बताया गया है. इस कारण इन देशों में शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुधार, पर्यावरण और असमानता घटाने की दिशा में ज्यादा खर्च नहीं कर सके.

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, 2019 में 81.2 करोड़ लोग अत्यधिक गरीबी में रह रहे थे और रोजाना 1.90 डॉलर या उससे भी कम राशि कमा रहे थे. वहीं, 2021 तक ऐसे लोगों की संख्या बढ़कर 88.9 करोड़ हो गई. यह रिपोर्ट 2030 में संयुक्त राष्ट्र के विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए जरूरी वित्तपोषण पर आधारित है.

जिसमें गरीबी खत्म करना, सभी युवाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना एवं लैंगिक समानता हासिल करना शामिल है. यूएन की उप महासचिव अमीना मोहम्मद ने एक प्रेस वार्ता में कहा, “जलवायु परिवर्तन और कोविड-19 महामारी स्थिति को और बदतर बना रही है.

इसके अलावा यूक्रेन के युद्ध का वैश्विक प्रभाव भी है. मोहम्मद के मुताबिक, एक विश्लेषण से संकेत मिलता है कि यूक्रेन युद्ध की वजह से 1.7 अरब लोगों को खाने, ईंधन और उर्वरकों की उच्च कीमतों का सामना करना पड़ रहा है.

इसके चलते 2023 के अंत तक 20 प्रतिशत विकासशील देशों में प्रति व्यक्ति जीडीपी 2019 से पहले के स्तर पर नहीं लौटेगी. रिपोर्ट के अनुसार विकासशील देश अपने राजस्व का 14 फीसदी हिस्सा ऋण पर लगने वाला ब्याज चुकाने में खर्च करते हैं, जबकि अमीर मुल्कों के मामले में यह आंकड़ा महज 3.5 फीसदी है.

भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका भी कर्ज के बोझ तले दब गया है. हालात ये है कि श्रीलंका की सरकार ने देश को दिवालिया घोषित कर दिया है. कोरोना के दौरान हुए लॉकडाउन को इसकी मुख्य वजह बताया गया है. बता दें कि इन दिनों श्रीलंका में हलाता बेहद ही नाजुक बने हुए हैं, लोगों के पास खाने पीने तक का सामान उपलब्ध नहीं हैं. जिसके कारण श्रीलंका में लोग सकड़ों पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे है. वहीं इन दिनों श्रीलंका में कई हिस्सों में हिंसा व आगजनी की घटनाएं भी हुई हैं.

Last Updated on April 13, 2022 2:42 pm

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