अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी ने वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की GDP Growth को घटाकर 7.9 प्रतिशत किया!

अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) ने 1 अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth) के अनुमान को घटाकर 7.9 प्रतिशत कर दिया है. दुनियाभर में तेल (Crude Oil) की कीमतों में आई तेजी इसकी वजह बताई गई है. तेल की कीमत बढ़ने के कारण आर्थिक रिकवरी (Economic Recovery) में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

खुदरा महंगाई दर 6 फीसदी रहने का अनुमान

इसके अलावा मॉर्गन स्टेनली ने खुदरा महंगाई के अनुमान को बढ़ाकर 6 फीसदी और करंट अकाउंट डेफिसिट के अनुमान में इजाफा करके 3 फीसदी कर दिया है. मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘हमारा अनुमान है कि चक्रीय पुनरुद्धार का चक्र जारी रहेगा, लेकिन यह हमारे पिछले अनुमान से नरम रहेगा. मौजूदा भू-राजनीतिक तनाव की वजह से बाहरी जोखिम बढ़ेंगे और अर्थव्यवस्था गतिहीन मुद्रास्फीति की ओर बढ़ेगी.’’

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत तीन चीजों- कच्चे तेल और दूसरे जिंसों के ऊंचे दाम, व्यापार और दूसरी सख्त वित्तीय परिस्थितियों आदि से प्रभावित हो रहा है, जिससे कारोबार और निवेश की धारणा प्रभावित हो रही है.

मॉर्गन स्टेनली ने कहा, ‘‘कच्चे तेल की ऊंची कीमतों की वजह से हम 2022-23 के लिए अपने वृद्धि दर के अनुमान को आधा प्रतिशत घटाकर 7.9 प्रतिशत कर रहे हैं. इसके अलावा उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के अनुमान को बढ़ाकर 6 प्रतिशत कर रहे हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत अपनी कच्चे तेल की 85 प्रतिशत जरूरत विदेशओं से आयात करता है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम इस समय 140 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गए हैं. जो 14 साल के में सबसे ज्यादा है. जिसके कारण भारत को कच्चे तेल के लिए अधिक भुगतान करना होगा. इससे मुद्रास्फीतिक दबाव बढ़ेगा और मंहगाई दर में बढ़ोत्तरी होगी.

Last Updated on March 13, 2022 9:47 am

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