मध्य रेलवे PRO शिवराज का अचानक तबादला, मोदी सेल्फी पॉइंट की लागत बताने से कनेक्शन तो नहीं?

रेलवे स्टेशन पर बना सेल्फी पॉइंट. (फोटो साभार: ट्विटर/@vibewidyou)
रेलवे स्टेशन पर बना सेल्फी पॉइंट. (फोटो साभार: ट्विटर/@vibewidyou)

PM Selfie Booths: मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) शिवराज मानसपुरे का बीते 29 दिसंबर को बिना कारण बताए तबादला कर दिया गया. मानसपुरे ने महज सात महीने पहले यह पद संभाला था. उनकी अगली पोस्टिंग कहां हुई है, इस बात की फ़िलहाल कोई जानकारी नहीं है. मानसपुरे की जगह स्वप्निल डी. नीला ने ले ली है. शिवराज मानसपुरे ने पिछले महीने, एक आरटीआई आवेदन के जवाब में, स्टेशनों पर पीएम मोदी की विशेषता वाले 3 डी सेल्फी बूथों की लागत का खुलासा किया था.

आरटीआई आवेदनकर्ता अजय बोस ने यह जानना चाहा था कि रेलवे स्टेशनों पर लगाए जा रहे मोदी सेल्फी पॉइंट की लागत कितनी है. मानसपुरे के कार्यालय ने जवाब में बताया कि क्लास-ए स्टेशनों पर प्रत्येक अस्थायी सेल्फी पॉइंट की लागत 1.25 लाख रुपये थी. जबकि क्लास सी स्टेशनों पर स्थायी सेल्फी पॉइंट की लागत 6.25 लाख रुपये थी.

महाराष्ट्र के अमरावती के सामाजिक कार्यकर्ता बोस ने पांच जोनों- मध्य रेलवे, पश्चिमी, दक्षिणी, उत्तरी और उत्तर पश्चिमी रेलवे –में आरटीआई आवेदन दायर कर सेल्फी बूथ से जुड़ी लागतों के बारे में विवरण मांगा था. इस पर जवाब केवल मध्य रेलवे की तरफ से आया. मध्य रेलवे भारतीय रेलवे के 19 जोनों में से एक है.

सूत्रों का कहना है कि मनसपुरे को हटाए जाने से दो हफ्ते पहले ही रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा सम्मानित किया गया था. कमाई बढ़ाने, बिना टिकट यात्रा और चोरी रोकने के प्रयासों के लिए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा सम्मानित किया गया था, जो उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान वरिष्ठ मंडल वाणिज्यिक प्रबंधक के रूप में किए थे.

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मानसपुरे के तबादले को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने कहा कि यह तबादला मानसपुरे द्वारा आरटीआई आवेदन के जवाब में दी गई जानकारी को लेकर किया गया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार करदाताओं के पैसे से मोदी सेल्फी पॉइंट लगा रही है.

बता दें, सितंबर महीने में रेलवे बोर्ड ने 19 जोनल रेलवे के महाप्रबंधकों को स्टेशनों पर सेल्फी बूथ लगाने के निर्देश दिए थे. निर्देश में कहा गया था कि सभी सेल्फ़ी बूथ में केंद्र सरकार की स्किल इंडिया, उज्ज्वला योजना और चंद्रयान मिशन जैसी योजनाओं का जिक्र होना चाहिए.

वहीं सामाजिक कार्यकर्ता अजय बोस ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, ‘मध्य रेलवे की तरफ से जानकारी डिप्टी जीएम अभय मिश्रा द्वारा दी गई थी, लेकिन सीपीआरओ को हटा दिया गया.’

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हालांकि मानसपुरे की जगह आए स्वप्निल डी. नीला ने इस बारे में किसी तरह की टिप्पणी से इनकार कर दिया है. कुछ अखबार ने अन्य अधिकारियों की बातचीत का हवाला देते हुए लिखा है कि यह ‘ऊपर से लिया गया फैसला’ है.

Last Updated on January 4, 2024 6:10 am

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