रूस और यूक्रेन (Russia Ukraine war) के बीच चल रहे युद्ध को दो महीने से ऊपर हो गए हैं. शुरूआती दिनों में ये माना जा रहा था कि यूक्रेन (Ukraine) जैसा छोटा देश रूस (Russia) से कुछ ही घंटों या दिनों में हार जाएगा. लेकिन यूक्रेन ने विश्व को दिखा दिया वे भले ही छोटा देश हो या रूस की तरह शक्तिशाली नहीं हो लेकिन युद्ध जीतने के सारे तरीके उसको आते हैं.
यूक्रेन की भारत को चेतावनी
बहरहाल, यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने भारत को चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि यूक्रेन ने युद्ध के मैदान में सबसे एडवांस रूसी हथियारों को नष्ट किया है. ऐसे में भारत को सोचना चाहिए कि वो जो हथियार रूस से खरीद रहा है क्या वे उसके लिए हितकारी है?
विदेश मंत्री के इस बयान के बाद सवाल उठने लगे हैं कि रूस जिसकी गिनती दूसरे सबसे ताकतवर देश में होती है और यूक्रेन जो किसी भी लिहाज से उसके सामने कहीं नहीं ठहरता, आखिर पिछले दो महीने से इस महाशक्ति और खतरनाक हथियारों का मुकाबला कैसे कर रहा है?
70 फीसदी सैन्य हार्डवेयर रूस में बने हैं
भारत के लिए यह खबर इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत अपने आधे से ज्यादा हथियार रूस से खरीदता है. भारत के 70 फीसदी सैन्य हार्डवेयर रूस में बने हुए हैं. हालांकि हाल के दिनों में भारत की रूस पर निर्भरता कम हुई है.
दुनियाभर में हथियारों के आयात-निर्यात पर नजर रखने वाली स्वीडिश संस्था स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के आंकड़ों के मुताबिक, 2011 से 2015 तक भारत ने 70% हथियार रूस से खरीदे थे, वहीं 2016 से 2020 के बीच ये आंकड़ा कम होकर 49% पर आ गया. जबकि, यूक्रेन से भारत सिर्फ 0.5% हथियार खरीदता है.
भारत रूस से Brahmos Missile, सुखोई-30एमकेआई (Su-30MKI), Mi हेलिकॉप्टर (Mi Helicopter), मिग-21 लड़ाकू विमान, INS विक्रमादित्य जैसे सैन्य उपकरणों को खरीदा है.
हालांकि यूक्रेन ने चेतावनी इसलिए भी जारी की है क्योंकि भारत अब तक दोनों देशों से शांति की बात जरूर करता रहा है लेकिन पूरी तरह से रूस का विरोध कभी नहीं किया. लेकिन जो आंकड़े हैं, यह बताते हैं कि भारत के पास ज्यादातर हथियार जो काफी महत्वपूर्ण हैं वह रूस से लिए गए हैं.
भारत जिसकी सीमाएं पाकिस्तान और चीन जैसे देशों से लगती है ऐसे में भारत के लिए यूक्रेन की चेतावनी को नजरअंदाज करना कितना सही होगा?
Last Updated on April 28, 2022 3:10 pm