चुनाव से ठीक पहले Gurmeet Ram Rahim को पैरोल क्यों, BJP को Rapist का समर्थन चाहिए?

गुरमीत राम रहीम बार-बार सलाखों से बाहर कैसे आ जाता है? अब तक वह पैरोल पर क़रीब 275 दिन बाहर रह चुका है. वह जब भी जेल से पैरोल पर बाहर निकलता है कहीं ना कहीं चुनाव चल रहा होता है. इसे अब संयोग कहें या प्रयोग?

Rapist Gurmeet Ram Rahim got 15th parole ahead of Haryana assembly polls on October 5 (PC-FB@Saint Dr. Ram Rahim MSG )
Rapist Gurmeet Ram Rahim got 15th parole ahead of Haryana assembly polls on October 5 (PC-FB@Saint Dr. Ram Rahim MSG )

बालात्कारी गुरमीत राम रहीम (Rapist Gurmeet Ram Rahim) ने अपने अनुयायियों से BJP को वोट देने की अपील की है. हालांकि शनिवार को हरियाणा में मतदान समाप्त हो चुका है. लेकिन गुरमीत राम रहीम की चर्चा खूब हो रही है. वह इसलिए कि दुष्कर्म मामले में सज़ा काट रहा गुरमीत राम रहीम (Rapist Gurmeet Ram Rahim) पैरोल पर एक बार फिर बाहर है. और 20 दिन की पैरोल की शर्त थी कि गुरमीत ना तो राजनीतिक गतिविधि करेगा और ना ही सोशल मीडिया पर प्रचार प्रसार. तो क्या गुरमीत खुले तौर पर कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ा रहा है?

इकोनॉमिक टाइम्स (ET) के मुताबिक डेरा सच्चा सौदा में गुरुवार रात आयोजित एक सत्संग में मौन तरीके से सभी अनुयायियों से BJP को वोट देने की अपील की गई. खुले मंच से कोई घोषणा नहीं की गई. डेरे के पदाधिकारी खुले आंगन में भक्तों के बीच गए और सभी से BJP को वोट देने को कहा.

दरअसल बालात्कार मामले में 20 साल की सज़ा होने के बाद से डेरा सच्चा सौदा में सत्संग का स्वरूप बदल गया है. राजनीतिक मामलों की समिति भंग की जा चुकी है और अब पदाधिकारी और अनुयायी ही सत्संग का आयोजन करते हैं. तो क्या यह तरीका क़ानून की आंखों में धूल झोंकने के लिए अपनाया गया है?

ET से बात करते हुए एक पदाधिकारी ने बताया कि सभी अनुयायियों से अपनी कॉलोनी के 5 अन्य लोगों को वोट डलवाने को कहा गया है. साथ ही उनसे सभी बूथ पर एक्टिव रहने को भी कहा गया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बालात्कारी गुरमीत फ़िलहाल अपने बागपत आश्रम में है. पंजाब-हरियाणा में दलित समुदाय के बीच डेरा सच्चा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का ख़ूब दबदबा है. वह पहले भी BJP के लिए वोट मांगने की अपील करता रहा है.

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तो क्या ‘लव चार्जर’ बालात्कारी गुरमीत क़ानून को ठेंगे पर रखता है क्योंकि उसके पास BJP है? क्या यही वजह है कि चुनाव से पहले राम-रहीम को आसानी से पैरोल मिल जाता है.

हत्या और बालात्कार जैसे संगीन मामले में उम्रक़ैद की सज़ा काट रहा गुरमीत राम रहीम बार-बार सलाखों से बाहर कैसे आ जाता है? अब तक वह पैरोल पर क़रीब 275 दिन बाहर रह चुका है. वह जब भी जेल से पैरोल पर बाहर निकलता है कहीं ना कहीं चुनाव चल रहा होता है. इसे अब संयोग कहें या प्रयोग?

इस बार बुधवार को जब वह जेल से पैरोल पर बाहर आया तो हरियाणा में चुनाव चल रहा था. चुनाव आयोग ने आदेश दिया कि बालात्कारी गुरमीत (Rapist Gurmeet Ram Rahim) चुनाव के दौरान हरियाणा से बाहर रहेगा. तो क्या इतने भर से सवाल उठने बंद हो जाएंगे? महीना भर पहले भी बालात्कारी गुरमीत (Rapist Gurmeet Ram Rahim) पैरोल पर बाहर रह कर गया था. सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि सैकड़ों ऐसे मामले हैं जहां सजायाफ़्ता तो छोड़ दीजिए आरोपियों तक को जमानत नहीं मिलती.

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बालात्कारी गुरमीत के लिए जेल की नियमावली अलग क्यों? इससे पहले बालात्कारी गुरमीत हरियाणा निकाय चुनाव से ठीक पहले भी 30 दिन के पैरोल पर बाहर आया था. आदमपुर विधानसभा उपचुनाव से पहले 40 दिनों का पैरोल पर भी बाहर आया था. राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले भी 29 दिनों के पैरोल पर बाहर आया था और हरियाणा पंचायत चुनाव से पहले भी.

Last Updated on October 6, 2024 11:20 am

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