आपसे चार्ली चैप्लिन मिलना चाहते हैं बापू..
– कौन चार्ली चैप्लिन.. ??
गांधी फिल्में नहीं देखते थे.
तो किसी ने बताया – जोकर है एक!!!
दूसरे ने टोका – नहीं बापू, एक्टर है, बहुत फेमस है…
– ठीक है. मैं अभी नहीं मिलना चाहता…
गोलमेज कांफ्रेंस (Round Table Conferences) अटैंड करने को बापू लंदन में थे. तमाम मुद्दे, राजनीतिक सवाल, दिमाग़ मे उलझ रहे थे. ऊपर से प्रेस वालों, सेलेब्रिटियों, पॉलिटिशियन्स का तांता लगा हुआ था.
कोई “मैडम तुसाद म्यूजियम” वाले बुला रहे थे. अब पता नहीं कि ये मैडम तुसाद कौन है? कोई एक गौहर जान भी है, कहते हैं कि मशहूर गायिका है. मिलने को आतुर है. एक मुलाकात के लिए 12000 रुपये दान देने की चिट्ठी लिखी है. बस, वो अपना गाना सुनाना चाहती है गांधी को..
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और गांधी चाहते थे कि समय निकालकर लंकाशायर (Lancashire) जायें. वहां के मिल-मजदूरों से मिलें.
चार्ली वाली बात आई गयी हो गई.
किंग्सले हॉल में उनके कार्यक्रम के आयोजक विलियम रिन्ड ने पूछा- आप चार्ली चैप्लिन को मिलने का समय नहीं दे रहे ?
गांधी ने अपनी असमर्थता जताई.
“आपको उससे मिलना चाहिए. वो दुनिया का सबसे मशहूर बन्दा है, ऑफकोर्स आपको छोड़कर..” रिन्ड हंसे और फिर गम्भीरता से कहा- वो आपके उद्देश्य से सहानुभूति रखता है. उसने गरीबी देखी है, बड़े क्रांतिकारी विचार रखता है. उससे मिलना, आपके कॉज में सहायक होगा..
गांधी ने सिर हिलाया, ठीक है फिर..
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चार्ल्स स्पेन्सर चैप्लिन, नाइट कमांडर ऑफ द मोस्ट एक्सीलेंट ऑर्डर ऑफ ब्रिटिश एम्पायर, उर्फ चार्ली चैप्लिन (KBE)…
अपॉइंटमेंट लेकर, अपने पैरों चलकर उस फकीर से, जिसे 1982 में पिक्चर रिलीज होने के पहले कोई जानता नहीं था, मिलने आये.
अपनी ऑटोबायोग्राफी में वे याद करते हैं, ईस्ट इंडिया डॉक रोड में, स्लम एरिया का वह घर, जहां गांधी ठहरे थे. और गांधी से मिलने के लिए सीढियां चढ़ते समय अपनी नर्वसनेस… वे गांधी से मिलकर क्या कहेंगे??
एक्टर थे, तो मन ही मन अपनी ओपनिंग लाइनें दोहरा रहे थे- “मि. गांधी, मैं आपके देश और आपके लोगो की आजादी का समर्थक हूं”
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मुलाकात अच्छी हुई (Charlie Chaplin meets Gandhi). ऑटोबायोग्राफी में चार्ली लिखते है- चरखे को देखकर मैनें पूछ ही लिया, मि. गांधी, मैं आपके सारे विचारों से सहमत हूं, लेकिन आप मशीनों का विरोध क्यो करते हैं?
“गांधी बोले- चरखा चलाने का मतलब, सारी तकनीकी का विरोध नहीं. ये उससे जुड़े आर्थिक और राजनीतिक तंत्र का विरोध है. शोषण की व्यवस्था का विरोध है. ग़रीबों से समेटकर, चंद जेबें भरने का विरोध है.
इंगलैंड ने भारत के सारे उद्योग नष्ट कर, यहां मशीनों से प्रोडक्शन शुरू किया है. ताकि यहां माल बनाकर भारतीयों को बेच सकें. वहां का धन, यहां लाया जा सके.
हम मशीन से बने कपड़े का नहीं, उस शोषण के फ़लसफ़े का विरोध करते हैं. इसलिए चरखे से भारतीय ख़ुद कपड़ा बनाये, खुद का उत्पाद पहने, चरखा चलाकर इसका संकेत देता हूं.”
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बातचीत के बाद दोनों ने साथ-साथ प्रार्थना की. गांधी ने अपने तरीके से, चार्ली ने अपने तरीके से.. गांधी का भजन ज़रा लम्बा चला, तो चार्ली भी सुनते रहे. फिर दोनों ने भोजन किया.
ऑटोबायोग्राफी में चार्ली ने “मोस्ट ब्रिलिएंट मैन ही एवर मेट” और “वन ऑफ मोस्ट गॉड लाइक एज वेल” लिखकर गांधी से मुलाकात के अध्याय को समाप्त किया.
प्रेस और मीडिया से, 45- बेक्टन रोड के दोनो फ्लोर पैक थे. हजारों लंदनवासी, सड़क पर इकट्ठे थे. गांधी और चार्ली की मुलाकात का गवाह बनने के लिए.. वो 2 सितंबर 1931 की शाम थी.
और 2024 की भी एक शाम है, जब पीएम मोदी कह रहे हैं कि November 1982 में रिचर्ड एटनबरो की फ़िल्म ‘गांधी’ के बनने के बाद दुनिया को उनमें दिलचस्पी हुई.
‘गांधी’ फिल्म आने से पहले दुनिया में महात्मा गांधी को कोई नहीं जानता था, पीएम नरेंद्र मोदी के इस बयान से आप कितने सहमत? #Pmmodi #पीएममोदी #BJP #loksabhaelections2024 pic.twitter.com/KsQH3Hqj5e
— News Muni (@newswalemuni) May 29, 2024
चार्ली चैप्लिन ने October 1940 में तानाशाह हिटलर का मजाक उड़ाते हुए अपनी सर्वकालिक महान क्लासिक ” द ग्रेट डिक्टेटर” बनाई थी. जिसके अंत में उन्होंने अपना सन्देश दिया. चैप्लिन शांति, अहिंसा, प्रेम और साहचर्य की बातें करते हैं.
आपसे चार्ली चैप्लिन मिलना चाहते है बापू..
– कौन चार्ली चैप्लिन.. ??गांधी फिल्में नही देखते थे।
तो किसी ने बताया – जोकर है एक!!!दूसरे ने टोका – नही बापू, एक्टर है,
बहुत फेमस है…– ठीक है। मैं अभी नही मिलना चाहता…
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गोलमेज कॉन्फ्रेंस अटैंड करने को बापू लन्दन में… pic.twitter.com/ebd1v5IeLA— Manish Singh (@RebornManish) May 29, 2024
जब वे गरिमा और मानवता को लालच, नफरत, अहंकार और मशीनों से ज्यादा ज़रूरी बताते हैं तो उनकी बातों में गांधी से मुलाकात की छाप दिखती है. और चैप्लिन की ज़ुबान से जब गांधी बोलते दिखाई देते हैं, तब आपका, मेरा और हिंदुस्तान का सीना गर्व से दोगुना हो जाता है.
Manish Singh के X अकाउंट (@RebornManish) से…
डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं. लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है. इसके लिए Newsmuni.in किसी भी तरह से उत्तरदायी नहीं है.
Last Updated on May 29, 2024 6:05 pm