साल 2021 में अफगानिस्तान (Afghanistan) को तालिबान (Taliban) ने अपने कब्जे़ में लिया था. तभी माना जा रहा था कि तालिबानी काफी बदल चुके है. वे पहले जैसे कट्टर नहीं रहे… खुद तालिबान ने सत्ता संभालने के बाद अफगानिस्तान की सिरत बदलने, महिलाओं को उनके अधिकार दिलाने जैसे कई वादे किए थे.
लेकिन वक्त बितने के साथ ही तालिबान अपने वादों से मुकरता दिख रहा है. वादों से विपरीत तालिबान ने सत्ता संभालने के बाद पुरुषों को दाढ़ी रखने, महिलाओं को बाहर ना निकलने, लड़कियों की शिक्षा पर रोक और अब महिलाओं को ऊपर से नीचे तक खुद को ढक कर रखने जैसे फरमान सुनाए हैं.
आवश्यक होने पर ही घर से बाहर जा सकती हैं महिलाएं
महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर और मीडिया प्रसारण के दौरान अपने चेहरे को ढकना चाहिए, केवल बहुत आवश्यक होने पर ही घर से बाहर जाना चाहिए और इस निर्देश का उल्लंघन करने पर उनके पुरुष रिश्तेदार को दंड मिलेगा.
इस फरमान के बाद सोशल मीडिया पर एक अफगानी महिला टीवी एंकर का एक फोटो वायरल हुआ था. जिसमें महिला एंकर बुर्के में खबर पढ़ती दिक रही है. जिसके बाद तालिबान की दुनियाभर में काफी आलोचना हुई.
‘अपनी नीतियां बदले तालिबान’
तालिबान के इन फैसलों की दुनियाभर में निंदा हो रही है. तो वहीं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने तालिबान से अपनी उन नीतियों को तुरंत बदलने को कहा है जिनके तहत अफगान महिलाओं एवं लड़कियों के मानवाधिकारों एवं उनकी मौलिक स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं.
महिलाओं को बुर्का पहनने का आदेश
बता दें कि अफगानिस्तान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने इस महीने की शुरुआत में महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर अपने चेहरे सहित पूरे शरीर को पारंपरिक बुर्के से ढकने का आदेश जारी किया. साथ ही अफगानी महिला टीवी एंकर और अन्य महिलाओं को ‘ऑन एयर’ होने (कार्यक्रम के प्रसारण) के दौरान अपना चेहरा ढकने का आदेश दिया है.
अफगानिस्तान पर अमेरिका की अध्यक्षता में जारी एक प्रेस वक्तव्य में 15 सदस्यीय परिषद ने अफगान महिलाओं और लड़कियों के मानवाधिकारों एवं उनकी मौलिक स्वतंत्रता के बढ़ते हनन पर चिंता व्यक्त की. यूएनएससी ने इस बात पर जोर दिया कि ये प्रतिबंध अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अपेक्षाओं और अफगान लोगों के प्रति व्यक्त की गईं तालिबान की प्रतिबद्धताओं के विपरीत हैं.
तालिबान ने कई राष्ट्रीय संस्थानों को भंग किया!
यूएनएससी ने कई प्रमुख राष्ट्रीय संस्थानों को भंग करने के तालिबान के फैसले पर भी चिंता व्यक्त की. अफगानिस्तान में जारी आतंकवादी हमलों पर भी अपनी चिंता व्यक्त की.
सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और सुरक्षा चुनौतियों तथा अफगान लोगों के जीवन पर उनके प्रभाव सहित अफगानिस्तान में अस्थिर स्थिति पर चिंता जताई.
उसने ‘‘अफगानिस्तान में नागरिकों, असैन्य बुनियादी ढांचे और धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बनाकर किए जाने वाले आतंकवादी हमलों तथा अवैध मादक पदार्थों की खेती, उत्पादन, व्यापार और तस्करी को लेकर विशेष रूप से गहरी चिंता व्यक्त की.’’
Last Updated on May 25, 2022 1:18 pm