आदेश के बावजूद धोखा देने वाले विज्ञापन क्यों निकलवाया? Ramdev को SC की कड़ी फटकार

योग गुरु रामदेव को सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार
योग गुरु रामदेव को सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार

Misleading ads case:’पूरे देश को धोखा दिया जा रहा है और सरकार आंख मूंद कर बैठी है.’ भ्रामक विज्ञापन मामले में पतंजलि आयुर्वेद पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह सख्त टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि पतंजलि भ्रामक दावा कर रही है कि उसकी दवाइयों से कुछ बीमारियों का इलाज होता है, जबकि इस तरह के कोई सबूत नहीं हैं. न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कहा कि ऐसा दावा कर पतंजलि देश को धोखा दे रही है. न्यायालय ने टिप्पणी करते हुए कहा, “पूरे देश को धोखा दिया गया है. पिछले दो सालों से आप इंतजार कर रहे हैं कि कब औषधि अधिनियम कहता है कि यह निषिद्ध है?” .

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद और उसके MD आचार्य बालकृष्ण को अवमानना ​​नोटिस जारी किया.

क्या है पूरा मामला?

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन यानी IMA ने पतंजलि के खिलाफ 2022 में एक याचिका दाखिल किया था. IMA ने कहा था कि बाबा रामदेव सोशल मीडिया पर एलोपैथी के खिलाफ गलत जानकारी फैला रहे हैं. 21 नवंबर 2023 को पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि पतंजलि को सभी भ्रामक दावों वाले विज्ञापनों को तुरंत बंद करना होगा. कंपनी अगर कोर्ट के आदेश का किसी भी तरीके से उल्लंघन करता है तो उसे बहुत गंभीरता से लिया जाएगा. साथ ही हर एक प्रोडक्ट के झूठे दावे पर 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.

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IMA की तरफ से एडवोकेट पीएस पटवालिया ने कोर्ट में बताया कि पतंजलि ने योग से डायबिटीज और अस्थमा को ‘पूरी तरह से ठीक’ करने का दावा किया था. इस पर कोर्ट ने पूछा- आप में (पतंजलि) कोर्ट के आदेश के बाद भी यह विज्ञापन लाने का साहस रहा. अब हम सख्त आदेश पारित करने जा रहे हैं. हमें ऐसा इसलिए करना पड़ रहा है, क्योंकि आप कोर्ट को उकसा रहे हैं.

पहले भी घिर चुके हैं रामदेव

योग गुरु रामदेव कई बार योग और पतंजलि के प्रोडक्ट्स से कैंसर, एड्स और होमोसेक्सुअलिटी तक ठीक करने के दावे को लेकर विवादों में रहे हैं.

– कोरोना काल के दौरान जब पूरी दुनिया कोविड का इलाज ढूंढ़ रही थी. तब योगगुरु रामदेव ने दावा किया था कि उनके प्रोडक्ट कोरोनिल और स्वसारी से कोरोना का इलाज किया जा सकता है. नतीज़ा ये हुआ कि लोगों ने बिना सोचे-समझे कोरोनिल और स्वसारी की खरीदारी शुरु कर दी. कंपनी के वारे-न्यारे हो गए, लेकिन आम आदमी बेवकूफ़ बना. इस दावे को लेकर आयुष मंत्रालय ने पतंजलि को कड़ी फटकार लगाई और इसके प्रमोशन पर तुरंत रोक लगाने को कहा.

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– 2018 में FSSAI ने पतंजलि को मेडिसिनल प्रोडक्ट गिलोय घनवटी पर एक महीने आगे की मैन्युफैक्चरिंग डेट लिखने के लिए फटकार लगाई थी.

– साल 2015 में रामदेव की कंपनी पतंजलि, इंस्टेंट आटा नूडल्स लेकर आई. दूसरे कंपनी की बुराई के बीच इन्हें लॉन्च करने की इतनी जल्दी थी कि फूड सेफ्टी एंड रेगुलेरिटी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) से लाइसेंस लेना भी नहीं याद रहा. नतीजा यह हुआ कि पतंजलि को फूड सेफ्टी के नियम तोड़ने के लिए लीगल नोटिस का सामना करना पड़ा.

– 2015 में कैन्टीन स्टोर्स डिपार्टमेंट ने पतंजलि के आंवला जूस को अनफिट बताते हुए, नहीं पीने योग्य बताया था. इसके बाद सीएसडी ने अपने सारे स्टोर्स से आंवला जूस हटा दिया.

– साल 2015 में ही हरिद्वार में पतंजलि घी में फंगस और अशुद्धियां मिलने की शिकायत मिली थी.

Last Updated on February 27, 2024 12:49 pm

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