PM Modi Over Islamophobia: पीएम मोदी (PM ModI) का एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में पीएम मोदी इस्लाम (Islam) धर्म पर अपनी राय रख रहे हैं. वह बता रहे हैं कि इस्लाम मतलब (What is Islam?) क्या होता है और हिंसा, अशांति आदि को लेकर धर्म क्या बताती है. कुल एक मिनट सात सेकेंड का एक वीडियो है. पहले उसका हिंदी तर्जुमा लिख देता हूं. नीचे वह वीडियो भी डालूंगा ताकि आप पाठक स्वयं भी उसकी पुष्टि कर सकें. पीएम मोदी कह रहे हैं कि इस्लाम का असल मतलब शांति होता है, जैसा कि पैगंबर साहब ने भी कहा है. यह हमें याद दिलाता है कि जब हमलोग अल्लाह के 99 नामों के बारे में सोचते हैं तो किसी ने भी बल और हिंसा के लिए स्टैंड नहीं लिया था. अगर इन्हें संबोधित करने के लिए दो नाम दिया जाए तो वह होगा- बुरे प्रभाव या अभाव को दूर करने वाला और रहमदिल. अल्लाह रहमान और रहीम हैं.
फैज़ल नाम के एक ट्विटर यूज़र ने 18 मई को इस वीडियो को शेयर किया है. पहले यह वीडियो क्लिक कर देख लीजिए.
@madhukishwar कुछ नहीं तो देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री जी से ही सीख लिजिए। 🙌 pic.twitter.com/a6acQ9Nfmg
— Faisal Ahmed (@faisal2767) May 18, 2023
इस वीडियो पर प्रतिक्रिया देती हुई मधु पूर्णिमा किश्वर नाम की एक ट्विटर यूज़र लिखती हैं- जिनको चुनाव जीतने की मजबूरी है, विदेशों से शोहरत कमाने की तलब है, उनसे हमें कुछ नहीं सीखना. दरअसल वह इस्लाम का विरोध कर रही हैं, इसलिए पीएम मोदी के विचारों को भी ख़ारिज कर रही हैं.
जिनको चुनाव जीतने की मजबूरी है, विदेशों से शोहरत कमाने की तलब है, उनसे हमें कुछ नहीं सीखना @faisal2767
अब आपके मज़हब की असलियत खुल चुकी है,
और फ़रेब और अन्याय नहीं झेल सकते https://t.co/IXhoemmG22— Madhu Purnima Kishwar (@madhukishwar) May 19, 2023
अब एक बार इस वीडियो के बारे में जान लेते हैं. पीएम मोदी का यह बयान दिन गुरुवार, तारीख़ 17 मई साल 2016 का है. जब नई दिल्ली में विश्व सूफी फोरम के उद्घाटन दिवस पर वैश्विक दर्शकों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने यह बात कही थी. तीन दिन के इस आयोजन में आतंकवाद को लेकर ज़्यादा चर्चा होती रही. इस कार्यक्रम में दुनिया भर के सूफ़ी विद्वान हिस्सा ले रहे थे. इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि अल्लाह के 99 नामों में से एक भी नाम हिंसा का नहीं है और पहले दो नाम दयालु और दयालु हैं. अल्लाह रहमान और रहीम है.. जो धर्म के नाम पर आतंक फैलाते हैं, वे धर्म-विरोधी हैं. मोदी ने 13वीं शताब्दी के कवि अमीर खुसरो का जिक्र करते हुए कहा, “जब सूफीवाद का आध्यात्मिक प्रेम, ना कि आतंकवाद की हिंसक शक्ति, सीमा पार बहती है, तो यह क्षेत्र पृथ्वी पर स्वर्ग होगा. सूफीवाद भारत में इस्लाम का चेहरा बन गया, भले ही यह पवित्र कुरान और हदीस में गहराई तक बना रहा. सूफीवाद भारत के खुलेपन और बहुलवाद में फला-फूला. यह उनकी आध्यात्मिक परंपरा के साथ जुड़ा, और अपने स्वयं के भारतीय लोकाचार को विकसित किया और, इसने भारत की एक विशिष्ट इस्लामी विरासत को आकार देने में मदद की.
वहीं आतंकवाद और इस्लाम के कनेक्शन पर बोलते हुए पीएम मोदी ने जो कहा वह ध्यान देने लायक़ है. पीएम मोदी कहते हैं- आतंकवाद हमें बांटता और नष्ट करता है. आतंकवाद और उग्रवाद हमारे समय की सबसे विनाशकारी ताकत बन गए हैं, सूफीवाद के संदेश की वैश्विक प्रासंगिकता है. आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई किसी धर्म के खिलाफ लड़ाई नहीं है. ये नहीं हो सकता. यह मानवतावाद के मूल्यों और अमानवीयता की ताकतों के बीच संघर्ष है. हमें आतंकवाद और धर्म के बीच किसी भी कड़ी को खारिज करना चाहिए. धर्म के नाम पर आतंक फैलाने वाले धर्म विरोधी हैं. हमें एक समावेशी और शांतिपूर्ण समाज बनाने के लिए न केवल संवैधानिक प्रावधानों या कानूनी सुरक्षा उपायों की आवश्यकता है, बल्कि सामाजिक मूल्यों की भी आवश्यकता है, जिसमें हर कोई शामिल हो, अपने अधिकारों के बारे में सुरक्षित हो और अपने भविष्य के प्रति आश्वस्त हो. आतंकवादी उस धर्म को विकृत करते हैं जिसके कारण वे समर्थन करने का दावा करते हैं. वे कहीं और की तुलना में अपने ही देश में और अपने ही लोगों के बीच अधिक संहार और विनाश करते हैं.
वहीं सूफ़ीवाद को लेकर पीएम मोदी ने कहा था- सूफीवाद की भावना, अपने देश के लिए प्यार और गर्व है जो भारत में मुसलमानों को परिभाषित करता है. वे भारत की लोकतांत्रिक परंपरा में डूबे हुए हैं, देश में अपनी जगह को लेकर आश्वस्त हैं और अपने राष्ट्र के भविष्य के लिए कार्यरत हैं. वे भारत की इस्लामी विरासत के मूल्यों को जानते हैं. वह मूल्य जो इस्लाम के उच्चतम आदर्शों का समर्थन करता है और हमेशा आतंकवाद और उग्रवाद की ताकतों को खारिज करता है. एक राष्ट्र के रूप में, हम उपनिवेशवाद के खिलाफ और स्वतंत्रता के लिए अपने संघर्ष में खड़े हुए. आजादी के वक़्त कुछ लोगों ने पाकिस्तान चुना. लेकिन मौलाना आज़ाद और मौलाना हुसैन मदनी जैसे महत्वपूर्ण आध्यात्मिक नेताओं और लाखों-करोड़ों आम नागरिकों ने धर्म के आधार पर विभाजन के विचार को खारिज कर दिया.
The Economic Times के लेख का लिंक भी यहाँ डाल रहा हूँ ताकि आप पाठक ख़ुद भी उन बातों की पुष्टि कर सकें.
Narendra Modi praises Islam for its message of peace, harmony
यह ख़बर लिखने का मुख्य उद्देश्य यह है कि जो लोग पीएम मोदी के नाम पर इस्लाम विरोधी बातों का समर्थन करते हैं, उनतक यह बात पहुंचाई जा सके कि पीएम मोदी के विचार में इस्लाम अहिंसा और शांति की वकालत करने वाला धर्म है. बस इसी पर फ़ोकस रखें. बाक़ी नो बक़वास…
Last Updated on May 19, 2023 5:42 am